Tuesday, June 25, 2013

विधायक को भी बिल्डर ने नहीं बख्शा, दबाई पौन एकड़ जमीन

0 विधायक की शिकायत पर गोलबाजार थाने में बाजपेयी दंपत्ति पर धोखाधड़ी का एक और मामला दर्ज
सरकारी जमीन दबाने के मामले में फंसे बिल्डर संजय बाजपेयी ने रायपुर ग्रामीण के विधायक भी नहीं बख्शा। संजय और उसकी पत्नी सरिता बाजपेयी के खिलाफ रायपुर ग्रामीण के विधायक नंदकुमार साहू उर्फ नंदे साहू ने परिवार की पुश्तैनी जमीन हथियाने की शिकायत की है। शिकायत के आधार पर बाजपेयी दंपत्ति के खिलाफ एक और धोखाधड़ी का मामला गोलबाजार पुलिस ने कायम कर लिया है। बोरियाकला, माना स्थित विधायक साहू के परिवार की संयुक्त खाते की करीब पौन एकड़ जमीन को बाजपेयी द्वारा फर्जी तरीके से अपने नाम पर करा लेने का खुलासा हुआ है। बाजपेयी दंपत्ति के खिलाफ यह तीसरा मामला रविवार की देर रात कायम किया गया ।यह जमीन एक करोड़ की बताई जा रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बोरियाकला, माना निवासी रायपुर ग्रामीण विधायक नंदकुमार साहू उर्फ नंदे साहू पिता मंगलू साहू (50) ने कुछ महीने पहले कलेक्टर से मिलकर लिखित में यह शिकायत की थी कि बिल्डर संजय बाजपेयी ने बोरियाकला में उनके परिवार के स्वामित्तव की संयुक्त खाते की खसरा नंबर 752 की 0.397 हेक्टेयर जमीन (पौन एकड) को किसी वैशाखू राम से खरीदना बताकर उसे अपने नाम पर रजिस्ट्री करा ली। बाद में इस जमीन का सौदा तयकर उसने किसी दूसरे व्यक्ति से पैसे लेकर बेच दिए।विधायक का कहना था  कि वैशाखूराम नामक व्यक्ति कौन है, वे नहीं जानते और न ही इस नाम से उनके परिवार में कोई सदस्य है। पंजीयन दफ्तर से इस फजीवाड़े की उन्हें जानकारी हुई। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए एसपी को मामला भेजा था। गोलबाजार टीआई शमशेर खान ने बताया कि शिकायत के आधार पर बाजपेयी दंपत्ति के खिलाफ धारा 420, 467, 468 का अपराध कायम कर लिया है। अभी पीड़ित पक्ष का बयान लेना बाकी है, इसके बाद आरोपी बिल्डर से पूछताछ की जाएगी।
गौरतलब है कि मौदहापारा और गोलबाजार थाने मे पहले से बिल्डर संजय बाजपेयी के खिलाफ कमल विहार प्रोजेक्ट की सरकारी जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने नाम पर करा लेने का अपराध कायम किया जा चुका है। इस मामले में बिल्डर संजय  चार दिन की पुलिस रिमांड पर गोलबाजार पुलिस की अभिरक्षा में है। बाजपेयी पर सरकारी जमीन पर नाले का निर्माण व सड़क बनाकर उसे कब्जा करने का आरोप लगा है। आरडीए ने जो रिपोर्ट बनाई है उसके मुताबिक बाजपेयी ने करीब 30 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है। इस हाईप्रोफाइल धोखाधड़ी की जांच मौदहापारा और गोलबाजार पुलिस के अलावा डीजीपी द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच कमेटी भी कर रही है। टीआई का कहना है कि संजय से पूछताछ चल रही है। दस्तावेज जब्त करने की कार्रवाई अभी नहीं हो पाई है। राजस्व कार्यालय से संबंधित दस्तावेज जब्त कर इसकी जांच की जाएगी।
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 बिल्डर संजय बाजपेयी को गोलबाजार पुलिस के हवाले 0 चार दिन का पुलिस रिमांड कोर्ट ने किया मंजूर
0 जेल भेजने के आदेश के बाद कोर्ट से अनुमति लेकर दूसरे मामले में गिरफ्तारी कर पुलिस ने लिया रिमांड
सरकारी जमीन दबाने के मामले में फंसे बिल्डर संजय बाजपेयी को शनिवार एक कोर्ट ने जहां न्यायायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया वहीं दूसरे कोर्ट ने गोलबाजार पुलिस के आवेदन पर उसे चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दे दिया। कोर्ट का आदेश मिलते ही आरोपी बिल्डर को गोलबाजार थाने में लाकर पूछताछ की जा रही है।
मौदहापारा पुलिस ने शनिवार दोपहर बिल्डर संजय बाजपेयी को जैसे ही न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती योगिता विनय वासनिक के कोर्ट में पेश किया, वहां लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। मौदहापारा पुलिस ने बिल्डर को तीसरी बार पुलिस रिमांड पर लेने के लिए अर्जी नहीं दी, इसलिए जज श्रीमती वासनिक ने जेल वारंट तैयार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया। इसी बीच गोलबाजार पुलिस ने अपने यहां दर्ज धोखाधड़ी के मामले में बिल्डर की गिरफ्तारी की कार्रवाई पूरी करने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट लवकेश प्रताप सिंह बघेल के कोर्ट में 7 दिन की पुलिस रिमांड पर लेने अर्जी लगाई। दोपहर बाद इस पर सुनवाई करते हुए जज श्री बघेल ने 4 दिन की रिमांड मंजूर करते हुए 26 जून की शाम 4 बजे तक आरोपी को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।
वकील ने किया पुलिस रिमांड का विरोध
बिल्डर संजय बाजपेयी की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता फैजल रिजवी ने मौदहापारा पुलिस द्वारा दो बार तथा तीसरी बार गोलबाजार पुलिस द्वारा रिमांड मांगें जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रकरण एक है और अलग-अलग थाने में दर्ज है। मौदहापारा पुलिस ने पहले ही रिमांड पर लेकर पूछताछ व संबंधित दस्तावेजों को जब्त कर चुकी है। मेरे हिसाब अब कोई दस्तावेज जब्त करना शेष नहीं रह गया है। जो दस्तावेज बचे हैं, वे राजस्व न्यायालय, नगर तथा ग्राम निवेश दफ्तर में हैं। ऐसे में पुलिस रिमांड का कोई औचित्य नहीं है। केवल मुवक्कील को मानसिक प्रताड़ना देने के लिए रिमांड पर लिया जा रहा है।
राजनीतिक षड्यंत्र पर साधा मौन
बिल्डर संजय बाजपेयी से जब मीडियाकर्मियों ने मामले में 'राजनीतिक षड्यंत्र" के संबंध में जानना चाहा तो वह मौन साध कर आगे बढ़ने लगा। जोर देने पर कहा कि वक्त आने पर जरूर बताऊंगा, फिलहाल कोर्ट के फैसले का इंतजार करें। 
कहा- प्लाट खरीदने वाले घबराएं नहीं
बिल्डर संजय बाजपेयी जैसे ही पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट से बाहर निकले, मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया। बाजपेयी ने चर्चा करते हुए कहा कि न्यू स्वागत विहार कालोनी में प्लाट लेने वालों को घबराने की जरूरत नहीं है, मुझ पर भरोसा रखें। आने वाले दिनों में सब कुछ क्लीयर हो जाएगा। कोर्ट व न्याय पर मुझे पूरा भरोसा है।
डीजीपी ने बनाई जांच कमेटी
कमल विहार प्रोजेक्ट की सरकारी जमीन के फर्जीवाड़े की जांच के लिए शनिवार को डीजीपी रामनिवास ने जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी में भिलाई ( रेडियो) एसपी धमेंद्र गर्ग, सीएसपी बिलासपुर आईपीएस अभिषेक मीणा शामिल किए गए है। जांच टीम  का सहयोग विशेष अनुसंधान सेल के अफसर तथा मौदहापारा, गोलबाजार थाना प्रभारी, विवेचना अधिकारी, राजस्व अधिकारी, नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारी करेंगे। कमेटी मामले की जांच कर आईजी, एसपी और सीआईडी आईजी को रिपोर्ट करेंगी। रविवार को जांच टीम राजधानी पहुंच जाएगी।
सीमाकंन रिपोर्ट फर्जी निकला
सरकारी जमीन पर किए गए कब्जा मामले बिल्डर संजय बाजपेयी द्वारा विकास अनुज्ञा के लिए जमा कराया गया बी वन व सीमाकंन रिपोर्ट फर्जी पाया गया है। एएसपी आईएच खान ने बताया कि राजस्व अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि दस्तावेजों में प्रशासनिक अधिकारियों के हस्ताक्षर को स्कैन करके कापी लगाया गया हैं। इस कारण यह भी जांच की जा रही है कि कितने दस्तावेजों में स्कैन और कितने में असली हस्ताक्षर हैं। स्कैन किए गए हस्ताक्षरों व लेखनी की संबंधित अफसरों व बिल्डर के फिंगर प्रिंट से इसका मिलान किया जा रहा है।

बिल्डर संजय बाजपेयी को कोर्ट के आदेश पर चार दिन के पुलिस रिमांड पर गोलबाजार पुलिस के हवाले किया गया है। पूछताछ के बाद पुलिस को उसे कोर्ट में पेश करना होगा।
फैजल रिजवी
अधिवक्ता

कोर्ट की अनुमति से नियमानुसार आरोपी बिल्डर की गिरफ्तारी की कार्रवाई कर अपने यहां दर्ज मामले में पूछताछ करने हमने पुलिस रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया था, जहां से चार दिन के रिमांड का आदेश मिला है।
शमशेर खान
टीआई, गोलबाजार
 

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