Saturday, June 29, 2013

जालसाजों का जन्नात बना छत्तीसगढ़!

0 दीमक की तरह चट कर रहे हैं लोगों की गाढ़ी कमाई
0 दो दर्जन से भी ज्यादा फर्जी कंपनियाँ अब भी सक्रिय
0 कार्रवाई में ढिलाई के चलते फैला रहे हैं अपना नेटवर्क
छत्तीसगढ़ अब जालसाजों के लिए जन्नात बन चुका है। यहाँ देश भर की कई तमाम कंपनियों ने अपना जाल फैला रखा है जिनका मक्सद लोगों से इनवेस्टमेंट के नाम पर रकम जमा करवाना और जमा होने के बाद उसे लेकर रफूचक्कर हो जाना है। पुलिस के पास भी दर्जनभर मामले सामने आ चुके हैं जिन पर मामला दर्ज कर तहकीकात तो की जा रही है लेकिन अभी भी दो दर्जन से भी ज्यादा कंपनियाँ राज्य के अलग-अलग इलाकों में लोगों की गाढ़ी कमाई दीमक की तरह चट करने में अमादा है।
कुछ सालों पहले जेवीजी नाम की एक कंपनी ने लोगों का जेब हल्का कर राज्य से अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया था। इसके बाद से राज्य में एक के बाद एक कंपनी आती गई और लोगों को अपने झांसे में लेकर उनकी मेहनत की कमाई पर डाका डालते रहे। कंपनियों पर कार्रवाई की शुरूआत वर्ष 2010 में रायपुर के सिविल लाइन थाने में कल्चुरी इनवेस्टमेंट के खिलाफ हुई। कंपनी ने ज्यादा ब्याज का लालच देकर लोगों से लगभग दस करोड़ ऐंठ लिए मामला जाँच में है। इसके बाद से माइक्रो प्लान एसोसिएशन एवं बाबूजी चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा संडे हॉली-डे शिक्षा प्लान के नाम पर लोगों को लुभावने सपने दिखाकर ऐसे ठगा कि वे अपनी गाढ़ी कमाई ही कुर्बान कर गए। कंपनी ने इस योजना के तहत जिला फ्रेंचायजी देने पर 3 लाख 80 हजार व ब्लॉक स्तर पर 1 लाख 80 हजार रुपए की शर्त रखी थी और कईयों ने यह शर्त पूरी भी कर दी थी। कंपनी ने अपने डीलरों को बोलेरो गाड़ी देने का भी वायदा किया था।
रॉयल केयर विजन था पूरे राज्य में सक्रिय
पहले सरसींवा फिर पलारी और उसके बाद पंडरी थाने में मामला दर्ज होते ही रॉयल केयर विजन मदुरई के फर्जीवाड़े का भंडाफोड हुआ। कंपनी ने अधिकतम 16 प्रतिशत ब्याज देने का लालच देते हुए राज्य में दर्जनों लोगों को चूना लगाया। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह फर्जीवाड़ा 20 करोड़ रुपये का है। मामले में कंपनी के डायरेक्टर एम वेलायुथा कुमार सहित स्थानीय एजेंट गिरफ्तार किए गए हैं।
स्थानीय बेरोजगारों को एजेंट
राज्य से बाहर आने वाली तमाम कंपनियाँ स्थानीय बेरोजगार युवकों को अपनी कंपनी की स्कीम बताकर झांसे में ले लेती है। युवक इलाके में अपनी जान पहचान का फायदा उठाकर कंपनी के लिए कलेक्शन करते हैं। शुरू में तो सब कुछ ठीक रहता है लेकिन जैसे-जैसे कंपनी रकम बटोरती जाती है वैसे-वैसे एजेंटों और इनवेस्ट करने वालों को दिक्कतें शुरू हो जाती है। कई मामले ऐसे आए हैं जिसमें कंपनी रकम लेकर चलती बनी और फंसे एजेंट।
स्कूली छात्रों को भी नहीं बख्शा
कुछ साल पहले ही रायपुर में आए राजेश शर्मा ने पूरे राज्य में अपने स्कूल ग्रुप डाल्फिन इंटरनेशनल स्कूल का जाल फैला लिया और पालकों से 12 वीं तक की पढ़ाई के नाम पर एक से डेढ़ लाख रुपए ले लिया गया बाद में स्कूल का संचालक राजेश अपने परिवार के साथ कहाँ गायब हुआ इसका आज तक पता नहीं चला पाया है। पूरे राज्य भर में 14 हजार बच्चों का भविष्य अधर में आ गया। 50 करोड़ से भी ज्यादा फर्जीवाड़े का अनुमान है। कई पालकों ने अपनी गाढ़ी कमाई बच्चे के सुनहरे भविष्य की कल्पना में लगा दी तो कईयों ने अपनी जमीन बेचकर।
उत्पादों का भी लिया जाता है सहारा
अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन छपवाकर दैनिक उपयोग के सामान बेचने के लिए आउटलेट खोलने का झांसा देने वाली कंपनी स्माइल रिटेल इंडिया प्रा. लि. ने कई बेरोजगारों को अपनी जाल में फंसाया है। कंपनी स्माइल बाजार, स्माइल सुपर, स्माइल एरिस्टोकेट, स्माइल क्लासिक, स्माइल एक्सप्रेस व स्माइल लोकल जैसी स्कीम चलाने के बाद लोगों से रुपए लेने के बाद अपने दिए वायदों से मुकर गया। इसी तरह कई कंपनियाँ है जिसने अपने प्रोडक्ट को बेचने के नाम पर लोगों को छला है।
समय के साथ बदलता जालसाजी
जालसाजों ने खुद को समय के साथ बदला है। किसी जमाने में नेटवर्किंग व चेन सिस्टम से उपभोक्ता जोड़ने वाले लोगों की जालसाजी का भंडाफोड़ होने के बाद अब कुछ कंपनियों ने अपने स्कीम में बदलाव कर दिया है। कोतवाली थाने में दर्ज एक मामले में आईवा नाम की एक कंपनी ने मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियाँ फैला दी और जब यह भ्रांति फैल गई तो उसके बचाव के लिए मोबाइल चिप कवर, हार्टगार्ड और अन्य उत्पादों की बिक्री के नाम पर कुछ लोगों से 21 लाख रुपए ऐंठ कर कंपनी शटर बंद कर फरार हो गई। मामले में आरोपी गिरफ्तार होकर जमानत पर रिहा किए गए हैं।
विशेष अनुसंधान सेल से उम्मीद
राजधानी में विशेष अनुसंधान सेल के गठन के साथ ही जालसाजों की उलटी गिनती शुरू हो गई। सेल को एक के बाद एक फर्जीवाड़े के मामले मिलते गए और उन मामलों की तहकीकात में सच सामने आते गए। फर्जी कंपनियों के खिलाफ सेल में अभी 13 मामलों की जाँच चल रही है जिसमें कई आरोपी गिरफ्तार भी किए गए हैं। पाँच मामलों में चालान पेश भी किए जा चुके हैं।
'''बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियाँ सक्रिय हैं। यह समस्या सिर्फ छत्तीसगढ़ की ही नहीं है बल्कि पूरे देश में ऐसी कंपनियों का जाल फैला हुआ है। हमारे पास शिकायत आने पर हम कार्रवाई करते हैं। लोगों को पहले कंपनी के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल करना चाहिए उसके बाद इनवेस्टमेंट के बारे में सोचना चाहिए"""
राजकुमार देवांगन, आईडी सीआईडी
'''राज्य में सक्रिय कंपनी अपने स्कीमों के जरिए लोगों को चूना लगाती है। कभी लोगों को आकर्षक ब्याज का लालच दिया जाता है तो कभी चैनल पार्टनर व किसी प्रोडक्ट से जोड़कर अपना स्कीम लाते हैं। लोग समझ नहीं पाते कि इन पर भरोसा करें या न करें क्योंकि जब एजेंट लोगों के पास पहुंचता है तो लुभावने वादे में आकर इनवेस्ट कर देते हैं।""""
अशोक जोशी, टीआई, विशेष अनुसंधान सेल
धोखाधड़ी के मामले
0 सिविल लाइन थाने में वर्ष 2010 में कल्चुरी इन्वेस्टमेंट के नाम पर 3,4,5,6 महीने में 70,80,90 और 100 प्रतिशत ब्याज देने के नाम पर 21 लाख की धोखाधड़ी
0 टिकरापारा थाने में माइक्रो प्लान एसोसिएशन व बाबूजी चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा संडे हॉली-डे शिक्षा प्लान के तहत हर जिले में फ्रेन्चायजी देने के नाम पर 17 लाख का गबन
0 सरसींवा, पलारी और पंडरी थाने में मदुरई तमिलनाडु की रॉयल केयर विजन कंपनी ने राज्य भर से 20 करोड़ की राशि ऐठ ली। मामले में पाँच एजेंटों सहित कंपनी के मैनेजिंग डारेक्टर गिरफ्तार
0 राजिम थाने में जीजेएस इन्वेस्टमेंट कंपनी के नाम पर शेयर मार्केटिंग व जमीन खरीदने का लालच देते हुए आरोपियों ने लोगों से साढे चार करोड़ रुपए उगाहे और राशि हडप कर फरार हो गए। मामले में एक आरोपी गिरफ्तार कोर्ट में चालान पेश।
0 सिविल लाइन थाने में एसिस्टेंट प्लाटून कमांडर सनंद यादव, उसकी पत्नी दिप्ती यादव और फागुराम साहू ने 62 लाख रुपए लोगों से लेकर फरार हो गए थे। बाद में आरोपियों को सेल ने गिरफ्तार किया।
0 सरस्वती नगर, गोबरा नवापारा थाने में डाल्फिन स्कूल संचालक राजेश शर्मा व उसकी पत्नी उमा शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मामले में 20 करोड़ के फर्जीवाड़े का अनुमान है।
0 सिविल लाइन थाने में स्माइल रिटेल इंडिया प्रा. लि. में लोगों के साथ धोखाधड़ी का मामला। मामले में एमडी राजेन्द्र कुमार बेहरा गिरफ्तार
0 सिविल लाइन में ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिकल कंपनी खोलकर बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के एवज में मोटी फीस लेकर फर्जीवाड़ा किया गया।
0 कोतवाली में आईवा कंपनी द्वारा लोगों को भ्रामक जानकारी देते हुए मोबाइल प्रोडक्ट देने के नाम पर लोगों से 21 लाख की धोखाधड़ी      


 

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