Tuesday, June 25, 2013

कोई सांप डसने से मरा तो किसी पर गिरी गाज

0 सर्पदंश और गाज गिरने से मौत के मामले में दूसरे नम्बर पर छत्तीसगढ़
0 पिछले साल सांप डसने से 759 व गाज गिरने से 166 लोग मरे
सर्पदंश और गाज गिरने से मौत के मामले में छत्तीसगढ़ दूसरे नम्बर पर है। यहां पिछले साल सांप के डसने से 760 लोगों की मौत हुई, जबकि गाज गिरने से 166 लोगों की जान चली गई। सर्पदंश से मौत के मामले में  प्रदेश का यह आंकड़ा देशभर के आंकड़े का 5.4 प्रतिशत है, वहीं और गाज गिरने से मौत के मामले में 67.5 प्रतिशत है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने देशभर के आपराधिक ग्राफ के बाद दुर्घटनाओं का ग्राफ भी जारी कर दिया है। राज्यों की आबादी और घटनाओं की संख्या के अनुपात में राज्यों को पायदान पर रखा गया है। इस आधार पर सर्पदंश और गाज गिरने के मामले में छत्तीसगढ़ की स्थिति चिंतनीय है। वर्ष 2012 में यहां सर्पदंश से 442 पुस्र्षों और 318 महिलाओं की मौत हुई है। इसी तरह गाज गिरने से 115 पुस्र्षों और 51 महिलाओं की जान गई है। जबकि इंसानों द्वारा बनाई गई बिजली की चपेट में आने से प्रदेश के 392 पुस्र्षों और 82 महिलाओं ने जान गंवाई।
प्रदेश में वेनम की कमी
प्रदेश में एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता न के बराबर है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि दवा बनाने वाली कंपनी ने ऑर्डर लेना ही बंद कर दिया है। बचे इमरजेंसी स्टॉक से ही स्थिति से निपटने की तैयारी रखी गई है। नागलोक कहे जाने वाले जशपुर और दक्षिण बस्तर में सांप काटने की दवा लगभग खत्म होने की कगार पर है।
1581 लोगों की जलसमाधि
बोट या अन्य तरह से डूबने पर यहां एक हजार 581 लोगों की मौत हुई है। इसमें पुस्र्षों की संख्या एक हजार 112 और महिलाओं की 469 है। यह देशभर के आंकड़े का 11.2 प्रतिशत है। इस मामले में छत्तीसगढ़ देश में छठे स्थान पर है।
स्थिति गंभीर है प्रदेश की
विभिन्न् प्राकृतिक और अप्राकृतिक घटनाओं के कारण मौत के मामले में छत्तीसगढ़ की स्थिति गंभीर है। एनसीआरबी ने प्राकृतिक घटनाओं की श्रेणी में 12 और अप्राकृतिक की श्रेणी में डेढ़ दर्जन कारणों को सूची में रखकर आंकड़े तैयार किए हैं। इसमें भी छत्तीसगढ़ दूसरे पायदान पर है। प्रति एक लाख की आबादी में देशभर में मौत का आंकड़ा 32.6 फीसदी है। लेकिन छत्तीसगढ़ में यही आंकड़ा 58.2 फीसदी रहा। पहले नम्बर पर पांडिचेरी है, जहां मौत का आंकड़ा 80.1 फीसदी है। तीसरे नम्बर पर गोवा में 58.1 फीसदी है। आंकड़ों को प्रतिशत के बजाए मौत की संख्या पर गौर किया जाए तो महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 62 हजार 95 लोग मरे। दूसरे नम्बर पर मध्यप्रदेश में 36 हजार 17 और तीसरे नम्बर पर छत्तीसगढ़ में 14 हजार 380 लोगों की मौत हुई।
दुर्ग में रायपुर से ज्यादा सड़क हादसे
एनसीआरबी ने देशभर की 27 मेगा सिटी की भी रिपोर्ट जारी की है। रोड एक्सीडेंट में छत्तीसगढ़ में दुर्ग-भिलाई में रायपुर से ज्यादा मौतें हुई हैं। दुर्ग में यह आंकड़ा 75.9 प्रतिशत रहा, जबकि रायपुर में 64.2 फीसदी। रोड एक्सीडेंट में सभी मेगा सिटी में जबलपुर सबसे ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि यहां पिछले साल 92.6 फीसदी मौत का आंकड़ा रहा।
अप्राकृतिक घटनाओं की ग्रास ज्यादा बने
आंकड़ों के अनुसार लोग अप्राकृतिक घटनाओं के शिकार ज्यादा बने हैं। विभिन्न् अप्राकृतिक घटनाओं में देश में तीन लाख 72 हजार 22 लोगों की मौत हुई, जबकि प्राकृतिक घटनाओं के ग्रास 22 हजार 960 लोग बने। इसी तरह छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक घटनाओं ने 246 लोगों को शिकार बनाया, वहीं अप्राकृतिक घटनाओं में 14 हजार 134 लोगों की मौत हुई
 

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