Saturday, June 15, 2013

जमीन के नीचे दबा है खजाना, लेकिन हिम्मत नहीं यहां जाने की



ओडि़सा की बॉर्डर से लगे पैलीखंड इलाके में हीरे की अकूत खदानें मौजूद हैं। यहां जरा सी खुदाई करने पर बहुमूल्य हीरे निकल आते हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने की हिम्मत कोई नहीं कर पाता। कारण यहां पर नक्सलियों की मौजूदगी।छत्तीसगढ़ के दूरवर्ती जंगली इलाकों में नक्सलियों का राज है। इस इलाके में एक ऐसा इलाका है, जहां जमीन के नीचे हीरे का भंडार है। इस इलाके को नक्सलियों ने अपने कब्जे में ले लिया है। कुछ साल पहले तक इस इलाके की सुरक्षा में पुलिस चौकी हुआ करती थी, लेकिन नक्स​लियों ने इस इलाके में पैठ बनाई और अब पूरे इलाके पर इनकी ही तूती बोलती है। राजधानी रायपुर से कोई 150 किलोमीटर दूर स्थित पैलीखण्ड गांव में 18 एकड़ में फैले हीरे का यह क्षेत्र उड़ीसा की सीमा पर स्थित है और यहां उच्च श्रेणी के हीरे का भंडार है।लीखण्ड में हीरे का यह इलाका अब माओवादियों के कब्जे  में है। जुलाई 2009 में यहां पर माओवादियों का प्रभाव बढ़ गया था, इसके बाद से यहां की पुलिस चौकी को हटा लिया गया। ऐसा मजबूरी में किया गया क्योंकि इलाके में कोई गश्ती पर जाने को तैयार ही नहीं था।राज्य सरकार ने वर्ष 2000 में एक निजी कंपनी, बी विजयकुमार छत्तीसगढ़ एक्सप्लोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को पुर्वेक्षण लाइसेंस प्रदान किया था, लेकिन एक वर्ष बाद लाइसेंस रद्द कर दिया गया। उस इलाके को बाड़ से घेर दिया गया और वहां सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया था।उसके बाद कंपनी ने लाइसेंस रद्द करने के राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनी की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है कि पैलीखण्ड में उच्च श्रेणी के हीरे का भंडार है।
बलौदाबाजार : लाइमस्टोन, सोने के भंडार

यह इलाका औद्योगिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां सबसे ज्यादा लाइन स्टोन के भंडार हैं। यहां कई छोटे-बड़े सीमेंट उद्योग चल रहे हैं। प्रस्तावित बलौदाबाजार जिले के कसडोल ब्लाक में सोने के भंडार हैं। वहां के सोनाखान और बघमरा में 2730 किलो सोने के भंडार का सर्वेक्षण हो चुका है।
गरियाबंद : हीरा और वनोपज

यह इलाका घने जंगल वाला होने के कारण नक्सल प्रभावित है। कुछ महीनों से वहां नक्सलियों की हलचल हो रही है। गरियाबंद के मैनपुर में हीरे के भंडार होने की पुष्टि हो चुकी है। बेहराडीह और पायलीखंड में हीरा और अन्य रत्न हैं। वहीं देवभोग के सेंधमुड़ा में अलेक्जेड्राइट के भंडार हैं। शिक्षा की दृष्टि से यह इलाका काफी पिछड़ा है।

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