Friday, June 28, 2013

कबाड़ का धंधा फिर आबाद

0 आउटर में फलने-फूलने लगा है कारोबार
 राजधानी के आउटर इलाके में एक बार फिर कबाड़ का धंधा आबाद हो गया है। एक समय कबाड़ के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के पीछे राजधानी पुलिस हाथ धोकर पड़ी हुई थी। उस समय बड़े कारोबारियों के यार्ड में मारे गए छापे के दौरान करोड़ों का लोहा पकड़ा गया था। इस छापे की कार्रवाई के बाद बड़े से लेकर छोटे कबाड़ी धंधा बंदकर भूमिगत हो गए थे। कई लोहा कारोबारियों को भारी क्षति उठानी पड़ी थी। पुलिस की छापे व धरपकड़ की कार्रवाई लंबे समय तक बंद होने से राजधानी के आउटर में कबाड़ का धंधा फिर से फलने-फूलने लग गया। छोटे से लेकर बड़े कबाड़ी पूर्व में हुए नुकसान की भरपाई करने में लगे हंै।
राजधानी के मौदहापारा, आमानाका क्षेत्र के टाटीबंध, हीरापुर, उरला, खमतराई, भनपुरी सहित अन्य स्थानों में रात के समय कबाड़ का खुला खेल देखा जा सकता है। लंबे समय के बाद शुक्रवार को तड़के पुलिस द्वारा राजधानी के विभिन्ना इलाके में कबाड़ियों के यार्ड में मारे गए छापे में इसका खुलासा हुआ है। टाटीबंध में ट्रकों को काटकर बेचने और शहर में लगातार बाइक चोरी की घटनाओं को देखते हुए आईजी व एसपी ने कबाड़ियों पर नकेल कसने के निर्देश दिए, जिसके बाद छापे की कार्रवाई की गई। कई यार्डों भारी मात्रा में चार व दो पहिया के पार्ट्स मिले हैं। संदेह है कि चोरी की गाड़ियों को खरीदकर कबाड़ी इन गाड़ियों के पार्ट्स अलग-अलग कर बाजार में बेच देते हैं।
हाथ नहीं आती बड़ी मछली
चार साल पहले टाटीबंध चौक के समीप जीई रोड से लगे दिनेश अग्रवाल के यार्ड में पुलिसिया छापे में मिले करोड़ों के लौह अयस्क के बाद राजधानी पुलिस ने बड़े कबाड़ियों पर सीधे नकेल कसने के संकेत दिए थे। उस समय करीब आधा दर्जन से अधिक बड़े लोहा कारोबारियों के यार्डों में हुई छापामार कार्रवाई में हालांकि बड़े कारोबारी मौके पर नहीं मिले, पर छोटे कर्मचारियों व मजदूरों पर पुलिस ने जरूर कार्रवाई की थी। पुलिस अफसरों ने अवैध लोहे की जब्ती के बजाय सीधे चोरी का अपराध दर्ज कर यार्ड संचालक को गिरफ्तार करने का ऐलान किया था, पर अच्छेलाल जायसवाल को छोड़कर कोई बड़ा कारोबारी, यार्ड संचालक व ट्रांसपोर्टर की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। दिनेश अग्रवाल के यार्ड में छापे की कार्रवाई में करीब पांच करोड़ का अवैध लोहा, कापर, रेल ट्रैक व बीएसपी के सेल की सील लगे लोहे के कई तरह के सामान को जब्त किया गया था। काफी प्रयास के बाद भी दिनेश अग्रवाल पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका, जबकि उसके राजधानी में ही रहने की लगातार खबरें आ रही थीं।
 हत्या तक हो चुकी
 पुलिस अफसरों का मानना है कि हर गंभीर अपराध के पीछे कबाड़ का अवैध कारोबार ही वजह बनता है। यह संगठित अपराध की श्रेणी में आ चुका है। लोहे के कारण कई ट्रक चालकों की हत्या तक हो चुकी है। खमतराई इलाके में खलासी की लाश मिलना, सिमगा में हुई चालक की हत्या, भिलाई में हुई हत्या में कबाड़ी सलीम की गिरफ्तारी के साथ अनेक ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनका संबंध कबाड़ के अवैध कारोबार से जुड़ा हुआ पाया गया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि जब तक इस कारोबार से जुड़ी बड़ी मछलियों पर नकेल नहीं कसी जाएगी, यह संगठित अपराध रुकने वाला नहीं है।
राजनीतिक दबाव से पीछे हटती पुलिस
चार साल पहले कबाड़ियों पर नकेल कसने के क्रम में तत्कालीन एएसपी सिटी रजनेश सिंह ने जब दिनेश अग्रवाल के यार्ड में छापा मारा था, तब बड़े लोहा कारोबारियों में हड़कंप मच गया था। कबाड़ के खेल में वर्षों से लाल हो रहे बड़े कबाड़ियों पर पुलिस की नजर क्या लगी, अच्छेलाल जायसवाल, रामप्रसाद जायसवाल, कैलाश अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, शकील कबाड़ी सहित अन्य बड़े कारोबारी रातोंरात शहर से गायब हो गए। हालांकि बाद में इनमें कुछ को पकड़कर जेल भेजा गया था। लोहे के कारोबार में दीगर प्रांत के लोगों के भी शामिल हो जाने से स्थिति बिगड़ने लगी है। भिलाई के हैवी ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के संचालक वीरा सिंह सहित अन्य की तलाश पुलिस अब तक कर रही है। सूत्रों का दावा है कि राजनीतिक दबाव में धरपकड़ की कार्रवाई पुलिस ने बंद कर रखी है।
बिल, दस्तावेजों से होता है खेल
पुलिस सूत्रों के अनुसार जब भी अवैध लोहा पकड़ा जाता है, यार्ड संचालक बिल लेकर पुलिस के पास पहुंच जाते हैं। ऐसे में जब्त माल को छोड़ना पड़ता है, लेकिन बिलों की सघन जांच पड़ताल होने से कबाड़ियों की होशियारी पकड़ में आने लगी है। पुलिस का कहना है कि लोहा अगर एक नंबर में बीएसपी से निकला होगा तो नियमत: कंपनी द्वारा इसका लेटर जारी किया जाता है, जिसकी पुष्टि पत्रों के आधार पर करने में आसानी होती है।
शिकायत के आधार पर कबाड़ियों के गोदाम की जांच कराई गई है। अवैध कारोबार को रोकने और कबाड़ियों पर दबाव बनाने छापे की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
ओमप्रकाश पाल
एसपी. रायपुर
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पत्नी सरकारी कर्मचारी, पति निकला चोर
0 डॉक्टरों का एटीएम कार्ड, पर्स व मोबाइल उड़ाने के मामले में पकड़ा गया
शहर के दो डाक्टरों के चेम्बर में घुसकर मोबाइल, रुपए से भरा पर्स व एटीएम कार्ड उड़ाने वाला युवक शुक्रवार को क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया। वह पहले भी चोरी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। उसकी पत्नी सरकारी नौकरी में है। क्राइम ब्रांच प्रभारी आरके साहू ने बताया कि दीनदयाल उपाध्यायनगर निवासी यूसुफ खान (32) ने पिछले माह शहर के दो डॉक्टरों को निशाना बनाया। कोटा स्थित सुयश हास्पिटल के एक डॉक्टर के चेम्बर में बेखौफ मरीज बनकर घुसे यूसुफ ने नजर बचाकर नकदी 8 हजार रुपए से भरा पर्स, एटीएम कार्ड तथा अन्य सामान उड़ा लिया था। इसके बाद उसने चौबे कालोनी स्थित राज्य बीमा कर्मचारी सेवाएं के कार्यालय में प्रवेश कर वहां भी एक डॉक्टर का एटीएम कार्ड व पर्स समेत रुपए पार कर दिए थे। आरोपी ने चोरी किए गए सारे रुपए खर्च कर दिए थे। डेढ़ साल पहले उसे एक इलेक्ट्रानिक्स दुकान से कम्प्यूटर व लैपटॉप चोरी करने के मामले में क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था। यूसुफ ने बताया कि उसकी पत्नी सरकारी कर्मचारी है, हर माह उसके वेतन के रूप में 40 हजार रुपए आते हैं। खुद का अनाप-शनाप खर्च पूरा करने के लिए वह चोरी करता है। उसने अब तक डॉक्टरों को ही अपना निशाना बनाया।
शंकर हत्याकांड, परिवार वालों को मिल रही धमकी
0 खमतराई पुलिस ने पीड़ित पक्ष पर ही कर दी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई
डेढ़ माह पहले खमतराई थाना क्षेत्र की आरवीएच कालोनी, जय श्रीरामनगर में मजदूर शंकर जानी की चाकू मार हत्या करने वाले आरोपियों के परिवार वाले शंकर की मां व बहन को लगातार धमका रहे हंै। एक माह पहले इन लोगों की धमकी से डरकर हत्याकांड के चश्मदीद गवाह किशोर यादव ने अपनी कलाई काटकर आत्महत्या की कोशिश की थी। आश्चर्यजनक यह है कि धमकी से सहमे पीड़ित पक्ष की शिकायत को नजरअंदाज कर पुलिस ने उल्टे उनके खिलाफ ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर दी। मामले की शिकायत एसपी से की गई है।
शंकर की मां उकिया बाई ने शुक्रवार एसपी ओपी पाल को एक शिकायत पत्र सौंपा। उसने बताया कि 14 जून को दोपहर 2 बजे हम लोग घर में खाना खा रहे थे, तभी हत्या के मामले में जेल में बंद आरोपी ललित और विक्की सोनी के पिता दयालू सोनी, मां गुड्डी सोनी, बहन रानी व नेहा घर में घुसकर धमकी देने लगे। वे शंकर की तरह छोटे भाई जयराम की भी हत्या कर देने की बात कहने लगे। इसकी जानकारी तत्काल उन्होंने सीएसपी उरला सुभाष सिंह को दी, जिस पर सीएसपी ने खमतराई थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा। उसी समय पीड़ित पक्ष ने थाने जाकर रिपोर्ट लिखाई। उकिया बाई ने बताया कि गुरुवार को  खमतराई पुलिस ने उल्टे उनके खिलाफ धारा 107 की कार्रवाई कर कोर्ट का समन भेज दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है। सुरक्षा के लिए हमारे घर के सामने तैनात जवान रात के समय आरोपी ललित व विक्की के घर में सोते हंै और वहीं खाना भी खाते हैं। इससे अपराधियों का हौसला बढ़ा हुआ है।
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बिल्डर बाजपेयी ने कोर्ट में लगाई जमानत अर्जी, सुनवाई आज
रायपुर(निप्र)। कमल विहार प्रोजेक्ट की सरकारी जमीन दबाने के मामले में जेल में बंद बिल्डर संजय बाजपेयी की तरफ से शुक्रवार को कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई। इस पर शनिवार को सुनवाई होगी। जानकारी के मुताबिक बिल्डर संजय बाजपेयी की ओर से उसके अधिवक्ता फैजल रिजवी द्वारा डीजे अरविंद श्रीवास्तव की अदालत में जमानत अर्जी लगाई गई है।
फरार लोहा कारोबारी ललित के खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट
उरला में नकली सरिया की फैक्ट्री चलाने के आरोप में फंसे फरार लोहा कारोबारी ललित अग्रवाल के खिलाफ शुक्रवार को कोर्ट ने स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। उरला टीआई पूर्णिमा लांबा ने बताया कि पूर्व में जारी गिरफ्तारी वारंट की मियाद खत्म होने पर उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पुष्पलता मारकण्डे की अदालत में सरेंडर किया गया। इस पर न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इस प्रकरण में फैक्ट्री मैनेजर प्रदीप अग्रवाल जेल में बंद है। आरोपी ललित की संपत्ति कुर्की का आवेदन भी कोर्ट में लगाया गया है, जिसकी सुनवाई तिथि आगे बढ़ गई है। गौरतलब है कि गुढ़ियारी थाने में ललित अग्रवाल के बेटे पंकज अग्रवाल के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने उसे 10 जुलाई की पेशी में उपस्थित होने का आदेश दिया है। आरोपी अगर कोर्ट में नहीं आता है तो उसकी संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। गुढ़ियारी टीआई आशीष शुक्ला ने बताया कि पंकज के खिलाफ पहले ही कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। 
आज कोर्ट में पेश होगा मंटू तापड़िया
0 दो साल से बना रहा था नकली सिलेंडर, जब्त वाउचर ने खोला राज
 नकली गैस सिलेंडर की फैक्ट्री चलाने के आरोप में गिरफ्तार मंटू उर्फ नचिकेत तापड़िया की पुलिस रिमांड अवधि शनिवार को पूरी हो रही है। पुलिस उसे दोपहर बाद कोर्ट में पेश करेंगी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उसे जेल भेजने की तैयारी है।
 पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं दी। वह अपने आप को निर्दोष बताकर दावा कर रहा है कि उसकी फैक्ट्री में नकली सिलेंडर नहीं बनाया जाता था। सैंपल के लिए सिलेंडर जरूर तैयार कर रहा था। फैक्ट्री को उसने नवम्बर 2012 में शुरू करना बताया था। जबकि खाद्य विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ है कि मंटू ने गुजरात के भडौच के औद्योगिक क्षेत्र नर्मदानगर से सिलेंडर बनाने की पूरी फैक्ट्री खरीदकर इसे भनपुरी में स्थापित किया था। छापे के दौरान उसकी फैक्ट्री से नर्मदा सिलेंडर के कुछ वाउचर भी जब्त किए गए थे जिसमें सितम्बर 2011 में भुगतान करने का जिक्र है। इससे साफ पता चलता है कि उसकी फैक्ट्री वर्ष 2011 के पहले से संचालित हो रही थी। भारत सरकार के पेट्रोलियम सेफ्टी से संबंधित बेवसाइट पर गुजरात सिलेंडर प्रालि कंपनी की जानकारी आज भी उपलब्ध है। वह लगातार झूठ बोलकर बचने की कोशिश कर रहा है। सहायक खाद्य अधिकारी संजय दुबे ने बताया कि फैक्ट्री में मारे गए छापे में सिलेंडर बनाने वाली सीट, फूट रिंग तथा होल करने के बाद के हिस्से पाए गए थे। जबकि भारत सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि बिना लाइसेंस के कोई भी सिलेंडर सीट नहीं बना सकता। इसके लिए सेल, गेल व जिंदल कंपनी को अधिकृत किया गया है। मंटू तापड़िया के पास ऐसे कोई भी वैध दस्तावेज नहीं थे जिससे वह सिलेंडर का निर्माण कर सके। फैक्ट्री से तीन से चार खेप में भारी मात्रा में सिलेंडर की आपूर्ति बाहर करने के प्रमाण मिले है।
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धोखाधड़ी करने वाली फाइनेंस कंपनी में लगा ताला
- शिक्षक से लेकर ट्रेवल्स संचालक शिकार
रायपुर (निप्र)। लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने वाली फाइनेंस कंपनी के दफ्तर पर पुलिस ने ताला जड़ दिया है। कंपनी ने लोन दिलाने के नाम पर कई लोगों से हजारों स्र्पए लिया और उन्हें लोन देने के लिए घ्ाुमाता रहा। तेलीबांधा पुलिस के मुताबिक कोरबा निवासी श्ािवनाथ साहू  (38) ने  एक अखबार (नईदुनिया नहीं) में  सांई फाइनेंस सर्विस के छपे विज्ञापन को देखकर दिए नम्बर पर संपर्क किया, जिसमें कम दरों में लोन देने की बात कही गई थी। कंपनी केएजेंट ने 7 लाख लोन देने की बात कही। 2 अप्रैल को कंपनी में काम करने वाले एलके राठौर और एमके राठौर ने लोन दिलाने के नाम पर 26 सौ फाइल फीस और 22 हजार 7 सौ स्र्पए प्रोसेस फीस ली। पैसे लेने के बाद आरोपी लोन के लिए घुमाते रहे। पुलिस ने बताया कि धोखाधाड़ी के शिकार दो और लोग सामने आए हैं। कोरबा की ममता जोशी, जो एक शिक्षक है, ने 5 लाख लोन के लिए आवेदन किया था। उन्होंने इस काम के लिए 20 हजार 245 रुपए दिए। जांजगीर के त्रिभुवन कुमार से 10 लाख लोन दिलाने के नाम पर 21 हजार स्र्पए लिए थे। लेकिन किसी को अब तक लोन नहीं दिया है। पुलिस की टीम ने जब कंपनी में दबिश दी तो वहां कोई नहीं था। पुलिस ने दफ्तर में ताला लगा दिया है। किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस की मानें तो ठगी के शिकार लोगों की संख्या बढ़ सकती है।
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शहर के आधा दर्जन यार्डों में दबिश
- बाइक और अन्य वाहनों के कटे हिस्से, पार्ट्स मिले
- कई टन स्क्रेप जब्त, एक गिरफ्तार
 राजधानी पुलिस ने शुक्रवार सुबह मौदहापारा, आमानाका और उरला क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक यार्डों में  छापामार कार्रवाई की। छापे में भारी मात्रा में स्क्रेप मिला, जिसके चोरी के होने का संदेह है। यार्डों में ट्रक, बाइक और अन्य वाहनों के कटे हिस्से, पार्ट्स के अलावा रेलवे की सीट, एंगल,  सरिया, गैस कटर, चेनल सहित कई टन स्क्रेप मिला है। उरला पुलिस ने एक कारोबारी को गिरफ्तार किया है। मौदहापारा पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। 
सिटी एएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि मौदहापारा के 2, आमानाका के 2 और उरला के 3 यार्डों में दबिश दी गई। इस दौरान वहां रखे सामान के बिल की जांच की गई और यह भी जानकारी ली गई कि सामान कहां से आया है। बड़ी मात्रा में स्क्रेप जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि उरला में यार्ड संचालक सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है। वह यह नहीं बता पाया कि उसके यार्ड में रखा स्क्रेप कहां से आया और न ही उसका बिल पेश कर सका। मौदहापारा थाने में भी कुछ यार्ड संचालक से पूछताछ की जा रही है।
चोरी की गाड़ी कटने की सूचना
राजधानी में वाहन चोरी की घटना बढ़ गई है। हर रोज वाहन चोरी हो रहे हैं। रेलवे सहित अन्य जगह लोहा चोरी की भी शिकायत बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो चोरी की बाइक, ट्रक, कार सहित अन्य वाहनों को काट कर कबाड़ में बेचा जा रहा है। अलग-अलग हिस्से को बाहर भेजा जाता है।  इसी शिकायत पर एसपी ओपी पॉल के निर्देश पर पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस की दबिश से हड़कंप मच गया। कई यार्ड वाले यार्ड बंदकर भाग गए।
सप्ताहभर पहले कार्रवाई
आमानाका पुलिस ने सप्ताह भर पहले दो यार्ड में छापा मारकर टन स्क्रेप और रेलवे का लोहा जब्त किया था। इसमें बाइक के अलावा ट्रक के पार्ट्स भी थे। 
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कारोबारी के सूने मकान का टूटा ताला
- नकद सहित 22 लाख का माल पार
- एक माह पहले पड़ोस में हुई थी चोरी
गायत्री नगर के एक सूने मकान का ताला तोड़कर नकद सहित लाखों के सोने-चांदी के जेवर पार कर दिए गए। मकान मालिक कुछ दिनों के लिए हैदराबाद गए थे। शुक्रवार को जब घर लौटे तो देखा कि मकान के मेन गेट का ताला टूटा हुआ था। मकान के अंदर पंखे चल रहे थे और सभी लाइट जल रही थी। अलग-अलग कमरे में रखी अलमारी के लॉक टूटे हुए थे। उनमें रखे सोने-चांदी के जेवर और नकद पैसे गायब थे। मकान मालिक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच, डॉग स्क्वॉड, फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ, सिविल लाइन पुलिस के अलावा एएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह भी मौके पर पहुंचे। सिविल थाना प्रभारी टीकाराम कंवर ने बताया कि गायत्री नगर सी 47 में हरीश अनंदानी (41) का मकान है। वे अपने परिवार के साथ 22 जून को हैदराबाद गए थे। वहां उनका बेटा अशोक अनंदानी  राष्ट्रीय स्तर की बैंडमिंटन प्रतियोगिता में भाग लेने गया था। उनका एमजी रोड पर एल्यूमिनियम का कारोबार है। जब वे शुक्रवार को दोपहर 1 बजे अपने घर पहुंचे तो देखा कि मेन गेट का ताला टूटा हुआ है। अंदर सामान बिखरा पड़ा हुआ है। पुलिस ने बताया कि चोरों ने मकान के अलग-अलग कमरे में रखी अलमारी का लॉक तोड़ा है। एक अलमारी में 10 लाख स्र्पए नकद थे और एक में 45 तोला सोना और चांदी के जेवर थ्ो। चोरांे ने नकद सहित कुछ 22 लाख का माल पार कर दिया है।
34 दिन बाद दूसरी चोरी
हरीश अनंदानी के घर से ठीक तीन मकान आगे सतीश मिश्रा का मकान है। 25 मई को उनके सूने मकान का ताला तोड़कर चोरों ने नकद सहित लाखों के जेवर पार कर दिए थे। सतीश मिश्रा अपने परिवार के साथ रिश्तेदार के घर भिलाई गए थे। पुलिस इस मामले में चोरों को नहीं पकड़ पाई है। 34 दिन बाद वहां एक और चोरी की घटना हो गई, जिससे कॉलोनी वासियों में दहशत का माहौल है। लोग अपना घर को एक मिनट भी सूना छोड़ने में डर रहे हैं।
नहीं है सुरक्षा गार्ड
पुलिस ने बताया कि कॉलोनी में एक भी सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं की गई है। कॉलोनी में आने-जाने वालों का कोई रिकॉर्ड भी नहीं रखा जाता है। आसपास वालों ने बताया कि नजदीक की बस्ती के युवक कॉलोनी में घूमते रहे हैं। वहीं कॉलोनी में नए-नए फेरीवाले और सब्जी वाले दिखाई देते हैं।
ढाई माह पहले आया था किराए पर
पुलिस ने बताया कि हरीश ढाई माह पहले  गायत्री नगर में किराए पर आए थे। उन्होंने आसपास वालों को भी शहर से बाहर जाने की जानकारी नहीं दी थी और न ही घर पर किसी को ठहरने या देखरेख करने को कहा था। थाने में भी इसकी सूचना नहीं दी थी।

 

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