Wednesday, June 30, 2010






Tuesday, June 29, 2010







Saturday, June 26, 2010









Thursday, June 24, 2010






Tuesday, June 22, 2010



कामनवेल्थ गेम्स में जिस्मफरोशी को लेकर आदिवासी लड़कियों की सप्लाई


भारत में कामनवेल्थ गेम्स की तैयारियां अपने सबाब पर हैं और सबाब पर है, इस गेम्स में जिस्मफरोशी को लेकर तैयारियां,जिसके लिए अलग-अलग राज्यों से दलालों के मार्फत लड़कियों को दिल्ली पहुँचाया जा रहा है। सभी की निगाहें अक्टूबर में होने वाले कामनवेल्थ गेम्स पर है। इसलिए इस धंधे में पहले से शामिल हाईप्रोफाइल लड़कियों को को दिल्ली के होटलों तक पहुँचाने के लिए खास तैयारियां की जा रही है,जो बिचौलिए जिस्मफरोशी के धंधे में लड़कियों को सप्लाई करते हैं,वे आदिवासी बहुल राज्यों से लड़कियों को बहला-फुसलाकर इस धंधे में ला रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में भी कई दलाल सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश का जशपुर जिला इसके लिए पहले से बदनाम हैं। जहां की लड़कियों को बहला-फुसलाकर प्रदेश से बाहर ले जाया जाता है और उन्हें इस धंधे में धकेल दिया जाता है। पूर्व में छत्तीसगढ़ में ऐसे कई खुलासे हो चुके हैं, फिलहाल कामनवेल्थ को लेकर छत्तीसगढ़ में दलालों की नजर इस और है, हाल-फिलहाल में राजधानी रायपुर से भी कई नाबालिग और बालिग लड़कियां गायब हुई है, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस पाटिर्कुलर दलालों पर खास नजर रखी हुई है, वहीं राज्य सरकार ऐसे किसी भी घटना से निपटने के लिए तत्काल कारर्वाई की बात कह रही है। विधानसभा में मानव तस्करी का मामला जोर -शोर से उठने के बाद पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित मिसिंग स्कवाड का भी हरकत में आ गया है।
दिल्ली में होने जा रहा है कामनवेल्थ गेम्स का आयोजन जहां लगेगी,खेलों की मंडी। इस मंडी में एक और ऐसी मंडी है। जिस पर होगी सब की खास नजर। सूर्य और दूधिया जगमगाती रोशनी से सुसज्जित स्टेडियम में जहां कई देशों के खिलाड़ी अपने दमखम का प्रदर्शन करेंगे वहीं रात के अंधेरे में शुरू होगी जिस्म की मंडी का घिनौना खेल, जिसके लिए कई प्रदेशों से देश की राजधानी में लड़कियों की सप्लाई शुरू हो गई है। दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान खिलाड़ियों और विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा तो होगा ही साथ ही इन खिलाड़ियों और विदेशी पर्यटकों को खुश करने के लिए हाईप्रोइफाइल लड़कियों की सप्लाई इन्हें की जाएगी। जिसके लिए जिस्मफरोशी के धंधे में लगे दलाल सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार इस गेम्स में जिस्मफरोशी को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। फाइव स्टोर होटल में ठहरने वाले विदेशी मेहमानों के लिए होटल प्रबंधन ने भी खास तैयारियां कर रखी है। जिस्मफरोशी में लगे दलालों से संपर्क साधा जा रहा है। इस धंधे में पहले से शामिल हाईप्रोफाइल लड़कियों को को दिल्ली के होटलों तक पहुँचाने के लिए खास तैयारियां की जा रही है जो बिचौलिए जिस्मफरोशी के धंधे में लड़कियों को सप्लाई करते हैं,वे आदिवासी बहुल राज्यों से लड़कियों को बहला-फुसलाकर इस धंधे में ला रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी कई दलाल सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश का जशपुर जिला इसके लिए पहले से बदनाम हैं। जहां की लड़कियों को बहला-फुसलाकर प्रदेश से बाहर ले जाया जाता है और उन्हें इस धंधे में धकेल दिया जाता है। छत्तीसगढ़ में ऐसे कई खुलासे पहले हो चुके हैं। बहरहाल कामनवेल्थ को लेकर छत्तीसगढ़ में दलालों की नजर इस ओर है। इसे देखते हुए प्रदेश से गायब हुई लड़कियों की पूरी जानकारी एकत्रित की जा रही है और सभी बिंदुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। कॉमनवेल्थ गेम के मौके पर दुनियाभर से लाखों लोग हिन्दुस्तान आयेंगे जिनकी आवभगत के लिए दिल्ली को तैयार करने के लिए सरकारी महकमा दिन रात मेहनत कर रहा है.लेकिन शायद कम लोगों को यह पता होगा की इन विदेशी मेहमानों की खातिर तवज्जो में जिस्म के दलालों का एक बड़ा नेटवर्क भी लगा हुआ है और विदेशियों की दिलजोई के लिए झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से नाबालिग आदिवासी लडकियां दिल्ली पहुंचाई जा रही है.यह खुलासा किया है मानव व्यापार के खिलाफ संघर्ष कर रही कुछ गैर सरकारी संस्थाओं ने और अब इनकी पहल पर सूबे की पुलिस ने भी दलालों पर शिकंजा कसना शुरू किया है।
दिल्ली में आयोजित हो रहा कॉमनवेल्थ गेम निश्चित तौर पर एक बड़ा आयोजन है और हिन्दुस्तान की प्रतिष्ठा का सवाल भी,लेकिन इसने झारखण्ड, छत्तीसगढ़,उडीसा और पश्चिम बंगाल जैसे गरीब और आदिवासी बहुल राज्यों में खतरे की घंटी बजा दी है। खतरा नाबालिग आदिवासी बालों को जिस्म की मंडी में धकेले जाने का है। अब तक के अनुभव बताते हैं की कॉमनवेल्थ या ओलम्पिक खेलों के आयोजन जिस देश में भी हुए वहाँ की जिस्म की मंडियों का सेंसेक्स अचानक चढ़ गया। हिन्दुस्तान की राजधानी दिल्ली में भी इसकी पुनरावृति के अनुमान से जिस्म के दलालों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. सॉफ्ट टार्गेट बने हैं झारखण्ड सरीखे आदिवासी बहुल राज्य। जहां से मामूली खर्चे पर नाबालिग लड़कियों का कारोबार वे पहले से करते रहे हैं। दलालों की गतिविधियों ने मानव व्यापार के खिलाफ संघर्ष कर रही संस्थाओं के कान खड़े कर दिए हैं और इन संस्थाओं ने पुलिस और प्रशासनिक अमले को सतर्क कर दिया है। दरअसल झारखण्ड की गरीब आदिवासी बालाएं दलालों के जरिये बड़े शहरों का रुख केवल झांसे में आकर नहीं करती. ज्यादातर मामलों में पेट की आग और परिवार की जरूरतें उन्हें ऐसा करने को मजबूर करती हैं.जाहिर है अगर यह सब रोकना है तो सूबे के आदिवासी बहुल ग्रामीण इलाकों तक विकास और रोजगार के अवसर पहुंचाने होंगे और यह सब राजनीतिक नेतृत्व की जिम्मेवारी भी है, खास तौर पर उनकी जो आदिवासी अस्मिता की दुहाई सोते जागते देते हैं। लेकिन पिछले दस सालों से सरकार की जोड़तोड़, भ्रष्टाचार के जरिये कमाई और राज्यसभा चुनाव में वोट बेचने में व्यस्त राजनेताओं को इस काम के लिए पता नहीं कब फुर्सत मिलेगी।
पुलिस प्रशासन ने भी इस सूचना को गंभीरता से लिया है और ग्रामीण इलाकों के सभी थानों को दलालों की गतिविधियों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है,पुलिस महकमा और आदिवासी कल्याण विभाग,स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाएगा ताकि लोग दलालों के झांसे में ना आयें।

कामनवेल्थ गेम में आदिवासी लड़कियों की सप्लाई

भारत में कामनवेल्थ गेम्स की तैयारियां अपने सबाब पर हैं और सबाब पर है, इस गेम्स में जिस्मफरोशी को लेकर तैयारियां,जिसके लिए अलग-अलग राज्यों से दलालों के मार्फत लड़कियों को दिल्ली पहुँचाया जा रहा है। सभी की निगाहें अक्टूबर में होने वाले कामनवेल्थ गेम्स पर है। इसलिए इस धंधे में पहले से शामिल हाईप्रोफाइल लड़कियों को को दिल्ली के होटलों तक पहुँचाने के लिए खास तैयारियां की जा रही है,जो बिचौलिए जिस्मफरोशी के धंधे में लड़कियों को सप्लाई करते हैं,वे आदिवासी बहुल राज्यों से लड़कियों को बहला-फुसलाकर इस धंधे में ला रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी कई दलाल सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश का जशपुर जिला इसके लिए पहले से बदनाम हैं। जहां की लड़कियों को बहला-फुसलाकर प्रदेश से बाहर ले जाया जाता है और उन्हें इस धंधे में धकेल दिया जाता है। पूर्व में छत्तीसगढ़ में ऐसे कई खुलासे हो चुके हैं, फिलहाल कामनवेल्थ को लेकर छत्तीसगढ़ में दलालों की नजर इस और है, हाल-फिलहाल में राजधानी रायपुर से भी कई नाबालिग और बालिग लड़कियां गायब हुई है, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस पाटिर्कुलर दलालों पर खास नजर रखी हुई है, वहीं राज्य सरकार ऐसे किसी भी घटना से निपटने के लिए तत्काल कारर्वाई की बात कह रही है। विधानसभा में मानव तस्करी का मामला जोर -शोर से उठने के बाद पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित मिसिंग स्कवाड का भी हरकत में आ गया है।
दिल्ली में होने जा रहा है कामनवेल्थ गेम्स का आयोजन जहां लगेगी,खेलों की मंडी। इस मंडी में एक और ऐसी मंडी है। जिस पर होगी सब की खास नजर। सूर्य और दूधिया जगमगाती रोशनी से सुसज्जित स्टेडियम में जहां कई देशों के खिलाड़ी अपने दमखम का प्रदर्शन करेंगे वहीं रात के अंधेरे में शुरू होगी जिस्म की मंडी का घिनौना खेल, जिसके लिए कई प्रदेशों से देश की राजधानी में लड़कियों की सप्लाई शुरू हो गई है। दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान खिलाड़ियों और विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा तो होगा ही साथ ही इन खिलाड़ियों और विदेशी पर्यटकों को खुश करने के लिए हाईप्रोइफाइल लड़कियों की सप्लाई इन्हें की जाएगी। जिसके लिए जिस्मफरोशी के धंधे में लगे दलाल सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार इस गेम्स में जिस्मफरोशी को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। फाइव स्टोर होटल में ठहरने वाले विदेशी मेहमानों के लिए होटल प्रबंधन ने भी खास तैयारियां कर रखी है। जिस्मफरोशी में लगे दलालों से संपर्क साधा जा रहा है। इस धंधे में पहले से शामिल हाईप्रोफाइल लड़कियों को को दिल्ली के होटलों तक पहुँचाने के लिए खास तैयारियां की जा रही है जो बिचौलिए जिस्मफरोशी के धंधे में लड़कियों को सप्लाई करते हैं,वे आदिवासी बहुल राज्यों से लड़कियों को बहला-फुसलाकर इस धंधे में ला रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी कई दलाल सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश का जशपुर जिला इसके लिए पहले से बदनाम हैं। जहां की लड़कियों को बहला-फुसलाकर प्रदेश से बाहर ले जाया जाता है और उन्हें इस धंधे में धकेल दिया जाता है। छत्तीसगढ़ में ऐसे कई खुलासे पहले हो चुके हैं। बहरहाल कामनवेल्थ को लेकर छत्तीसगढ़ में दलालों की नजर इस ओर है। इसे देखते हुए प्रदेश से गायब हुई लड़कियों की पूरी जानकारी एकत्रित की जा रही है और सभी बिंदुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। कॉमनवेल्थ गेम के मौके पर दुनियाभर से लाखों लोग हिन्दुस्तान आयेंगे जिनकी आवभगत के लिए दिल्ली को तैयार करने के लिए सरकारी महकमा दिन रात मेहनत कर रहा है.लेकिन शायद कम लोगों को यह पता होगा की इन विदेशी मेहमानों की खातिर तवज्जो में जिस्म के दलालों का एक बड़ा नेटवर्क भी लगा हुआ है और विदेशियों की दिलजोई के लिए झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से नाबालिग आदिवासी लडकियां दिल्ली पहुंचाई जा रही है.यह खुलासा किया है मानव व्यापार के खिलाफ संघर्ष कर रही कुछ गैर सरकारी संस्थाओं ने और अब इनकी पहल पर सूबे की पुलिस ने भी दलालों पर शिकंजा कसना शुरू किया है।
दिल्ली में आयोजित हो रहा कॉमनवेल्थ गेम निश्चित तौर पर एक बड़ा आयोजन है और हिन्दुस्तान की प्रतिष्ठा का सवाल भी,लेकिन इसने झारखण्ड, छत्तीसगढ़,उडीसा और पश्चिम बंगाल जैसे गरीब और आदिवासी बहुल राज्यों में खतरे की घंटी बजा दी है। खतरा नाबालिग आदिवासी बालों को जिस्म की मंडी में धकेले जाने का है। अब तक के अनुभव बताते हैं की कॉमनवेल्थ या ओलम्पिक खेलों के आयोजन जिस देश में भी हुए वहाँ की जिस्म की मंडियों का सेंसेक्स अचानक चढ़ गया। हिन्दुस्तान की राजधानी दिल्ली में भी इसकी पुनरावृति के अनुमान से जिस्म के दलालों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. सॉफ्ट टार्गेट बने हैं झारखण्ड सरीखे आदिवासी बहुल राज्य। जहां से मामूली खर्चे पर नाबालिग लड़कियों का कारोबार वे पहले से करते रहे हैं। दलालों की गतिविधियों ने मानव व्यापार के खिलाफ संघर्ष कर रही संस्थाओं के कान खड़े कर दिए हैं और इन संस्थाओं ने पुलिस और प्रशासनिक अमले को सतर्क कर दिया है। दरअसल झारखण्ड की गरीब आदिवासी बालाएं दलालों के जरिये बड़े शहरों का रुख केवल झांसे में आकर नहीं करती. ज्यादातर मामलों में पेट की आग और परिवार की जरूरतें उन्हें ऐसा करने को मजबूर करती हैं. जाहिर है अगर यह सब रोकना है तो सूबे के आदिवासी बहुल ग्रामीण इलाकों तक विकास और रोजगार के अवसर पहुंचाने होंगे और यह सब राजनीतिक नेतृत्व की जिम्मेवारी भी है, खास तौर पर उनकी जो आदिवासी अस्मिता की दुहाई सोते जागते देते हैं। लेकिन पिछले दस सालों से सरकार की जोड़तोड़, भ्रष्टाचार के जरिये कमाई और राज्यसभा चुनाव में वोट बेचने में व्यस्त राजनेताओं को इस काम के लिए पता नहीं कब फुर्सत मिलेगी।
पुलिस प्रशासन ने भी इस सूचना को गंभीरता से लिया है और ग्रामीण इलाकों के सभी थानों को दलालों की गतिविधियों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है. पुलिस महकमा और आदिवासी कल्याण विभाग स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाएगा ताकि लोग दलालों के झांसे में ना आयें।
संजय मिश्रा,
राज्य समन्वयक,एट्सेक


हाल-फिलहाल में राजधानी रायपुर से भी कई नाबालिग और बालिग लड़कियां गायब हुई है। जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस पाटिर्कुलर दलालों पर खास नजर रखी हुई है। पुलिस विभाग का मिसिंग स्कवाड का भी हरकत में आ गया है। राजधानी में कई बार जिस्मफरोशी के धंधे का पर्दाफाश हो चुका है। जिसमें अधिकत्तर बाहर की लड़कियों को स्थानीय दलालों की मदद से यहां लाया जाता है। इन दलालों पर पुलिस की नजर बनी हुई है।
रजनेश सिंह
एएसपी सिटी

Sunday, June 20, 2010





Saturday, June 19, 2010






Friday, June 18, 2010