Friday, June 28, 2013

नशाबंदी से आबकारी विभाग की तौबा

0 भारत माता वाहिनी को किया दरकिनार
0 समाज कल्याण विभाग पर थोपा संचालन का जिम्मा
नशाबंदी  को लेकर अपनी पीठ थपथपाने वाले आबकारी विभाग ने अब इससे तौबा कर लिया है। शराबबंदी के लिए जिन महिलाओं की टीम (भारत माता वाहिनी) का गठन किया था, विभाग ने उससे ही पल्ला झाड़ लिया है। इसी वजह से सामान्य प्रशासन विभाग ने भारत माता वाहिनी के संचालन का जिम्मा समाज कल्याण विभाग को सौंपा दिया है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक  शराबबंदी की दिशा में चरणबद्ध  कदम बढ़ाते हुए सरकार ने 2011-2012 में 234, 2012- 2013 में 84 और 2013-14 में 11 शराब दुकानों को बंद किया। इसके अलावा शराब के कारोबार में लगे सरकारी उपक्रम स्टेट ब्रेवरेजेस कार्पोरेशन लिमिटेड और आबकारी विभाग द्वारा प्रदेश में शराबबंदी को लेकर अभियान शुरू किया। शराबबंदी के लिए 20 जिलों के 49 ब्लॉकों में 213 गांवों में भारत वाहिनी का गठन किया गया है। भारत माता वाहिनी की महिलाएं शराब के अवैध धंधे में लगे या शराब पीने वाले लोगों के घर में सामने जाकर गांधी जी का प्रिय भजन 'रघुपति राधव राजा राम ..." गाती हैं। इस काम में सरकार ने दो साल में 2 करोड़ 46 लाख 49 हजार 829 रुपए खर्च किए हैं। 2011-12 में सरकार ने नशाबंदी  के लिए 1 करोड़ 72 लाख 85 हजार 430 रुपए खर्च किए।  इसी तरह 2012-13 में 73 लाख 64 हजार 399 रुपए खर्च किए । गठन के बाद  भारत माता वाहिनी के संचालन का जिम्मा आबकारी विभाग के पास था। इसका सारा खर्च भी विभाग द्वारा उठाया जाता  है। सूत्रों ने बताया कि भारत माता वाहिनी के संचालन से आबकारी विभाग ने कन्नाी काट ली  है। एक अप्रैल से भारत माता वाहिनी  के संचालन का जिम्मा समाज कल्याण विभाग को सौंपा गया है। जबसे समाज कल्याण विभाग को भारत माता वाहिनी के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है, तब से उनकी गतिविधियां लगभग थम गई हैं।
पहले से था विवादित
विभागीय सूत्रों का कहना है कि भारत माता वाहिनी शुरू  से विवादित रहा है। जिस आबकारी विभाग और उसके उपक्रम ब्रेवरेजस कार्पोरेशन लिमिटेड  ने शराबबंदी के लिए भारत माता वाहिनी का गठन किया था, उनका काम शराब से मिलने वाले  राजस्व को बढ़ाना है।  इसी बात को लेकर विवाद हमेशा रहा। साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ब्रेवरेजेस का ब्रांड एंबेसेडर बनाने को लेकर भी काफी किरकिरी हुई थी। अंतत: महात्मा गांधी को ब्रांड एंबेसेडर बनाने संबंधी निर्णय को वापस लेना पड़ा था।
अफसर को गंवानी पड़ी थी कुर्सी
भारत माता वाहिनी और महात्मा गांधी को ब्रांड एंबेसेडर बनाने वाले तत्कालीन आबकारी आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा को इसी विवाद के चलते अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। महात्मा गांधी वाले मामले में देशभर से किरकिरी झेलने के बाद सरकार ने श्री मिश्रा को आबकारी आयुक्त के पद से हटाकर उन्हें पीएचई सचिव बना दिया था। उनके स्थान पर  आबकारी आयुक्त की जिम्मेदारी आरएस विश्वकर्मा को दी गई है।
फैक्ट फाइल
* प्रदेश में शराब दुकानें - 719
* 2011-12 में प्राप्त राजस्व - 10000087683 रुपए
* 2012-13 में प्राप्त राजस्व - 14000413961 रुपए
* 2013-14 में राजस्व का लक्ष्य 19000000000 रुपए
* तीन सालों में बंद दुकानें 355
* 20 जिलों के 49 ब्लॉकों में 213 गांवों में भारत माता वाहिनी
'' नशामुक्ति का काम समाज कल्याण विभाग का है। भारत माता वाहिनी को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय मेरे आने से पहले लिया जा चुका था।""
आरएस विश्वकर्मा,  आबकारी आयुक्त
 

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