Thursday, May 9, 2013

यह गुफा बना देती है मालामाल




यह गुफा संसार की सबसे पुरानी गुफाओं में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर वनवास के दौरान माता सीता ने अपना मुश्किल वक्त गुजारा था। इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि महाककवि कालीदास ने यहीं बैठकर अपने श्रेष्ठ साहित्य मेघदूतम को लिखा था। लेकिन इसके साथ ही इस गुफा में एक और रहस्य छुपा हुआ है। इस गुफा में एक छेद है, जिसमें हाथ डालने पर व्यक्ति को हीरे-मोती प्राप्त होते हैं।सरगुजा  जिले में 308 मीटर ऊंची पहाड़ी है। इस पहाड़ी को रामगढ़ कहते हैं। यहां पर स्थित है सीता गुफा। पारंपरिक कथाओं के अनुसार रामायण काल में यह स्थल दंडकारण्य था एवं सीताजी पहाड़ी स्थित गुफा सीता-बेंगरा में निवास करती थीं। महाकवि कालिदास ने जब राजा भोज से नाराज हो उज्जयिनी का परित्याग किया था तब उन्होंने यहीं शरण ली थी और महाकाव्य मेघदूत की रचना इन्हीं पहाड़ियों पर बैठकर की थी। रामगढ़ के उत्तरी छोर के निचले भाग में एक विशाल सुरंग है जो लगभग 39 मीटर लंबी एवं मुहाने पर 17 मीटर ऊंची एवं इतनी ही चौड़ी है। इसे हाथपोल या हाथीपोल कहते हैं। अंदर इसकी ऊंचाई इतनी है कि इसमें हाथी आसानी से गुजर सकता है।सीता बेंगरा की रचना को देखकर आभास होता है कि इसका उपयोग प्राचीन काल में नाट्यशाला के रूप में किया जाता था। पूरी व्यवस्था बहुत ही कलात्मक है। गुफा के बाहर लगभग 50-60 लोगों के बैठने के लिए अर्धचंद्राकार में आसन बने हुए हैं। गुफा के प्रवेश स्थल की फर्श पर दो छिद्र हैं जिनका उपयोग संभवतः पर्दे में लगाई जाने वाली लकड़ी के डंडों को फंसाने के लिए किया जाता था। पूरा परिदृश्य रोमन रंगभूमि की याद दिलाता है। प्रतिवर्ष आषाढ़ के प्रथम दिवस पर इस नाट्यशाला में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। प्रवेश द्वार के समीप खम्बे गाड़ने के लिए छेद बनाए हैं तथा एक ओर श्रीराम के चरण चिन्ह अंकित हैं। कहते हैं कि ये चरण चिन्ह महाकवि कालीदास के समय भी थे।सीता बेंगरा गुफा की समतल चट्टान पर दो पंक्तियों का एक शिलालेख है, जिसकी प्रत्येक पंक्ति की लंबाई एक मीटर है। यह लेख गुप्तकालीन शासकों के शिलालेख में उत्कीर्ण ब्राह्मी लिपि के समान उकेरे गए हैं।इस गुफा के बाहर एक सुरंग है। इसे हथफोड़ सुरंग के नाम से जाना जाता है। इसकी लंबाई करीब 500 मीटर है।यहां पहाडी में भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की 12-13वीं सदी की प्रतिमा भी है।लेकिन यहां पर सबसे आश्चर्य का केन्द्र है गुफा में बना हुआ यह छिद्र। इस छिद्र में व्यक्ति का हाथ अंदर चला जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर किस्मत वाले व्यक्ति को हीरे, मोती जैसी बहुमूल्य चीजें प्राप्त होती हैं।

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