Sunday, May 26, 2013

कांग्रेसियों ने घेरा राजभवन

0 फांदकर घुसने की कोशिश
0 सीएम हाउस घुसने से कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका, 18 गिरफ्तार
जगदलपुर की दरभा घाटी में कांग्रेस नेताओं पर नक्सली हमले के बाद शनिवार की रात राजधानी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए तत्काल सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भीतर घुसने से रोके जाने पर राजभवन का घेराव कर गेट फांदने की कोशिश की। सड़क पर लगे विकास यात्रा के बैनर-पोस्टर जलाकर अपना आक्रोश जताया। इस मौके पर कांग्रेसी विधायक मो.अकबर, कुलदीप जुनेजा, धनेंद्र साहू, महापौर किरणमयी नायक, शैलेष नितिन त्रिवेदी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से भेंटकर ज्ञापन सौंपा। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी राज्यपाल से भेंट की। राजभवन से सीएम हाउस घेरने जा रहे युकां नेता योगेश तिवारी, नितिन भंसाली, संजीव शुक्ला समेत 18 कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
नईदुनिया ने पूरे घटनाक्रम पर नजर रखते हुए लाइव रिपोर्टिंग की। 9.30 बजे अजीत जोगी ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर घटनाक्रम की कड़ी निंदा की। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। 10 बजे महापौर किरणमयी नायक, एमआईसी सदस्य मृत्युजंय दुबे, प्रमोद दुबे, मनोज कंदोई आदि भी राजभवन पहुंचे। उन्होंने भी राष्ट्रपति शासन की मांग दोहराई। महापौर ने कहा कि इस घटना से कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। ऐसा लगता है कि षड्यंत्र के तहत कांग्रेस नेताओं को नक्सलियों ने निशाना बनाया। इसके बाद राजभवन में भूपेश बघेल, भक्तचरणदास, धनेंद्र साहू, मो.अकबर, रमेश वर्ल्यानी, कुलदीप जुनेजा, शैलेष नितिन त्रिवेदी आदि पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात की। विधायक मो.अकबर व शैलेष नितिन त्रिवेदी ने राज्यपाल से सुबह तक सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। जब तक मांग पूरी नहीं होगी, छत्तीसगढ़ बंद रहेगा। कांग्रेस अब सड़क की लड़ाई लड़ने को पूरी तरह से तैयार है।
देर रात सीएम हाउस घेरने पहुंचे युवा कांग्रेसी
रात 10.45 बजे युकां नेता योगेश तिवारी के नेतृत्व में करीब 50 कार्यकर्ता राजभवन से सीएम हाउस घेरने के लिए पैदल ही निकले। एएसपी सिटी लाल उमेद सिंह बल को अलर्ट कर खुद युकांइयों को रोकने बढ़े। इस दौरान सीएम हाउस पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका था। गांधी उद्यान चौक पर ही युकांइयों को पुलिस ने रोक लिया। दस मिनट तक धक्का-मुक्की के बीच युकांई आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे, लेकिन सफल नहीं हो पाए। सभी को घसीटते हुए किनारे किया गया। बाद में योगेश समेत 18 युकांइयों को गिरफ्तार कर क्यूआरटी वाहन में बैठाकर सेंट्रल जेल ले जाया गया।
पेट्रोल पंप में तोड़फोड़ का प्रयास
पीएचक्यू से लगे पेट्रोल पंप को खुला देखकर युकांइयों ने बंद करने को कहा। इस बीच कुछ कार्यकर्ताओं ने गुस्से में तोड़फोड़ करने की कोशिश की। वहां रखे स्टापर को फेंक दिया तथा मशीन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इस बीच पुलिस बल ने वहां पहुंचकर युकांइयों को खदेड़ा।
पटेल के साथ योगेंद्र भी गायब
हमले के बाद नक्सलियों द्वारा नंदकुमार पटेल को अगवा कर लिए जाने की खबरों के बीच धरसींवा क्षेत्र के कांग्रेसी नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य योगेंद्र शर्मा भी लापता हंै। श्री शर्मा परिवर्तन यात्रा में श्री पटेल के साथ चल रहे थे। जानकारी के मुताबिक वर्तमान जिला पंचायत सदस्य महेश शर्मा के बड़े भाई योगेंद्र शर्मा का कोई पता नहीं चलने से उनके परिजन व समर्थक चितिंत हैं। श्री शर्मा के गृहग्राम टेकारी, रायपुर तथा सांकरा स्थित डागा ग्रुप कंस्ट्रक्शन के दफ्तर में देर रात तक लोगों का जमावड़ा लगा रहा। सभी उनकी कुशलता की कामना कर रहे थे। परिजनों ने बताया कि काफी प्रयास के बाद भी मोबाइल से न तो संपर्क हो पाया न ही उनकी तरफ से कोई खबर आ पाई है।
 बीस मिनट हवा में मंडराता रहा जोगी का चौपर
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राज्यपाल शेखर दत्त से भेंटकर उन्हें कांग्रेस नेताओं पर किए गए नक्सली हमले की जानकारी देते हुए कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने बताया कि सुकमा जिले की सभा में शामिल होने के लिए उनका चौपर हेलीपैड के ऊपर बीस मिनट तक मंडराता रहा। सभा स्थल पर एक भी सुरक्षाकर्मी या पुलिस को मौजूद न देखकर पायलट ने चौपर उतारने से साफ मना कर दिया था। पायलट का कहना था कि नक्सली इलाका होने से बगैर सुरक्षा बल के यहां चौपर नहीं उतार सकता। तभी एक पुलिसकर्मी हेलीपैड के पास दौड़कर पहुंचा, तब पायलट ने चौपर उतारा। श्री जोगी ने राज्यपाल को बताया कि सभा में तीन हजार लोग मौजूद थे। इसके बावजूद बतौर सुरक्षा एक भी पुलिसकर्मी वहां मौजूद नहीं था। सभा के बाद नंदकुमार पटेल व कवासी लखमा एक ही वाहन में सवार होकर निकले थे और नक्सली हमला हो गया। उन्होंने कहा कि सभा खत्म होने के बाद जब खुद वापस जाने के लिए हेलीपैड की ओर जाते समय पीएसओ से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में दरभा टीआई से बात करने को कहा था। पीएसओ ने बताया कि टीआई ने सभास्थल के पास आने में असमर्थता जताई है। इसके बाद वे बगैर सुरक्षा व्यवस्था के ही हेलीपैड की ओर रवाना हो गए थे। नक्सली हमले में घायल विधायक कवासी लखमा के हवाले से अजीत जोगी ने बताया कि हमले के दौरान नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश अपने वाहन से कूद गए थे। बाद में नक्सली उन्हें साथ ले गए।
राहुल से मिलने उमड़ी भीड़
राहुल गांधी से मिलने के लिए रामकृष्ण हॉस्पिटल में कांग्रेसियों की भीड़ उमड़ पड़ी। राहुल के गाड़ी से उतरते ही कांग्रेसी उनकी ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने लोगों को समझाइश देने की बहुत कोशिश की, लेकिन कांग्रेसी नहीं माने। तब पुलिस को उन्हें खदेड़ना पड़ा। 
दिल के नजदीक फंसी है गोली
रामकृष्ण हॉस्पिटल के डॉ.संदीप दबे ने बताया कि वीसी शुक्ल के दिल के नजदीक एक गोली लगी है, जो वहां फंस गई है। वहीं दो छर्रे भी लगे हैं। उनका सिटी स्केन किया गया।
सवा घंटे रहे राहुल हॉस्पिटल में
राहुल गांधी घायलों और पूर्व केन्द्रीय मंत्री वीसी शुक्ल को मिलने हॉस्पिटल पहुंचे थे। वे वहां पौने दो बजे हॉस्पिटल पहुंचे और तीन बजे हॉस्पिटल से निकल गए। सवा घंटे तक राहुल हॉस्पिटल में रहे। उन्होंने श्री शुक्ला से विशेष्ा मुलाकात की।
दिनेश नहीं पहुंचे थाने
पीसीसी अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के बेटे दिनेश पटेल को सुरक्षित नक्सलियों द्वारा छोड़ने का हल्ला था और उन्हें दरभा थाना में होने के बात कही जा रही थी। लेकिन दरभा थाना प्रभारी ने दिनेश की थाना नहीं पहुंचने की बात कही।
 कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए नक्सली हमले में पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा सहित सोलह लोगों की मौत के मामले की न्यायिक जांच होगी। प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक की भी घोषणा की गई है। नक्सली हमले में मारे गए सभी लोगों की उनके परिजनों की सहमति से राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी। प्रदेश में जारी विकास यात्रा को भी रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को देर रात उनके निवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने पत्रकारों को बताया कि नक्सली हमले में पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा व पूर्व विधायक उदय मुदलियार सहित सोलह लोगों की मौत हुई है, जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। आठ घायलों को बेहतर इलाज के लिए रायपुर  लाया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल को भी रायपुर लाया गया। उनके बेहतर इलाज के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने घटना में सुरक्षा व्यवस्था की चूक से भी इंकार किया। डॉ. सिंह ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल की सकुशल रिहाई के लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। इस संबंध में आंध्रप्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री से भी उनकी बातचीत हुई है। मुख्यमंत्री ने इस वारदात को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया।
पीएम, राजनाथ व सुषमा से चर्चा
मुख्यमंत्री ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह व लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज से भी घटना को लेकर उनकी चर्चा हुई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से भी दो बार चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे से भी चर्चा कर शांति व सद्भाव कायम रखने के लिए एकजुटता दिखाने का आग्रह किया है।
प्रदेश में हाई अलर्ट
राज्यपाल शेखर दत्त ने मुख्य सचिव सुनिल कुमार, प्रमुख सचिव गृह एनके असवाल और डीजीपी रामनिवास को राजभवन तलब कर पूरे घटना की विस्तृत जानकारी ली। घटना के बाद पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से हमले पर रिपोर्ट मांगी है। रविवार को केंद्रीय मंत्रालय के अफसरों की टीम आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने ली देर रात बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नक्सली हमले के बाद बनी परिस्थितियों पर समीक्षा के लिए  देर रात दो बजे उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक मंे राम विचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत,अमर अग्रवाल, लता उसेंडी, मुख्य सचिव सुनील कुमार, डीजीपी राम निवास, प्रमुख गृह सचिव एनके असवाल सहित मुख्यमंत्री सचिवालय के आला अफसर मौजूद थे।  
 



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