Friday, February 5, 2010

नकाबपोशों को पकड़ने का अभियान फिस्स्

रायपुर। स्कार्फ पहनकर सड़कों पर निकलने वालों के खिलाफ शुरू किया गया पुलिसिया अभियान दो दिनों में ही टांय..टांय..फिस्स होकर रह गया। विभिन्न चौक-चौराहों में नकाबपोश वाहनों में सरपट निकलते देखे जा सकते हैं। शहर में 32 पाइंट्स बनाकर पुलिस ने स्कार्फ बांधकर घूमने वालों को पहले समझाइश देकर छोड़ा था। बाद में मोटर व्हीक्ल एक्ट के तहत दर्जनभर नकाबपोशों के खिलाफ कार्रवाई की थी। स्कार्फ पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के पुलिसिया ऐलान के बाद धूल-धक्कड़ से बचने का हवाला देकर लोगों ने इस कार्रवाई को गलत ठहराया, लेकिन पुलिस ने स्कार्फ के स्थान पर हेलमेट पहनने की अनिवार्यता पर जोर देकर इस विरोध पर विराम लगा दिया था। चेहरे पर स्कार्फ बांधकर घूमना राजधानी में फैशन का रुप ले चुका है। देखा देखी में हर कोई स्कार्फ बांधकर घर से बाहर निकलने लगा है। इसका फायदा अपराधी भी उठाने में पीछे नहीें रहे। उरला और सुंदरनगर की बैंक डकैती में शामिल आरोपियों ने चेहरे में स्कार्फ बांधा था। इससे पहले भी कई गंभीर वारदातों में आरोपी स्कार्फ, गमछे से चेहरा छिपा कर वारदात को अंजाम दे चुके हैं। ऐसे में पुलिस ने 18 जनवरी से स्कार्फ बांधने वालों के खिलाफ कार्रवाई का ऐलान किया था। दो दिन तक तो पुलिस ने चौक-चौराहों में स्कार्फ के खिलाफ कार्रवाई में तेजी दिखाई, लेकिन बाद में यह अभियान ठंडा पड़ गया। इस कार्रवाई की जहां लोगों ने सराहना की थी वहीं धूल से सरोबार राजधानी में प्रदूषण से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होने का हवाला देकर विरोध करने वाले भी सामने आए थे। भारतमाता चौक से लेकर तेलीबांधा चौक व उससे आगे तथा रिंग रोड क्रमांक एक में लंबे समय से चल रहे सड़क निर्माण कार्य से क्षेत्र में प्रदूषण की अधिकता के चलते लोग विवश होकर इससे बचने स्कार्फ बांधकर चलते हैं। यही वजह है कि पुलिस विरोध की आशंका को ध्यान में रखकर लगातार कार्रवाई करने से बचती दिखाई दे रही है।

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