रायपुर। पिछले छह महीने के दौरान राजधानी में पकड़े गए नकली नोटों के दो बड़े ही प्रकरणों में सरगना अब तक पुलिस की पहुंच से दूर हैं। एक तरह से पुलिस ने मामले की जांच ही बंद कर दी है। हालांकि दोनों ही मामलों में पुलिस ने नोटों के साथ एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, लेकिन इन प्रकरणों के मुख्य आरोपी फरार होने में कामयाब रहे थे। बाद में इनकी तलाश में पुलिस की विभिन्न टीमों को भेजा गया था, लेकिन ये खाली हाथ ही लौटी थीं। अब गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उन्हें दबोचने के लिए टीमें भेजने की बात कही जा रही है।
मिले थे लाखों के नकली नोट
पिछले साल 8 सितंबर को रेलवे स्टेशन के सामने स्थित बरखा होटल में छापा मारकर पुलिस ने प।बंगाल के बोरजहां नामक युवक को लाखों रुपए के नकली नोट के साथ पकड़ा था। इससे पहले पंडरी स्थित कपड़ा मार्केट में खरीददारी कर हजारों रुपए खपा दिए थे। जबकि अश्माउल खान जो गिरफ्तार युवक को नकली नोटों के साथ यहां लाया था वह मौका देखकर फरार हो गया था। अश्माउल खान की तलाश में पुलिस की टीमें पश्चिम बंगाल भेजी गई थी। जिसमें पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगे थे।
भीड़ में खपाने पहुंचे थे
नकली नोटइसी तरह 13 अक्टूबर को पुलिस ने दीपावली त्यौहार के मौके पर बाजार में उमड़ी भीड़ की आड़ में छह लाख रुपए के नकली नोट खपाने पहुंचे बसना के संजय भोई को गिरफ्तार किया था। लेकिन इसमें भी मौका देखकर मामले का सरगना ग्राम अमरतरा (कुरुद) का बर्खास्त शिक्षक जोहितराम यादव फरार होने में कामयाब रहा। अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
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दोनों मामलों में फरार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। जल्द ही पुलिस की टीम आरोपियों को गिरफ्तार करने भेजी जाएगी।
रजनेश सिंह
(एडिशनल एसपी (सिटी)
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