Friday, February 5, 2010
मॉडल दिव्या मर्डर मिस्ट्री का खुलासा
रायपुर। एक माह से लापता मॉडल दिव्या साहू की हत्या उसके प्रेमी प्रीतम खनूजा ने ब्लेकमेलिंग से त्रस्त होकर किया था। हत्या में मददगार बनी प्रीतम की पत्नी पायल ने मजबूरी में पति का साथ दिया। बारह घंटे लगातार मनोवैज्ञानिक ढंग से पुलिसिया पूछताछ में आखिरकार दंपत्ति ने टूटकर अपना जुर्म कबूला। गुरुवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एएसपी सिटी रजनेश सिंह ने दिव्या हत्याकांड में शामिल पायल खनूजा को पत्रकारों के समक्ष पेशकर इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि दिव्या साहू गत 1 मार्च की दोपहर एक से दो बजे के मध्य घर से मोपेड से यह कहकर निकली थी कि मित्र प्रीतम से मिलने उसके होटल जा रही हूं। तब से वह घर वापस नहीं लौटी। दिव्या के लापता होने से चिंतित भाई रविन्द्र साहू को झांसा देने प्रीतम उसे अपने साथ लेकर अपने होटल व सहेली के घर गया। परिजनों की सूचना पर पंडरी पुलिस गुम इंसान कायम कर पता तलाश में लगी रही। प्रीतम पुलिस को लगातार गुमराह कर यह जताने की कोशिश करता रहा कि दिव्या की खोजबीन वह जोर शोर से करने में लगा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर दिव्या का पता लगाने सीएसपी सिविल लाइन सुरेश पौराणिक के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गयी। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव में 2 मार्च को मिली लाश से दिव्या का हुलिया मेल खाने पर परिजनों को वहां ले जाया गया। लाश का अंतिम संस्कार तो कर दिया गया था। सुरक्षित रखे गए कपड़े, गहने व अन्य सामान को देख परिजनों ने दिव्या का होना बताया। 00 दिव्या की प्रीतम से ऐसे बढ़ी नजदीकियां 00मिस्ट्री आॅफ मर्डर का खुलासा आरोपी दंपत्ति प्रीतम खनूजा व पायल ने पुलिस को दिए गए इकबालिया बयान में कुछ इस तरह से किया। अग्रवाल परिवार की पायल का प्रीतम से प्रेम विवाह दस साल पहले हुई थी। विवाह के कुछ माह बाद से ही वैवाहिक जीवन में दरार पड़ने लगे। नशे का आदी प्रीतम अक्सर पायल से मारपीट करता था। स्थिति यहां तक आ गयी कि पायल ससुराल में रहती जरूर थी लेकिन पति से बातचीत नहीं करती थी। इसी बीच वर्ष 2005 में दिव्या साहू से प्रीतम का परिचय हुआ। प्रीतम खनूजा के जीई रोड स्थित सिटी पल्स रेस्टोरेंट व बार में दिव्या अपने भाई रविन्द्र को लेकर वहां नौकरी पर रखने प्रीतम से मिली थी। प्रीतम का कहना है कि वह तीन बार मिस्टर छत्तीसगढ़ रहा है। दिव्या से उसका परिचय एक फैशन शो में एकंरिंग के कारण पहले से था। उसने दिव्या के भाई को नौकरी पर रख लिया। रविन्द्र के सिकलिंग की बीमारी होने से उसके अस्पताल जाने पर दिव्या उसकी दुकान पर बैठने लगी। इसी दौरान दिव्या व उसके परिजनों से प्रीतम की नजदीकी संबंध बन गया था। दिव्या के प्रपोज करने पर प्रीतम उसे साथ में लेकर मुबंई, कोलकाता घूमने भी गया था। लेकिन परिजनों से दिव्या ने अपने काम से जाना बताया। उधर दिव्या से प्रीतम का मेलजोल पायल को नागवार गुजर रहा था। चार माह पूर्व पायल ने दिव्या से एक होटल में बैठकर पति के संबंधों को लेकर चर्चा की। दिव्या ने पायल से यह लिखापढ़ी कराया कि वह दोनों की जिदंगी से दूर हो जाए, क्योंकि दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे हैं। प्रीतम ने दिव्या के नाम पर सिविल लाइन इलाके में 40 लाख का फ्लैट खरीद कर वहां गिफ्ट कार्नर की दुकान भी खुलावा चुका था। 00 और हावी होने लगी दिव्या 00विवाहित शराब कारोबारी प्रीतम खनूजा से फ्लैट, दुकान सहित अन्य ऐशोआराम के सामान पाकर अतिमहत्वाकांक्षी दिव्या खनूजा परिवार पर हावी होने लगी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दिव्या लगातार प्रीतम पर यह दबाव बनाने लगी थी कि परिवार से अलग होकर मेरे साथ रहो जबकि प्रीतम ऐसा नहीं चाहता था। यही नहीं प्रीतम किसी प्रोग्राम में दिव्या को गैर युवक के साथ देखकर विवाद कर गाली देने लगता था। बताया गया कि दिव्या किसी अश्लील सीडी को लेकर प्रीतम को ब्लेकमेल व धमकी देने लगी थी। यहीं से प्रीतम उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाने लगा। पायल को भरोसे में लेने प्रीतम ने कहा कि वह दिव्या से परेशान आ चुका है। पायल ने पति व दो बच्चे अंश, वंश की खातिर दिव्या की हत्या में शामिल होना स्वीकार किया। दोनों ने एसीड, स्टेशन रोड से नींद की गोली व कटार खरीद कर पूरा प्लान तैयार किया। एक मार्च को मौका पाकर खाने पीने के नाम पर प्रीतम ने दिव्या को होटल में बुलाया। दिव्या के वहां आने पर प्रीतम उसे अपने काले रंग की स्कार्पियो में पडंरी स्थित आर्चिड बार ले गया। वहां दिव्या को काफी मात्रा में शराब पिलाया, शराब में नींद की गोली भी मिला दी थी ताकि आसानी से उसे ले जाया जा सके। जब दिव्या नशे व नींद में हो गयी तब प्रीतम ने पायल को फोन कर बुलाया। दोनो ने रस्सी व पेप्सी की बोतल खरीदी, पेप्सी फेंककर बोतल में पेट्रोल भरकर गाड़ी में रखा। 00 दिव्या ने कहा जानू क्यों मार रहे हो 00नशे व नींद की हालत में दिव्या को स्कार्पियों में किसी तरह बैठाया गया। गाड़ी प्रीतम चला रहा था, उसके बाजू में ही दिव्या लेटी थी। जबकि पायल पीछे बैठी थी। प्रीतम ने गाड़ी में ही रस्सी से दिव्या का गला दबाना शुरू किया। इसी दौरान दिव्या ने कहा जानू मुझे क्यों मार रहे हो? तब प्रीतम ने कहा अब मैं तुझे बर्दास्त नहीं कर सकता और ना ही किसी के साथ देख सकता हूं इसलिए तुम्हें मार रहा हंू। गला दबाकर दिव्या को मौत की नींद सुलाकर दंपत्ति ने लाश को ठिकाने लगाने डोंगरगांव क्षेत्र के जंगल के भीतर ले जाकर डप्पा डेम कोडार बांध के पास लाश को गाड़ी से नीचे उतारा। प्रीतम ने हत्या का साक्ष्य छुपाने दिव्या के चेहरे पर पेट्रोल, एसीड डाल आग लगा दी। इस बीच प्रीतम का हाथ भी झुलस गया था। जिस स्कार्पियों में दिव्या को ले जाया गया था वह एक सप्ताह पहले ही खरीदी गयी थी। पुलिस को गुमराह करने गाड़ी में फर्जी नबंर 5106 लिखकर टोल टैक्स नाका पार किया गया था।
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