Friday, February 5, 2010
मोस्ट वांटेड गिरोहबाज चढ़ा हत्थे
रायपुर। झारखंड, बिहार और उड़ीसा में आतंक का पर्याय बने मोस्ट वांटेड अपराधी अनिल सिंह उर्फ शेरसिंह (28) राजधानी में क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया। वह बाइक से अपनी प्रेमिका के साथ जा रहा था। अनिल के खिलाफ झारखंड, बिहार और उड़ीसा में दो दर्जन से अधिक हत्या, लूट, डकैती, फिरौती और अपहरण जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं। एक साल पहले वह इलाज कराने के बहाने पुलिस को चकमा देकर सिमडेगा अस्पताल से फरार हुआ था। तब से वह विकास यादव के छद्म नाम से कुनकुरी, रायगढ़ के मधुबनपारा और पत्थलगांव में किराये के मकान में रहने लगा। इस दौरान बीस अपराधियों का एक गिरोह बनाकर तीनों राज्यों में गुण्डागर्दी के बल पर वह लेवी वसूलता था। अपने हिस्से की रकम से ऐश कर रहा यह शख्स छत्तीसगढ़ में पैर फैलाने की कोशिश में लगा था। हालांकि अभी तक प्रदेश में कहीं भी उसके खिलाफ मामला दर्ज नहीं है। एएसपी क्राइम अजातशत्रु बहादुर सिंह ने बताया कि गंभीर वारदातों में वांछित और सजायाफ्ता अपराधी अनिल सिंह के छत्तीसगढ़ में छिपे होने की जानकारी क्राइम ब्रांच को उस समय मिली थी, जब बैंक डैकेतों की तलाश में टीमें पड़ोसी राज्यों में गई थी। तब से लगातार अनिल के संबंध में पतासाजी की जा रही थी। शुक्रवार को सूचना मिली कि वह रायगढ़ से किसी युवती के साथ बाइक में बिलासपुर होते हुए रायपुर रवाना हुआ है। इस पर दोपहर 3.30 बजे उक्त हुलिए के व्यक्ति को पकड़ने के लिए निरीक्षक रामाकांत साहू के साथ टीम को खमतराई-फाफाडीह चौक पर लगाया गया। अनिल ने अपनी प्रेमिका रेखा गुप्ता को खमतराई स्थित शोभा होटल में उतार दिया था। वह अकेले जैसे ही फाफाडीह रेलवे क्रासिंग के पास पहुंचा, क्राइम ब्रांच की टीम को देखकर वह बाइक छोड़कर भागने की कोशिश करने लगा लेकिन घेरेबंदी कर उसे धर दबोचा गया। पूछताछ में उसने अपना छद्म नाम विकास यादव निवासी गुमला बताया। सख्ती बरतने पर आखिरकार उसने असली नाम, पता और सुंदरगढ़ से अपहृत युवती रेखा से शादी कर लेना बताया। बाद में रेखा को बरामद कर सुंदरगढ़ पुलिस व उसके परिजनों को इसकी सूचना दी गई। आज ही रेखा को उसके परिजन आकर ले गए। तूती बोलती है अनिल की झारखंड, बिहार, उड़ीसा में अपराध की दुनिया में अनिल सिंह के नाम की तूती बोलती है। सबसे पहले 1999 में उसने अपने दोस्त की प्रेमिका का अपहरण कर जबरिया उससे शादी करा दी थी। इस मामले में लोहरदगा जेल में सालभर रहने के दौरान अनिल की अनेक आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से पहचान हुई। रांची व आसपास के क्षेत्रों में हथियारबंद होकर लूट की कई वारदातों को अंजाम देने के मामले में वर्ष 2002 में खल्लारी, रांची में वह पकड़ा गया था। इसी साल उसने सिमडेगा व ठेठईटांगर में ग्रामीण बैंक लूटकांड, गुमला में पेट्रोल पंप संचालक के 32 हजार की लूटकर हत्या करने, सिसई में पिस्टल के साथ गिरफ्तार होने पर एक साल की कैद काटकर जब वह बाहर आया तब उसका नाम चलने लगा था। अब तक इस अंतर्राज्यीय गिरोहबाज के खिलाफ 25 गंभीर किस्म के मामले दर्ज हैं। कुछ मामलों में इस पर ईनाम भी घोषित है। लेवी वसूलने गैंग आपरेट करता था सिमडेगा जेल में छह साल रहने के बाद 2008 में वह इलाज के बहाने अस्पताल से फरार हो गया था। पुलिस से बचने सुंदरगढ़ उड़ीसा में कुछ माह बिताने के बाद कुनकुरी निवासी रोहित यादव के संपर्क में आया और वहीं पर फरारी काटी। रोहित के साथ झारखंड में गुमला, सिमडेगा के व्यापारियों को धमकाकर उसने रंगदारी वसूलना शुरू किया। ठेकेदारों, व्यापारियों से नियमित लेवी वसूलने के लिए उसने 20-25 लोगों का गैंग तैयार कर कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिलवाया। प्रेमिका को अपहृत कर मांगी फिरौती पत्थलगांव में रहने के दौरान अनिल का परिचय सुंदरगढ़ की रेखा गुप्ता से हुआ। दोनों ने शादी करने का मन बनाया, लेकिन रेखा के परिवार वाले इसके लिए तैयार नहीं थे। अक्टूबर 09 में अनिल ने रेखा को उसके घर से अपहृत कर लिया। इस बीच उसने रेखा को बगैर जानकारी दिए उसके पिता से पांच लाख की फिरौती मांगी थी। हालांकि रुपए नहीं मिले। बाद में दोनों विवाह कर रायगढ़ में कुछ दिन साथ रहे। वहां पर रुकना सुरक्षित नहीं लगने की वजह से नए ठिकाने की तलाश में वह रायपुर आ रहा था। उसके पास से तीन मोबाइल, सात सिम, सात हजार रुपए नकद, पैशन प्लस बाइक क्रमांक सीजी 14 बी 3878 बरामद किया गया है। उड़ीसा, झारखंड पुलिस पहुंची अनिल सिंह झारखंड के गुमला जिले के ग्राम अंबुवा का निवासी है। उसके रायपुर में पकड़े जाने की खबर मिलते ही उड़ीसा के सुंदरगढ़ थाना इंचार्ज सुब्रत कुमार बेहरा तथा सिमडेगा, झारखंड से सब इंस्पेक्टर परमेश्वर प्रसाद दल-बल के साथ रायपुर पहुंचे। उन्होंने एएसपी क्राइम को अनिल के द्वारा किए गए अपराधों की सिलसिलेवार जानकारी दी। एएसपी ने बताया कि धारा 41(1-9) के तहत अनिल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा रहा है। उड़ीसा और झारखंड पुलिस प्रोटेक्शन वारंट के आधार पर अनिल सिंह को साथ ले जाने की तैयारी में लगी है। फर्जी राशनकार्ड जब्त पत्थलगांव के ग्राम पंचायत खजरीढाप के सरपंच महेश्वरी से मिलीभगत कर अनिल ने अपने छद्म नाम आकाश यादव वल्द परमेश्वर यादव के नाम से फर्जी राशनकार्ड भी बनवा लिया था। उसने राशनकार्ड से चार दफे राशन व मिट्टी तेल भी उठाया है। इस राशन कार्ड में सर्वेक्षण सूची क्रमांक दस, वार्ड क्रमांक सात तथा खाता क्रमांक 48 के साथ आकाश, रिंकी यादव (पत्नी) तथा विनोद यादव (भाई) के नाम दर्ज हैं।
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