कुमार सतीश
पुलिसिया घुड़की से पलायन को विवश हुए अपराधी
रायपुर। राजधानी में निगरानीशुदा और हिस्ट्रीशीटर गुण्डों का इन दिनों एक्सचेंज आॅफर चल रहा है। जी हां चौंकिए नहीं, यह सच है। होली नजदीक आते ही पुलिस गुण्डे-बदमाशों और हिस्ट्रीशीटरों को यह चेतावनी देने में लगी है कि राजधानी में रहे तो खैर नहीं॥ सीधे जेल जाने के लिए तैयार रहो। पुलिस की इस सख्त चेतावनी ने गुण्डे, बदमाशों को पलायन करने के लिए विवश कर दिया है। ऐसे गुण्डे, हिस्ट्रीशीटर होली आने से पहले ही अंदर जाने के भय से राजधानी से भूमिगत होकर आसपास के जिलों में नए ठौर-ठिकाने की तलाश में जाने लगे हैं। यही हाल दूसरे जिलों का भी है। पुलिस का दबाव बढ़ते ही आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में गुण्डे-बदमाश रायपुर की ओर पलायन कर रहे हैं। यह हालात एक्सचेंज आॅफर के समान है, जो इन दिनों राजधानी में पूरे शबाब पर है। पुलिस की सख्ती और जेल की हवा खाने से बचने कई शातिर गुण्डे, बदमाश शहर छोड़कर अपने नए ठौर-ठिकानों की ओर कूच कर गए हैं। जबकि चुनाव के समय यही गुण्डे पुलिस के सामने सीना तानकर प्रचार करने में व्यस्त थे। शहर के बीस और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर जिले में 42 पुलिस थाना, नौ पुलिस चौकी हैं। इन थानों में गुण्डे,बदमाश, निगरानीशुदा और हिस्ट्रीशीटरों की संख्या दिनों-दिन बढ़ने से पुलिस के साथ राजधानीवासी हलकान हैं। जिले में निगरानी बदमाशों की संख्या सवा दो सौ है, वहीं गुण्डों का आंकड़ा साढ़े तीन सौ तक पहुंच चुका है। जबकि हर मोहल्ले में रोज नए पैदा हो रहे गुण्डों का उत्पात बढ़ता ही जा रहा है। खुलेआम घातक हथियार लहराकर आतंक का पर्याय बनने की कोशिश कर रहे इन बदमाशों पर पुलिस की पकड़ ढीली पड़ती जा रही है। राजधानी के सबसे संवेदनशील माने जाने वाले मौदहापारा और वीआईपी क्षेत्र सिविल लाइन थाना क्षेत्र में निगरानी बदमाश और गुण्डों की सर्वाधिक संख्या हैं। इन क्षेत्रों में आधा दर्जन ऐसे मोहल्ले और झुग्गी इलाके हैं जहां आदतन अपराधियों का जमावड़ा देर रात तक लगा रहता है। शाम होते ही ऐसे बदमाश मदमस्त होकर पूरे उफान में होते हैं। खुलेआम चाकू, गुप्ती, तलवार लहरा राह चलते आम लोगों को आतंकित करना गुण्डों की आदत में शुमार है। आम लोगों को डरा,धमकाकर वर्चस्व स्थापित कर रहे इन गुण्डों के भय से पीड़ित थाना तक जाने में भय खाते हैं।
नए बदमाशों पर कड़ी नजर
एसपी के निर्देश पर पिछले दिनों थानेदारों ने नए बदमाशों की सूची तैयार की थी। सूची में आठ नए बदमाश निगरानी शुदा के रूप में शामिल किए गए थे। इस सूची में सबसे ज्यादा पंडरी थाना क्षेत्र के छह बदमाशों को शामिल किया गया था। इसके अलावा डीडी नगर व पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के एक-एक बदमाश शामिल किए गए हैं। प्रस्तावित नई सूची में मौदहापारा में दो, न्यू राजेन्द्रनगर दो, टिकरापारा छह, कोतवाली एक, आंरग दो, डीडी नगर तीन,गोबरा नवापारा दो, अभनपुर दो, भाटापारा शहर दो, खमतराई दो, खरोरा तीन, आमानाका पांच, देवेद्रनगर एक, गुढियारी तीन, पंडरी आठ बदमाशों के नाम हैं। पुलिस की परिभाषा में आदतन अपराधियों को निगरानी सूची में रखा जाता है। वहीं तात्कालिक अपराध करने वाले गुण्डा सूची में शामिल किए जाते है।
नहीं पहुंचती पुलिस
राजधानी में पुलिसिंग का सूरत ए हाल काफी खराब है। चाकू, छुरे लेकर आंतक फैला रहे गुण्डे, बदमाशों की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी समय पर नहीं पहुंचती। इससे मार खाने के बाद भी पीड़ित पक्ष परेशान होता है।
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