रायपुर। शंकरनगर स्थित एक चिटफंड कंपनी द्वारा राजधानी समेत आसपास के क्षेत्रों के सात सौ किसानों को रुपए दोगुना, चौगुना करने का झांसा देकर करीब दस करोड़ रुपए वसूलने का एक मामला सामने आया है। रुपए वसूल कर लापता हुई कंपनी के कथित कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कराने शुक्रवार को सैकड़ों पीड़ितों ने सिविल लाइन थाने का घेराव किया। एएसपी सिटी ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन पीड़ितों को दी है। गौरीशंकर महिला समूह की प्रतिनिधि डा।आभा मुदलियार के नेतृत्व में सिविल लाइन थाने पहुंचे सैकड़ों पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि नवम्बर 2006 में शंकरनगर में कल्चुरी इन्वेंस्टमेंट कंपनी का कार्यालय खुला था। कंपनी पिंकू घोष, बॉबी भट्टाचार्य, अजीत, तरुण डडसेना आदि ने राजधानी रायपुर समेत गोबरा नवापारा, कुरुद, राजिम समेत अन्य क्षेत्र के सात सौ किसानों को रुपए जमा करने पर दोगुना और चौगुना रकम देने का झांसा देकर करीब दस करोड़ रुपए वसूले। विश्वास जमाने के लिए कुछ किसानों को उनके जमा रकम ब्याज सहित दिया गया। ठगी के शिकार केवल किसान ही नहीं, बल्कि 50-60 पुलिसकर्मी भी हुए हैं। इस बीच सितम्बर 09 में उक्त चिटफंड कंपनी को बंद कर दिया गया। यही नहीं, कर्मचारियों ने शंकरनगर में ही स्वास्तिक और संकल्प नामक दूसरी इन्वेस्टमेंट कंपनी खोलकर पुन: धोखाधड़ी शुरु कर दी है। पीड़ित किसानों के साथ महिला प्रतिनिधियों ने कंपनी के कर्मचारियों पर रकम वापस दिलाने दबाव बनाया। लेकिन समझौते के बाद भी रकम वापस लौटाने में आनाकानी होते देख शुक्रवार को महिला प्रतिनिधि डा।मुदलियार, मंजू, किरण स्वामी, सुनील नागरकर, मधुकर पांडेय के नेतृत्व में पीड़ित किसान सिविल लाइन थाने पहुंचे। डा.मुदलियार ने बताया कि एएसपी सिटी रजनेश सिंह, टीआई मुकेश खरे ने शिकायत पर अपराध दर्ज करने का आश्वासन दिया है। 
आत्महत्या कर चुके हैं किसान
चिटफंड कंपनी के झांसे में आकर अपना सबकुछ बेचकर रकम जमा करने वाले राजिम क्षेत्र के किसान ऋषि कुमार साहू ने रकम नहीं मिलने से तंग आकर कुछ माह पूर्व आत्महत्या कर लिया था, जबकि कुरुद के सुरेन्द्र बांदे ने आत्महत्या का प्रयास किया था। डा.मुदलियार ने लोगों से ऐसे कंपनियों बचकर रहने का आगाह किया है। 
 
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