Saturday, February 20, 2010

प्रियदर्शनी बैंक घोटाला..

तीन आडिटर समेत पांच के खिलाफ नहीं मिले सबूत
प्रकरण से नाम खारिज करने एसपी ने अदालत से मांगी
इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक में हुए करोड़ों के घोटाले मामले में आरोपी बनाए गए तीन आडिटरों समेत पांच लोगों के खिलाफ कोई सबूत नही मिलने पर एसपी ने अदालत को पत्र लिखकर इनके नाम प्रकरण से खारिज करने की अनुमति मांगी है। एसपी द्वारा 18 फरवरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को लिखे गए पत्र में बताया गया है कि इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक का वर्ष 2002,03,04 एवं 05 का अंकेक्षण कार्य सहकारिता विभाग के अंकेक्षक श्रीमती पुष्पा शर्मा,केएन कश्यप,अनिन्दय मुखर्जी ने किया था। मामले में 8 अगस्त 08 को तीनों को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह मे.अश्विन एसोसिएट के प्रोप्राइटर प्रमोद कापसे तथा बैंक के खातेदार मनीष अग्रवाल द्वारा अलग-अलग तिथि में क्रमश: 23 और 87 अफडीआर बनवाए थे। उक्त राशि को शाखा प्रबंधक उमेश सिन्हा ने लेखा पुस्तक में दर्ज नहीं किया था। मामले में प्रमोद कापसे को 3 मई07 को गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान पांचों आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड़यंत्रों में शामिल होने व अपराध में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से संबंधित कोई प्रमाण नही मिले है। अंत: इनके नाम थाना कोतवाली में दर्ज धारा 120 बी,420 ,467, 468, 409, 201 के प्रकरण से डिस्चार्ज किया जाए। ज्ञात हो कि कोतवाली थानेदार की ओर से अदालत में 11 फरवरी को इस आश्य का एक आवेदन पत्र भी पेश कर पांचों के नाम प्रकरण से खारिज करने की अनुमति मांगी गई थी।

No comments:

Post a Comment