रायपुर। भारतीय विमानों के फिर आतंकी संगठनों के निशाने पर होने की खबर के खुलासे के बाद भी छत्तीसगढ़ के एकमात्र एयरपोर्ट की सुरक्षा हाशिए पर है। देश की खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी रिपोर्ट में साफ कर दिया गया है कि, कंधार विमान अपहरण या फिर एयरपोर्ट को आतंकी अपना निशाना बना सकते हैं। इसके फौरन बाद ही राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने देशभर के सभी घरेलू उड़ानों को संचालित करने वाले एयरोड्रम से लेकर एयरपोर्ट को हाई अलर्ट जोन घोषित कर दिया है। हवाई अड्डों खासकर सरकारी विमानों और निजी विमानन कंपनियों को भी सुरक्षागत इंतजाम के कड़े निर्देश दिए गए हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अनुसार सबसे ज्यादा संवेदनशील हवाई अड्डों के साथ ही घरेलू उड़ानों के लिए भी एयरपोर्ट अथॉरिटी को भी चौकन्ना रहने को कहा गया है, लेकिन इन सब हिफाजÞती कवायद और जरूरी निर्देशों से बेखबर रायपुर के माना एयरपोर्ट की सुरक्षा में कोई खास बदलाव नहीं आया है। महज़ टिकट लेकर वीआईपी और पैसेंजर लाउंज तक लोग आसानी से पहुंच जा रहे हैं। वहीं एयरपोर्ट के रन-वे की सुरक्षा दीवारों में भी बरोंदा, बनरसी इलाके की तरफ से सेंध लगाना उतना ही आसान है जितना किसी बच्चे के लिए पेड़ से फल तोड़ना। एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि यहां आतंकी हमले का अंदेशा नहीं के बराबर है, फिर भी नक्सल प्रभावित इलाके की वजह से सीआईएसएफ के जवान एसएलआर लेकर सुरक्षा में तैनात हैं। भारतीय विमानों के फिर आतंकी संगठनों के निशाने पर होने की खबर के खुलासे के बाद भी छत्तीसगढ़ के एकमात्र एयरपोर्ट की सुरक्षा हाशिए पर है। देश की खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी रिपोर्ट में साफ कर दिया गया है कि, कंधार विमान अपहरण या फिर एयरपोर्ट को आतंकी अपना निशाना बना सकते हैं। इसके फौरन बाद ही राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने देशभर के सभी घरेलू उड़ानों को संचालित करने वाले एयरोड्रम से लेकर एयरपोर्ट को हाई अलर्ट जोन घोषित कर दिया है। हवाई अड्डों खासकर सरकारी विमानों और निजी विमानन कंपनियों को भी सुरक्षागत इंतजाम के कड़े निर्देश दिए गए हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अनुसार सबसे ज्यादा संवेदनशील हवाई अड्डों के साथ ही घरेलू उड़ानों के लिए भी एयरपोर्ट अथॉरिटी को भी चौकन्ना रहने को कहा गया है, लेकिन इन सब हिफाजती कवायद और जरूरी निर्देशों से बेखबर रायपुर के माना एयरपोर्ट की सुरक्षा में कोई खास बदलाव नहीं आया है। महज़ टिकट लेकर वीआईपी और पैसेंजर लाउंज तक लोग आसानी से पहुंच जा रहे हैं। वहीं एयरपोर्ट के रन-वे की सुरक्षा दीवारों में भी बरोंदा, बनरसी इलाके की तरफ से सेंध लगाना उतना ही आसान है जितना किसी बच्चे के लिए पेड़ से फल तोड़ना। एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि यहां आतंकी हमले का अंदेशा नहीं के बराबर है, फिर भी नक्सल प्रभावित इलाके की वजह से सीआईएसएफ के जवान एसएलआर लेकर सुरक्षा में तैनात हैं।आतंकी वारदात को इतने हल्के से लेने वाले माना एयरपोर्ट अफसरों की बचकानी बातों और संभावित खतरे के प्रति उनकी निश्ंिचतता चौंकाने वाली है। आतंकी हमले की आशंका के प्रति सशंकित एयरपोर्ट अफसरों को शायद यह नहीं मालूम कि समय समय पर कट्टरवादी और प्रतिबंधित आतंकी रिश्तों वाले संगठनों की सक्रियता यहां दर्ज की गई है। विस्फोटक नहीं पर कट्टरता के पैरोकारों के आने जाने और कुछ इलाकों में इनके सदस्यों की रिपोर्ट यहां की खुफिया एजेंसियों को भी है। पिछले साल पुलिस महानिदेशक विश्वरंजन ने भी सिमी और अन्य आतंकी रिश्ते वाले संगठनों की गतिविधियां यहां होने का संकेत दिया था। बावजूद इसके एयरपोर्ट में आम दिनों की तरह सुरक्षा इंतजाम में वही गिनती के सीआईएसएफ जवानों की तैनाती मामले को गंभीर बना रही है।अलर्ट को मिल रहा फ्लर्टएयरपोर्ट की सुरक्षा का सीधा सा इंतजाम किया गया है। पैसेंजर लाउंज में आने वाले को महज 30 रुपए की टिकट लेकर अंदर प्रवेश मिल रहा है। गेट पर सिर्फ दो एसएलआर धारी सीआईएसएफ जवान, एटीसी व एयरपोर्ट की प्रशासनिक बिल्ंिडग के प्रवेश द्वार, लाउंज के अंदर, सामानों की एक्सरे जांच मेटल डिटेक्टर का थका विकल्प ही हाई अलर्ट साबित हो रहा है। वैसे यह सुरक्षा व्यवस्था तो आम दिनों में भी रहती है कुछ नया और पुख्ता इंतजामात की मुफलिसी साफ दिखाई दे रही है। निजी विमानन कंपनियों, एयरपोर्ट में आसपास के युवक और निर्माणाधीन एयरपोर्ट कार्यों के लिए मजदूर बेखटके अंदर-बाहर हो रहे हैं। सिर्फ एक दफे ही सुरक्षा जांच के बाद दूसरी बार अंदर प्रवेश करने वालों की अनदेखी की जा रही है। सीधे शब्दों में कहें तो माना एयरपोर्ट में हाई अलर्ट के नाम पर फ्लर्ट जारी है।
-माना एयरपोर्ट पूरी तरह से सुरक्षित है। वैसे भी यहां कट्टरवादी आतंकी संगठनों की बजाय नक्सली वारदातों का अंदेशा बना रहता है। इसलिए भी सुरक्षा व्यवस्था को 24 घंटे चाक चौबंद रखने के निर्देश का पालन किया जा रहा है। हाई अलर्ट के लिए फिर कोई विकल्प नहीं बचता, क्योंकि सुरक्षा तो सतत प्रक्रिया है।- अनिल रायएयरपोर्ट कंट्रोलर
Sunday, February 7, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment