Friday, February 5, 2010

शहर से गांव तक डकैतों की तलाश

रायपुर। एक माह के भीतर दो-दो बैंकों में डकैती की वारदात को अंजाम देकर फरार हुए डकैतों की तलाश में पुलिस की दस टीमें शहर और गांव की खाक छान रही हंै। हालांकि पुलिस को डकैतों के बारे में कोई भी क्लू नहीं मिल पाया है लेकिन जिस दु:साहसिक ढंग से बैंक डकैती को अंजाम दिया गया है उसे देखकर उनके पेशेवर होने का अंदेशा है। उरला स्टेट बैंक में हुई डकैती की घटना में किसी स्थानीय युवक के शामिल होने का पता चला है। बैंक के भीतर चार नकाबपोश डकैत घुसे थे जबकि एक बैंक के बाहर खड़े रहकर गतिविधियों पर नजर रखे हुए था। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को दिए गए बयान में इसकी पुष्टि की है। बाहर खड़े युवक के ही स्थानीय होने का अनुमान है। सीसी कैमरे में चार नकाबपोश डकैतों की तस्वीरे मिली है जो धुंधली सी है। फिर भी पुलिस उनके हाव भाव के आधार पर क्लू खोजने में जुटी है। सुदंरनगर सेंट्रल बैंक और उरला स्टेट बैंक में हुई डकैती की वारदात में काफी समानता होने से एक ही गिरोह द्वारा दोनों बैंकों में डकैती डाले जाने से इंकार नही किया जा सकता। पहले से बैंक की काफी बारीकी से रेकी करने के बाद ही वारदात को अंजाम देने की आशंका है। आईजी डीएम अवस्थी का कहना है अगर दोनों वारदात में एक ही गिरोह का हाथ है तो जल्द ही अपराधी पकड़े जाएगे। दोनों बैंक डकैती की जांच पुलिस और क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीम दस टीम कर रही है। एएसपी सिटी रजनेश सिंह ने बताया कि पुलिस की टीम यूपी, बिहार, झारखंड और उड़ीसा भेजी गई है। इससे पहले जीई रोड में शारदा चौक के समीप जयराम काम्पलेक्स स्थित सोनी कंपनी के फेयरडील शॉप से 18 लाख के इलेक्ट्रानिक्स सामानों की चोरी,तेलीबांधा और पंडरी क्षेत्र में मोबाइल शॉप में लाखों की चोरी के साथ हवाला कारोबारियों के हत्या के मामले की जांच चल रही है। ज्ञात हो कि पिछले साल साइंस कालेज में हुई डकैती का भी खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। बैंक डकैती की घटना के बारे में अब तो पुलिस के बड़े अधिकारी तक कुछ भी बोलने से बच रहे है। उनका सिर्फ यही कहना है कि जांच चल रही हैं। सीसी कैमरे में कैद एक माह के वीडियो क्लीपिंग का बैकअप लेकर इसका अवलोकन किया जा रहा है। डकैतों ने वारदात से पूर्व रेकी की है तो उनके तस्वीर जरूर आई होंगी। 70 बैंकों में नहीं है सुरक्षा व्यवस्था राजधानी समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब डेढ़ सौ विभिन्न बैंकों की शाखाएं संचालित है। इनमें आधे बैंकों मे सुरक्षा व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं है। सरप्राइज चेकिंग के दौरान पुलिस ने पाया कि 70 ऐसे बैंक है जहां गार्ड,अलार्म,सीसी कैमरे सहित सुरक्षा के अन्य इंतजाम है ही नहीं। अधिकतर बैंक आउटर क्षेत्र में स्थित होने के बाद भी सुरक्षा के प्रति बेपरवाह है। यहां तक की ग्राहकों को आने जाने में परेशानी आने का हवाला देकर कई बैंको में आधे खुले रहने वाले मुख्य चैनल गेट तक को खोल दिया गया है। इसका फायदा उठाकर डकैत आसानी से बैंक में हथियार समेत प्रवेश कर जाते है। 160 गार्ड की मांग पर मिले 16 पिछले दिनों पुलिस अफसरों ने राजधानी के बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था का जाएजा लेने के बाद पाया कि कई बैंकों में गार्ड तक नहीं रखे गए है। जबकि नियमानुसार जहां लाखों का लेनदेन होता हो वहां गार्ड व अन्य सुरक्षा के उपाय करना प्रबंधन का काम है लेकिन सब इससे बेपरवाह है। एएसपी रजनेश सिंह ने इस संबंध में बैंकों के मुख्य सुरक्षा अधिकारी छत्तीसगढ़ बीके सोम से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 160 सुरक्षा गार्ड की मांग की गई थी लेकिन मात्र 16 गार्ड की स्वीकृति मिल पाई।

4 comments:

  1. welcome , big question

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  2. हिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें

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