Monday, April 1, 2013

आईपीएल के दौरान नक्सली खतरा, बढ़ी पुलिस की चिंता


रायपुर। राजधानी में नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम की सक्रियता ने आईपीएल की तैयारियों में लगी पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। आईपीएल के दो मैच रायपुर में होने जा रहे हैं।
 खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया है कि कई महीनों से बड़ी वारदात को अंजाम देने का मौका तलाश रहे नक्सली मैचों के दौरान कोई गड़बड़ी कर सकते हैं। इस सूचना के बाद राजधानी और आसपास के शहरों में फैले माओवादियों के अरबन नेटवर्क पर पुलिस ने पूरा फोकस कर दिया है। अरबन नेटवर्क के सदस्यों के साथ कुछ समय पहले नक्सलियों की स्माल एक्शन कमेटी ने राजधानी में हमले की रेकी करने की सूचना मिली है। पुलिस मुख्यालय में यह सूचना पहुंच चुकी है। पुलिस के दबाव को देखते हुए नक्सलियों ने अपनी बदली रणनीति के तहत स्माल एक्शन ग्रुप बनाए हैं, जिसमें तीन से छह सदस्य होते हैं। पिस्टल और धारदार हथियारों से लैस ये ट्रेंड नक्सली भीड़ में मिल जाते हैं। मौका पाते ही टार्गेट पर घातक हमला करने के बाद भीड़ में गायब हो जाते हैं। पुलिस के आला अफसरों का भी मानना है कि स्माल एक्शन टीम के हमलों को रोक पाना आसान नहीं होता, क्योंकि उनका मूवमेंट अंत तक पता नहीं होता। आईपीएल मैचों के दौरान कई वीवीआईपी एक ही जगह पर होंगे। यही वजह है कि पुलिस किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती।परसदा स्टेडियम में काम करने वाले मजदूरों से लेकर अन्य लोगों पर नजर रखी जा रही है। स्टेडियम की आउटफील्ड की मिट्टी को नरम करने के लिए हाल में गड्ढे खोदने के बाद उसमें नरम मिट्टी भरी गई थी। इन गड्ढों की भी बारीकी से जांच पुलिस कर रही है। आईजी जीपी सिंह भी मानते हैं कि नक्सलियों के खतरे को एकदम से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पुलिस ने स्टेडियम के आसपास की सुरक्षा को बेहद पुख्ता कर रखा है।
 सात बड़े नेटवर्क शहरों में सक्रिय
 नक्सलियों की सबसे बड़ी ताकत उनका शक्तिशाली अरबन नेटवर्क है। शहर में उनके कम से कम सात बड़े नेटवर्क काम कर रहे हैं। नक्सल समर्थक संगठनों की संख्या भी आठ से ज्यादा है। उनके कई पोलित ब्यूरो मेंबर और सेंट्रल कमेटी मेंबर रायपुर, भिलाई में रुकते हैं या यहां से आना-जाना करते हैं। नक्सलियों के शीर्ष नेताओं में शुमार नारायण सान्याल को आंध्रप्रदेश की खुफिया एजेंसी एसआईबी ने डंगनिया से ही पकड़ा था। सान्याल को पहचानने के लिए एसआईबी की टीम करीब तीन महीने तक पड़ोस के मकान में रुकी हुई थी। यही अरबन नेटवर्क नक्सलियों को कवर भी प्रदान करता है। 
 

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