रायपुर। अपनी गाड़ी रखने और चलाने के मामले में दुर्ग की महिलाएं रायपुर और बिलासपुर से आगे हैं। पिछले साल दुर्ग की लगभग 9 हजार महिलाओं ने अपने नाम से गाड़ियां खरीदी हैं। रायपुर में 4 हजार और बिलासपुर में सिर्फ 613 महिलाओं ने गाड़ियां खरीदी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं के नाम पर ज्यादा वाहनों का स्वामित्व इस बात का संकेत दे रहा है कि महिलाएं आत्मनिर्भर, स्मार्ट, काम-काजी और पढ़ाई-लिखाई के मामले में ज्यादा सशक्त हो रही हैं। 2012 में राज्यभर में 23202 वाहनों का पंजीयन महिलाओं के नाम पर हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा 8687 यानी करीब 38 फीसदी वाहन दुर्ग में पंजीकृत हुए हैं। रायपुर में सिर्फ 3742 वाहन महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हुए हैं। यह मात्र 16 प्रतिशत है। राज्यभर में 340152 नए वाहनों का पंजीयन हुआ है। इसका 6.82 फीसदी महिलाओं के नाम पर है। बिलासपुर में सिर्फ 613 महिलाओं ने पिछले साल अपने नाम से वाहन खरीदे हैं। जगदलपुर, अंबिकापुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, कोरबा जिले बिलासपुर से आगे हैं। सबसे कम 144 वाहन दंतेवाड़ा जिले में पंजीकृत किए गए हैं।
किसी तरह की छूट नहीं
परिवहन अधिकारियों के मुताबिक महिलाओं को पंजीकरण में छूट नहीं मिलती। संपत्ति के पंजीयन में उन्हें जरूर छूट दी जाती है। इसलिए महिलाओं के नाम पर पंजीकृत होने वाले सभी वाहन महिलाओं के ही वाहन होते हैं। पंजीकृत वाहनों में ज्यादातर स्कूटर और नॉन गियर वाहन होते हैं। ज्यादातर स्कूल-कालेज गोइंग लड़कियां और कामकाजी महिलाएं इस तरह के वाहनों का उपयोग करती हैं।
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