Wednesday, March 6, 2013

माता सीता ने यहीं भोलेनाथ की पूजा कर मांगा था वरदान !

PIX: माता सीता ने यहीं भोलेनाथ की पूजा कर मांगा था वरदान !
रायपुर। यहां तीन नदियों का संगम है। इसी कारण छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहलाता है। और इसी संगम पर सदियों से वैसे का वैसा खड़ा  है आठवीं सदी का कुलेश्वर महादेव मंदिर। इसे एक ईश्वरीय चमत्कार माना जाता है क्योंकि इसी नदी पर बना पुल 40 साल भी नहीं टिक पाया है, फिर यह मंदिर इतने सालों से कैसे बचा रहा। मान्यता यह भी है कि इसी मंदिर में माता सीता ने वनवास के समय रेत के शिवलिंग बनाकर पूजा—अर्चना की थ
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सातवीं-आठवीं शताब्दी का ये मंदिर आज भी खड़ा है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसी नदी पर मंदिर से कुछ ही दूरी पर नयापारा और राजिम दोनों बस्तियों को जोड़ने वाला पुल है।
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ऐसी मान्यता है कि बाढ़ में जब कुलेश्वर महादेव का मंदिर डूबता था तो वहाँ से आवाज़ आती थी मामा बचाओ। इसीलिए यहाँ नाव पर मामा-भाँजे को एक साथ सवार नहीं होने दिया जाता।
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नदी के ठीक किनारे एक और महादेव का मंदिर जिसे मामा का मंदिर भी कहा जाता है और कुलेश्वर महादेव को भाँजे का मंदिर कहते हैं।
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नदी के एक किनारे भगवान राजीवलोचन का मंदिर है और नदी के बीच में कुलेश्वर महादेव का।
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मात्र 45 कि.मी. दूर है पवित्र नगरी राजिम। यहाँ पैरी,सोंढूर और महानदी का संगम है।

kumar satish

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