Thursday, March 14, 2013

जमीन के अंदर है चीन की तरह दीवार, अनसुलझा है रामपुर के टीले का रहस्य..


छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में रामपुर के टीले लोगों के लिए रहस्य बने हुए है। इन रहस्यमयी टीलों में जाने से लोग खौफ खाते हैं। इस टीले पर ऐसे कई राज हैं जिसके बारे में अभी केवल कहा सुना जा रहा है। इतिहास के अवशेष समेटे इन टीलों से जुड़ी कहानियां रोमांच  बनी हुई हैं।शिवनाथ नदी के किनारे कल्चुरी शासनकाल में बने सुरंग अनसुलझी पहेली है। ऐतिहासिक शिव मंदिर के पास ऊंचे-ऊंचे टीले हैं। आए दिन इन टीलों से प्राचीन मुर्तियां बाहर आती रहती हैं। रामपुर के टीले से जुड़ी कई किदवंतियां हैं। जमीन खोदने पर यहां सैकड़ो साल पहले रियासत होने की बात सामने आती है। टीले में पत्थर के चाक, पत्थर की दबी प्रतिमाएं गवाह हैं कि इस स्थान पर वर्षों पूर्व सम्पन्न बसाहट थी। मंदिर के पीछे स्थित कुआं रहस्य की आज भी सजीव तस्वीर है। इसी जगह पर है वो कुंआ जिसका रास्ता सुरंग की ओर जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि पहले कुंए से सुरंग का रास्ता साफ दिखाई पड़ता था। टीलों के आसपास ग्रामीणों ने कई बार नागा औघड़ साधुओं, तांत्रिकों को विचरण करते देखा है। आमावस्या की रात में औघड़ पूजा करने इस टीले पर आते हैं। इस टीले पर सांप बड़ी संख्या में मिलते हैं यही वजह है कि, ग्रामीण रात में वहां जाने से कतराते हैं। ग्रामीणों में औघड़ साधुओं को लेकर अलग—अलग मत हैं, ग्रामीण मानते हैं कि तंत्र क्रिया के दौरान दखल देने पर मौत हो जाती है।ग्रामीणों के अनुसार इस टीले पर पहले कल्चुरी शासनकाल में महल या किला था, जो धीरे-धीरे दब गया है। गांववालों का मत है कि जब नए शिव मंदिर का निर्माण करने के लिए खुदाई की जा रही थी तो जमीन के अंदर विशाल पत्थरों से बनी दिवार की तरह संरचना दिखाई दी थी। ऐसा भी बताया जाता है कि टीले में राजमहल का खजाना दबा हो सकता है यही वजह है कि यहां सांप बड़ी संख्या में मिलते हैं। आज भी किसी निर्माण के लिए खुदाई करने पर पत्थरों की विशालकाय दीवार साफ दिखाई देती है। इस टीले में कई राज हैं जिनके बारे मे ठीक तरह से ग्रामीण भी नहीं बता सकते। सैकड़ों साल पहले यहां किसी राजा का महल या किला हुआ करता था, पड़ोसी राज्य रामपुर पर आक्रमण करते रहे हैं लेकिन यहां के राज को मारना तो दूर राजा को पकड़ पाना भी मुश्किल था। राजा ने अपनी सुरक्षा के लिए अपने महल में कई कुंए खुदवाए थे। हमला होने पर इन्हीं कुओं अंदर सुरंग से होकर राजा जान बचाकर भाग निकलता था। पुरातत्व विभाग यदि इन टीलों की खुदाई करे तो रामपुर के टीलों का रहस्य उजागर हो सकता है। पुरातत्व विभाग इसे लेकर योजना तैयार करने की बात कह रहा है।

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