Tuesday, March 19, 2013

इंटरपोल में 3 अपराधी

छत्तीसगढ़ के सात नहीं, केवल 3 अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये इंटरपोल से मदद मांगी गई है. गृह मंत्री ननकी राम कंवर भले यह दावा करें कि छत्तीसगढ़ के सात अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये इंटरपोल से मदद मांगी गई है लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है.
बुधवार को विधानसभा में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह के सवाल के जवाब में बताया कि फरवरी 2013 तक की स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 7 अपराधियों की तलाश के लिए इंटरपोल की मदद मांगी गई है. इनमें से कोई भी अब तक पकड़ा नहीं गया है. इनके नाम हैं- 1. वीरा गणेश्वर गुडे 2. रामकृष्ण मूर्ति वेत्रिचेलवन 3. मुगुम्धन गंगम 4. सेलाथुरल बास्कर 5. अनीश बहल 6. नील बहल और 7. राजेश बहल. गृहमंत्री के अनुसार इनके लिए अपराध अनुसंधान विभाग, पुलिस मुख्यालय द्वारा वर्ष 2011-12 में चार पत्र लिखे गए तथा 2012-13 में सात पत्र लिखे गए. उप पुलिस महानिरीक्षक ने 2012 में तीन पत्र जारी किये.
लेकिन सीबीआई के दस्तावेज बताते हैं कि आज की तारीख में छत्तीसगढ़ सरकार जिन सात लोगों का नाम इंटरपोल को देने का दावा कर रही है, उसमें से केवल 3 अपराधी ही ऐसे हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिये इंटरपोल की मदद मांगी गई है. इन तीन अपराधियों के लिये ही सीबीआई ने इंटरपोल को नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है. ये अपराधी हैं- मुगुम्धन गंगम, रामकृष्ण मूर्ति वेत्रिचेलवन और सेलाथुरल बास्कर.
इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन चार लोगों की गिरफ्तारी के लिये इंटरपोल से मदद मांगने का जिक्र किया है, उनका नाम इंटरपोल की सूची में नहीं हैं. जाहिर है, ऐसी हालत में कम से कम ये चार अपराधी- वीरा गणेश्वर गुडे, अनीश बहल, नील बहल और राजेश बहल अगर दुनिया के किसी दूसरे देश में आराम से रह रहे हों तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये.

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