Tuesday, March 23, 2010

सेलून संचालक के हत्यारे पकड़े गए



लूटपाट का विरोध करने पर की थी हत्या


रायपुर। सप्ताह भर पहले डंडाखार में हुई एक सेलून दुकानदार की हत्या का मामला क्राइम ब्रांच व टिकरापारा पुलिस ने मिलकर सुलझा लिया है। लूटपाट के दौरान विरोध करने पर लुटेरों ने सेलून संचालक की धारदार हथियार मारकर हत्या करना कबूल कर लिया है। घटना में प्रयुक्त बाइक, कटार समेत नकदी नौ हजार आठ सौ, दो मोबाइल, पर्स तथा लूटे गए सामान आरोपियों से बरामद कर ली गई है। क्राइम ब्रांच निरीक्षक रमाकांत साहू, टीआई टिकरापारा आरके दुबे ने बताया कि दावड़ा कालोनी सांई मंगलम के पास किराए के मकान में रह रहे दीपेन्द्र सिंह ठाकुर उर्फ दीप वल्द देवेन्द्र सिंह ठाकुर(20) तथा चौरसिया कालोनी संतोषीनगर जनता क्वार्टर मदनी चौक संजयनगर निवासी मोहम्मद आसिफ वल्द स्व.मो.फारूख (19) पिछले कुछ माह से लूटपाट की वारदात कर रहे थे। सर्वप्रथम 14 मार्च की रात में संतोषीनगर से घर लौट रहे बोरियाकला निवासी मकसूदन साहू वल्द भागीरथी (27) को चाकू दिखाकर धमकाते हुए दोनों ने उससे मोबाइल व पर्स लूटा था। दूसरे दिन रात नौ बजे बलराम सेन(23) को छोटे बोरिया से सेलून दुकान बंदकर घर लौटते समय डूंडाखार में रोककर दोनों ने चाकू दिखाते हुए पैसे मांगे। इस बीच बलराम को भागते देख आरोपियों ने उसे पकड़ लिया, तभी बलराम ने आसिफ को एक झापड़ मारा। दीपेन्द्र ने बलराम को पकड़ा और आसिफ ने उसके पीठ में चाकू से दो वार कर दिया। इससे बलराम वहीं ढेर हो गया। हत्यारे तत्काल उसकी जेब से तीन हजार रूपए निकाल कर होण्डा स्टेन बाइक क्रमांक सीजी 04 डीई 8877 से भाग निकले। रात के समय ही गांव के नारायण भट्ट ने बलराम को घायल पड़ा देखकर इसकी जानकारी उसके बड़े भाई नरसिंह को दी। परिजनों ने रात में ही बलराम को रामकृष्ण अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उसकी मौत हो गई। हत्या की इस वारदात के दूसरे दिन 16 मार्च को पाटन थाना क्षेत्र के जमराव निवासी मनोज साहू को बाइक से घर लौटते समय केशरी बगीचा भाठागांव में रोककर उसके जांघ में चाकू मारकर नकदी दस हजार, मोबाइल, एटीएम कार्ड आदि लूट लिया था। इसके आलावा एक लूना सवार को भी केशरी बगीचा के पास इन लोगों ने लूटा था। आरोपियों ने सेलून दुकानदार की हत्या के साथ लूट की तीन वारदात करना कबूल कर लिया है। जुए की लत ने बनाया अपराधीलूटपाट के साथ हत्या के मामले में गिरफ्तार दीपेन्द्र सिंह ठाकुर को जुए की लत लग गई थी। वह जुए में घर के पैसे हारने के बाद आसिफ के संगत में आकर बिगड़ गया। उसके पिता की देवपुरी में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय है, वहीं आसिफ की आटो पार्ट्स की दुकान है।

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