Thursday, March 4, 2010

मासूम बच्ची को बेचने वाला गिरफ्तार







सतीश पाण्डेय



गुरुकुल बाल आश्रम में चल रहा था खेल



रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल करने वाली संस्था गुरुकुल आश्रम में मासूमों की खरीद-फरोख्त किए जाने का खुलासे के बाद आश्रम संचालक नारायण राव के खिलाफ उरला पुलिस ने जुर्म दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है। एक निजी टीवी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग आपरेशन में यह तथ्य उजागर हो चुके हैं कि आश्रम में मात्र 2 से 3 लाख रुपए के भीतर कोई भी व्यक्ति आसानी से बच्चों को खरीद सकता है। आश्रम संचालक पर दुर्ग के अस्पताल से लाई गई एक 20 दिन की बालिका को 2.50 लाख रुपए में बेचने का गंभीर आरोप है। बालिका का स्वाथ्य बेहद खराब होने के बाद भी पैसे के लोभ में संचालक ने यह करतूत की। पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है। एएसपी सिटी रजनेश सिंह ने बताया कि ग्राम हथबंद नंदनवन के करीब बने गुरुकुल आश्रम में बच्चे गोद देने के के एवज में चंदे या दान के रूप में आश्रम प्रबंधन द्वारा बड़ी रकम की मांग करने की शिकायत वैशालीनगर,गुढ़ियारी निवासी योगेश्वर राव गोत्रे ने सहारा टीवी चैनल के ब्यूरो प्रमुख रुचिर गर्ग से की थी। चैनल द्वारा स्टिंग आॅपरेशन में इस सौदेबाजी का खुलासे के बाद उरला पुलिस ने मामले में धारा 372 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज कर गुरुवार को तिलकनगर,गुढ़ियारी निवासी आश्रम संचालक नारायण राव (43) को हिरासत में ले लिया है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। एएसपी ने बताया कि देर रात आश्रम में छापामार कार्रवाई करने पुलिस की टीम रवाना की गई है। उन्होनें कहा कि छापे में दस्तावेज जब्त कर यह जानकारी हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है कि कही और मासूमों को तो बेचा नही गया है। उरला पुलिस ने बताया कि वैशालीनगर,गुढ़ियारी निवासी योगेश्वर राव गोत्रे 23 फरवरी को गुरुकुल आश्रम में बच्ची को गोद लेने की मंशा से पहुंचे थे। उन्होंने संचालक नारायण से मिलकर एक बच्ची गोद लेने की इच्छा जाहिर कर दो सौ रुपए का रजिस्टेÑशन फार्म भरकर जमा किया। उक्त फार्म में उसने मंदिर हसौद का पता दिया था। दुर्ग जिले के भिलाई सेक्टर चार निवासी रिक्शा चालक जागोदीप ने पत्नी की मौत के बाद अपनी एक माह की बच्ची को गुरुकुल आश्रम में परवरिश के लिए छोड़ रखा था। उक्त बच्ची को गोद देने के नाम पर सौदेबाजी की गई। शुरुआत में संचालक ने पांच लाख की मांग की थी लेकिन बात ढ़ाई लाख में जाकर तय हुई। पुलिस ने आगे बताया कि आश्रम संचालक ने (सीडब्ल्यूसी) बालक कल्याण समिति माना में राजेन्द्र गौतम का रजिट्रेशन फार्म भेजे बगैर ही 2 मार्च को बच्ची को अनाधिकृत रुप से सौंप दिया था। इससे यह साफ हो गया कि मात्र 2.50 लाख में कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से इस आश्रम के बच्चों को बिना किसी दस्तावेजी कार्रवाई के खरीद या गोद ले सकता है। पूरे प्रकरण में बच्चा गोद लेने वाले ने पहले ही योगेश्वर राव ने यह शर्त रखी थी कि वह गोद लेने की प्रक्रिया के दौरान होने वाली दस्तावेजी कार्रवाई वह नहीं कराना चाहता है, क्योंकि इसमें समय व्यर्थ होता है। मामले का भंडाफोड़ करने राजीव बिग्रेड के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल,बलवीर सिंह,आशीष तिवारी के साथ सहारा टीवी की टीम खुफिया कैमरे से लैस होकर योगेश्वर राव के साथ आश्रम पहुंची। साहरा टीवी चैनल के ब्यूरो प्रमुख रुचिर गर्ग ने सौदे के अनुसार नारायण राव के नाम पर आईसीआईसी बैंक का एक हस्ताक्षरयुक्त सेल्फ चेक खाता क्रमांक 016101507444 का योगेश्वर के माध्यम से नारायण को सौंपा था। चेक का भुगतान न करने बैंक प्रबंधन को पहले से ही चेता दिया गया था।



एएसपी को चैनल ने सौंपा सीडी



टीवी चैनल की टीम ने गुरुवार को एएसपी सिटी रजनेश सिंह से भेंटकर उन्हें स्टिंग आपरेशन की सीडी सौंपी। सीडी की रिकार्डिंग में नारायण राव ने स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि यदि बड़ी रकम मिले, तो वह आश्रम के 2-4 बच्चों को बिना किसी दस्तावेजी कार्रवाई के ही गोद दे सकता है। वही स्टिंग आपरेशन के खुलासा के बाद नारायण राव ने अपना बचाव करते हुए उरला थाने में शिकायत दर्ज कराई। उसका कहना था कि बच्ची बेहद कमजोर स्थिति में थी। गोद लेने वाले व्यक्ति के आग्रह पर उसे दिशा-निर्देश देकर उपचार कराने बच्ची को दिया गया था। फिलहाल अम्बेडकर अस्पताल की नर्सरी में बच्ची का उपचार चल रहा है।



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