Tuesday, March 30, 2010

मर्ज के नासूर बनने का इंतजार

सतीश पाण्डेय
रायपुर। क्या पुलिस जिला बनाने से ही गरियाबंद क्षेत्र नक्सली आतंक से मुक्त हो जाएगा। बस्तर, नांदगांव में मर्ज के नासूर बन जाने के बाद जिस तरह से आपरेशन ग्रीनहंट शुरू किया गया है क्या वैसे ही हालात गरियाबंद क्षेत्र में पुलिस जिले के पूरी तरह अस्तित्व में आते तक नहीं बन जाएंगे। हाल ही में नक्सलियों के दो दिवसीय बंद को यहां जिस व्यापक पैमाने पर सफलता मिली उसे देखते हुए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।
उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचान बना चुके गरियाबंद को पुलिस जिला बनाए जाने की कवायद राज्य शासन ने शुरू कर दी है। गृह विभाग के प्रस्ताव पर सरकार ने बजट में प्रावधान कर इसकी स्वीकृति भी दे दी है। संभावना है कि अप्रेल में शासन की अंतिम मुहर लगते ही गरियाबंद पुलिस जिले के रूप में अस्तित्व में आ जाएगा। गरियाबंद पुलिस जिले में कुल 11 थाने होंगे, इनमें कुछ नए सृजित थाने और पुलिस चौकियों का थाने में उन्नयन होना प्रस्तावित है। रायपुर जिले के अंतर्गत गरियाबंद इलाका पिछले साल भर से नक्सली हिंसा की चपेट में है। जिला मुख्यालय से दूर होने के कारण इस इलाके में नक्सली तेजी से पांव पसारने लगे हैं। सरपंच की हत्या और नगरी सिहावा क्षेत्र में हुई बड़ी नक्सली वारदात के बाद से प्रशासन गरियाबंद की सुरक्षा को लेकर अलर्ट है। हार्डकोर नक्सली गोपन्ना उर्फ गजाला उर्फ गोपाल मंडावी उर्फ सत्यम रेड्डी के गरियाबंद में पकड़े जाने तथा इसी तरह भिलाई में रहने वाले कामरेड विजय रेड्डी उर्फ सुधीर चौधरी उर्फ गुड़सा उसेंडी वर्ष 2008 में छेड़े गए शहरी नक्सली अभियान के दौरान फरार होने में कामयाब हो गया था। हाल ही में मैनपुर में नक्सली कमांडर रेनु मंडावी की गिरफ्तारी के बाद से क्षेत्र में तेजी से नक्सलियों की आमदरफ्त बढ़ी है। वहीं इस क्षेत्र के हीरा खदानों पर भी नक्सलियों की नजर है। पूर्व में केन्द्रीय समिति के सदस्यों की इस इलाके में हुई गिरफ्तारी से नक्सली बदले की भावना रखते है। ऐसे में नगरी सिहवा की तर्ज पर नक्सली कभी भी पुन: अटैक करने के फिराक में लगे हुए है। इसकी सूचनाएं भी खुपिया विभाग को मिलती रही है। सूत्रों का दावा है कि नक्सलियों ने खदानों पर कब्जा जमा लिया है। इस बिगड़ते हालात के मद्देनजर नक्सली गतिविधियों पर लगाम कसने गरियाबंद को पुलिस जिला बनाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। गरियाबंद में थाना आजाक, यातायात तथा महिला थाना भी खोला जाना प्रस्तावित है।
राजिम से शुरू होगी सीमा
गरियाबंद पुलिस जिले का सीमा क्षेत्र राजिम से शुरू होगा। इसमें फिंगेश्वर, गरियाबंद, छुरा, मैनपुर, देवभोग के इलाके शामिल होंगे। नवसृजित होने वाले थानों में पीपरछेड़ी, फिंगेश्वर, इन्दागांव, पायलीखंड, शोभा, अमलीपदर शामिल हैं। नवीन थाना खोलने के साथ ही पुलिस चौकी बिन्द्रानवागढ़ को भी थाने के रूप में उन्नयन करना प्रस्तावित किया गया है। वर्षों से आवश्यक संसाधन और बल की कमी से जूझते आ रहे नक्सल प्रभावित गरियाबंद को पुलिस जिला बनाए जाने से प्रशासन को नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में काफी मदद मिलेगी।
ये हैं प्रभावित इलाके
पाण्डुका- राजिम एवं गरियाबंद के मध्य में राजिम से 25 किमी दूर पर पाण्डुका स्थित है। यह इस क्षेत्र का बड़ा ग्राम है। यहां पुलिस थाना खोले जाने से आसपास के ग्रामीणों को थाने से संबंधित कार्य के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, साथ ही क्षेत्र में असामाजिक तत्वों पर भी प्रभावी नियत्रंण किया जा सकता है।
खडमा- फिंगेश्वर एवं छुरा के मध्य स्थित खडमा गांव की दूरी फिंगेश्वर से 25 किमी की है। यह भी इस क्षेत्र का बड़ा गांव है।
बेहराडीह -मैनपुर से देवभोग के मध्य स्थित बेहराडीह की दूरी मैनपुर से 15 किमी है। बेहराडीह-से धमतरी जिला जाने का मार्ग हैं। यहां पुलिस थाना खुलने से अपराध नियत्रंण पर प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी।
बल में इजाफा
गरियाबंद पुलिस जिले में गरियाबंद, छुरा, राजिम, फिंगेश्वर तथा नवनिर्मित होने वाले पीपरछेड़ी, इंदागांव, अमलीपदर में अनुपूरक अनुदान के तहत पुलिस बल की वृद्धि हो चुकी है। शेष थाना देवभोग, मैनपुर में बल वृद्धि की आवश्यकता महसूस की जा रही है। ंसंसाधन की दरकार गरियाबंद पुलिस जिला के अस्तित्व में आते ही एसपी का प्रशासकीय व अवासीय भवन, डीआरसी लाइन, कंट्रोल रूम भवन, आवासीय भवन, वाहन, आर्म्स, दूरसंचार यंत्र, कार्यालयीन उपकरण, फर्नीचर, थाना-चौकी हेतु भवन, अस्पताल यूनिट, डॉग एवं कैनन, फ्लाइंग, एमएसएल यूनिट, सोलर लाइट, वाटर टैंक, हैण्डपंप, पुलिस स्टेशन एप्रोच रोड, आंतरिक विद्युतीकरण आदि संसाधन पूरा करने की जिम्मेदारी शासन की होगी। बल की मांग
गरियाबंद पुलिस जिले के विभिन्न नवीन थानों व पुलिस चौकी से थाने के रूप में उन्नयन होने वाले थाने में पर्याप्त संख्या में बल की पूर्ति करने पर विभाग ने जोर दिया है। जानकारी के मुताबिक पाण्डुका, मैनपुर, बेहराडीह, बिन्द्रानवागढ़ थाने में निरीक्षक से लेकर कुक, चालक, स्वीपर के पद की पूर्ति करने के साथ ही आजाक, यातायात, महिला थाना के लिए भी अलग से बल उपलब्ध कराने के लिए शासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है।
बस्तर में आपरेशन ग्रीन हंट के बाद नक्सलियों पर लगातार दबाव बढ़ा है। इसके बाद से वह गरियाबंद और धमतरी की तरफ आ गए हैं। इसे देखते हुए सरकार ने गरियाबंद को पुलिस जिला बनाने की घोषणा कर दी है। प्रशासनिक कार्रवाई जल्द ही पूरी होने वाली है। -विश्वरंजन, डीजीपी

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