Thursday, August 8, 2013

शौक ने बनाया किशोरों को अपराधी


अपराध के दलदल में गरीबों की औलादें
00 रईसजादों जैसे शौक पूरे करने के लिए कर रहे चोरी, लूट
0 छह महीने में चोरी, लूट में 48 किशोर हत्थे चढ़े
रायपुर(निप्र)। महंगे मोबाइल सेट, अच्छे कपड़े, जूते, बाइक -जैसी चीजों का शौक पूरे करने के लिए  बच्चे, किशोर और युवा अपराध के दलदल में धंसते जा रहे हैं। मध्यम वर्ग के छात्र अपने साथी, आसपास रहने वाले छात्रों के रहन-सहन को देखकर खासे प्रभावित हैं। उनके जैसा बनने के लिए वे शार्टकट के चक्कर में अपराध के रास्ते पर चल पड़े हैं। पिछले साल चोरी के मामले में पकड़े गए शहर के तीन इंजीनियरिंग छात्रों द्वारा रूम पार्टनर का लैपटॉप चोरी करने के पीछे शौक पूरा करना मुख्य कारण के रूप में सामने आया था। इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शहरी चकाचौंध और उच्च वर्ग के लोगों के रहन-सहन से किशोर वर्ग खासा प्रभावित है। पिछले साल भर के आकंड़ों पर गौर करें तो चोरी व लूट की घटनाओं में किशोरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जनवरी 2013 से जुलाई 2013 तक विभिन्ना अपराधों में 48 किशोर पकड़े गए हंै। पिछले साल यह आकंड़ा 73 तक पहुंचा था।
हाल ही में तेलीबांधा स्थित माल से महंगा सामान उड़ाने वाले दो नाबालिग पुलिस के हत्थे चढ़े थे। दोनों किशोर गरीब परिवार से थे। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि साथियों के पास महंगे मोबाइल होने और अच्छे कपड़े पहनकर घूमते देख उनकी नीयत बदल गई थी। वे भी उनकी तरह शौक पूरा करना चाहते थे। परिवार की यह  हैसियत नहीं थी कि शौक पूरा कर सकें, इसलिए चोरी करने लगे। इसी तरह कमिश्नर कार्यालय के बाबू के प्रोफेसर कॉलोनी सेक्टर तीन स्थित मकान से 70 हजार के जेवर चोरी के मामले में पकड़े गए संजयनगर के दो नाबालिग जेवर बेचकर शौक पूरा करने की चाहत रखते थे। पिछले साल अप्रैल महीने में जगदलपुर से बुकिंग में रायपुर लेकर आए स्कार्पियो वाहन को मौका पाकर चालक द्वारा उड़ा ले जाने की घटना सामने आई थी। क्राइम ब्रांच की पकड़ में आए मूलत: ग्राम खड़सरा, बेमेतरा निवासी आरोपी चालक संतोष पांडेय यहां आरडीए कॉलोनी, टिकरापारा में पत्नी के साथ रहता था। कर्ज के बोझ तले दबा संतोष चोरी की गाड़ी के सहारे कर्ज उतारने की सोच रहा था, लेकिन उसकी यह हसरत पूरी नहीं हो सकी। वाहन व घर की चोरी में लगातार किशोर पकड़े जा रहे हैं। पुलिस अफसरों का कहना है कि पढ़ाई की उम्र में किशोरों का अपराध के रास्ते पर चलना चिंताजनक है। इसे रोकने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को कुछ प्रभावी कदम उठाना चाहिए।
केस वन
एक इंजीनियरिंग छात्र ने दो किशोर छात्रों की मदद से रूम पार्टनर के दो लैपटॉप व बुफर चुरा लिया था। चोरी का सामान बेचकर तीनों अपना शौक पूरा करने की चाहत रखते थे।
केस-टू
चोरी की दोपहिया वाहन के साथ हाल में पकड़े गए दो किशोरों ने गाड़ी चलाने के शौक के कारण चोरी की बात कबूल की थी।
केस-थ्री
पिछले महीने संतोषीनगर, दुर्गापारा के एक किशोर को चोरी के एक लाख के जेवर व एल्युमिनियम सीढ़ी के साथ पकड़ा गया था।
चोरी और लूट के कई मामलों में पकड़े गए मध्यम वर्ग परिवार के किशोर धनाढ्य वर्ग के लड़कों के महंगे शौक से खासे प्रभावित है। वे इन शौक को पूरा करने अपराध के रास्ते में चल पड़े हैं। यह समाज के लिए चिंताजनक स्थिति है।
श्वेता सिन्हा
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शौक ने बनाया किशोरों को अपराधी
0 छह महीने में चोरी, लूट में 48 किशोर हत्थे चढ़े महंॅगे मोबाइल सेट, अच्छे कपड़े, जूते, बाइक -जैसी चीजों का शौक पूरे करने के लिए  बच्चे, किशोर और युवा अपराध के दलदल में धंॅसते जा रहे हैं। मध्यम वर्ग के छात्र अपने साथी, आसपास रहने वाले छात्रों के रहन-सहन को देखकर खासे प्रभावित हैं। उनके-जैसा बनने के लिए वे शार्टकट के चक्कर में अपराध के रास्ते पर चल पड़े हैं। पिछले साल चोरी के मामले में पकड़े गए शहर के तीन इंजीनियरिंग छात्रों द्वारा रूम पार्टनर का लैपटॉप चोरी करने के पीछे शौक पूरा करना मुख्य कारण के रूप में सामने आया था। इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शहरी चकाचौंध और उच्च वर्ग के लोगों के रहन-सहन से किशोर वर्ग खासा प्रभावित है। पिछले साल भर के आकंड़ों पर गौर करे तो चोरी व लूट की घटनाओं में किशोरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जनवरी 2013 से जुलाई 2013 तक विभिन्ना अपराधों में 48 किशोर पकड़े गए है। पिछले साल यह आकंड़ा 73 तक पहुंचा था।
हाल ही में तेलीबांॅधा स्थित माल से महंॅगा सामान उड़ाने वाले दो नाबालिग पुलिस के हत्थे चढ़े थे। दोनों किशोर गरीब परिवार से थे। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि साथियों के पास महंॅगे मोबाइल होने और अच्छे कपड़े पहनकर घूमते देख उनकी नीयत बदल गई थी। वे भी उनकी तरह शौक पूरा करना चाहते थे। परिवार की यह  हैसियत नहीं थी कि शौक पूरा कर सकें, इसलिए चोरी करने के लिए विवश होना पड़ा। इसी तरह कमिश्नर कार्यालय के बाबू के प्रोफेसर कालोनी सेक्टर तीन स्थित मकान से 70 हजार के जेवर चोरी के मामले में पकड़े गए संजयनगर के दो नाबालिग जेवर बेचकर शौक पूरा करने की चाहत रखते थे। पिछले साल अप्रैल महीने में जगदलपुर से बुकिंग में रायपुर लेकर आए स्कार्पियो वाहन को मौका पाकर चालक द्वारा उड़ा ले जाने की घटना सामने आई थी।  क्राइम ब्रांच की पकड़ में आए मूलत: ग्राम खड़सरा, बेमेतरा निवासी आरोपी चालक संतोष पांडेय यहांॅ आरडीए कालोनी, टिकरापारा में पत्नी के साथ रहता था। कर्ज के बोझ तले दबा संतोष चोरी की गाड़ी के सहारे कर्ज उतारने की सोच रहा था, लेकिन उसकी यह हसरत पूरी नहीं हो सकी। वाहन व घर की चोरी में लगातार किशोर पकड़े जा रहे है। पुलिस अफसरों का कहना है कि पढ़ाई की उम्र में किशोरों का अपराध के रास्ते पर चलना चिंताजनक है। इसे रोकने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को कुछ प्रभावी कदम उठाना चाहिए।
केस वन
एक इंजीनियरिंग छात्र ने दो किशोर छात्रों की मदद से रूम पार्टनर के दो लैपटाप व बुफर चुरा लिया था। चोरी का सामान बेचकर तीनों अपना शौक पूरा करने की चाहत रखते थे।
केस-टू
चोरी की दोपहिया वाहन के साथ हाल में पकड़े गए दो किशोरों ने गाड़ी चलाने के शौक के कारण चोरी की बात कबूल की थी।
केस-थ्री
पिछले महीने संतोषीनगर, दुर्गापारा के एक किशोर को चोरी के एक लाख के जेवर व एल्युमिनियम सीढ़ी के साथ पकड़ा गया था।
वर्सन-
चोरी और लूट के कई मामलों में पकड़े गए मध्यम वर्ग परिवार के किशोर धनाड्य वर्ग के लड़कों के मंहगे शौक से खासे प्रभावित है। वे इन शौक को पूरा करने अपराध के रास्ते में चल पड़े है। यह समाज के लिए चिंताजनक स्थिति है।
श्वेता सिन्हा
एएसपी, क्राइम



 

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