Friday, August 30, 2013

सोने के अवैध कारोबार में फंसे 70 फीसदी सराफा व्यवसायी


0 राजधानी में एमसीएक्स का पांच साल में व्यापक फैलाव हुआ
0 रोज तीन करोड़ के सोने की अवैध ट्रेडिंग
0 सोना ट्रेडिंग का 70 फीसदी कारोबार अवैध चल रहा
0 रोजाना ढाई से तीन करोड़ की होती है बुकिंग
0 16 से 50 साल की उम्र वाले फंस चुके हैं जाल में

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में सोने का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। बोलचाल में डिब्बा ट्रेडिंग कहे जाने वाले इस कारोबार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां रोजाना ढाई से तीन करोड़ के सोने की अवैध ट्रेडिंग होती है। हालत यह है कि लगभग 70 फीसदी छोटे-बड़े सराफा कारोबारी एमसीएक्स के जाल में फंस चुके हैं। इसमें 16 से लेकर 50 साल की उम्र वाले लोग शामिल हैं। पिछले सात-आठ सालों में एमसीएक्स के जरिए साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक रकम यहां से बाहर जा चुकी है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज का काम करने के लिए लाइसेंस जारी होता है। बिना लाइसेंस के यह काम अवैध है। लेकिन इसके अवैध कारोबार की जड़ें राजधानी में काफी फैल चुकी हैं। एमसीएक्स को बोलचाल में डिब्बा ट्रेडिंग कहा जाता है। न केवल सराफा कारोबारी, बल्कि जमीन कारोबारी, कुछ नेता, बिल्डर और अन्य लोग भी एमसीएक्स में एक झटके में करोड़ों का वारान्यारा करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं, जो इस सपने में फंसकर बर्बाद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। न केवल उन्हें, बल्कि परिवार के लोगों को भी अब कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है। तगादेदार अलग घर में आकर धमकी दे रहे हैं। एमसीएक्स का रोज का कारोबार पांच साल पहले तक लाखों में होता था। लेकिन अब करोड़ों में पहुंच गया है।
पूरा कारोबार टैक्स चोरी के लिए
एमसीएक्स का अवैध कारोबार टैक्स चोरी के लिए चल रहा है। एमसीएक्स पूरा कारोबार कच्चा होता है। इसकी कोई लिखा-पढ़ी नहीं होती है। यह काम आपसी विश्वास पर होता है। ग्राहक बाजार देखकर बुकी को सोना बेचता या खरीदने के लिए लाट बुक कराता है। दाम घटने या बढ़ने पर ग्राहक का नफा-नुकसान तय होता है। बुकी तो किसी भी तरह अपनी रकम ग्राहक से निकाल लेते हैं, लेकिन अगर उसे ग्राहक को देना हो तो कई बार मुकर जाते हैं। एमसीएक्स बाजार में ऐसी काफी शिकायतें हैं।
गुजरात है एमसीएक्स का हब
जानकारों के अनुसार स्टॉक मार्केट की तरह एमसीएक्स का बड़ा बाजार गुजरात है। वहीं से एमसीएक्स के भाव बुकियों तक पहुंचते हैं। एमसीएक्स के बुकियों को हर तरह से ऐश कराया जाता है। मालूम हुआ है कि कुछ समय पहले गोवा में देशभर के बुकियों की पार्टी रखी गई थी। रायपुर के भी कुछ बड़े बुकी उसमें शामिल हुए थे। इस पार्टी में बुकियों को विदेशी कॉलगर्ल उपलब्ध कराई गई थीं।
केवल सोना नहीं और भी बहुत कुछ
एमसीएक्स में केवल सोने पर पैसा नहीं लग रहा है। अनाज, दूसरी धातु और प्रोडक्ट्स का भी एमसीएक्स होता है। इस कारोबार में पैसा लगाने वालों को डुबाने के लिए डिमांड बढ़ाकर सामान का दाम एकदम ऊंचाई पर पहुंचा दिया जाता है। फिर एक झटके से दाम तोड़ देते हैं। इससे पैसा लगाने वाले डूब जाते हैं।
पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही
वर्ष 2011 में एमसीएक्स के खिलाफ राजधानी पुलिस ने पहली कार्रवाई की थी। तत्कालीन सीएसपी कोतवाली श्वेता सिन्हा के नेतृत्व में रामसागर पारा के एक ट्रैवल कारोबारी के कार्यालय में छापा मारा गया था। तब न केवल शहर, बल्कि प्रदेश के कई बड़े शहरों में अवैध रूप से चल रहे एमसीएक्स कारोबार का भंडाफोड़ हुआ था। लेकिन उसके बाद पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी रही। एमसीएक्स बाजार के बड़े मगरमच्छों तक पहुंचने की कोशिश ही नहीं हुई।
दो इनामी बुकी अब तक गिरफ्त से बाहर
राजधानी में मन्न्ू उर्फ अभिनंदन नत्थानी और नितिन चोपड़ा के नाम तीन-चार सालों से चर्चा में हैं। दोनों एमसीएक्स बुकी हैं। इन्होंने वसूली के लिए गुंडे हायर किए। इनके खिलाफ कई शिकायतें हैं। इस कारण पुलिस ने दोनों पर दस-दस हजार स्र्पए के इनाम की घोषणा भी की है। दोनों अंडरग्राउंड रहकर एमसीएक्स का कारोबार चला रहे हैं। मन्न्ू खुद को लाइसेंसी एमसीएक्स कारोबारी बताता था। उसके एजेंट के रूप में अनिल भंडारी, सन्न्ी नायडू, जीतू कोचर और प्रशांत कोचर काम करते थे।
गुंडागर्दी पर उतरे
एमसीएक्स के कारोबार में खुलेआम गुंडागर्दी चल रही है। पैसा वसूली के लिए गुंडे हायर किए जा रहे हैं। पहले लोकल और अब एक-डेढ़ साल से बाहर के गुंडों को भी वसूली का ठेका दिया जाने लगा है।
घटना-1- अक्टूबर-नवंबर 2011 में देवेंद्रनगर के एक एमसीएक्स कारोबारी से 35-40 लाख स्र्पयों की वसूली करने के लिए एमसीएक्स बुकी नितिन चोपड़ा ने स्टेशन इलाके के गुंडे गुड्डा उर्फ रविंद्र पांडे और पिंकू उर्फ पंकज दास को हायर किया था। इन्होंने एमसीएक्स कारोबारी के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी।
घटना-2- पंडरी के टाइल्स कारोबारी अमित शेरवानी से एमसीएक्स के ढाई लाख स्र्पए वसूलने के लिए एमसीएक्स बुकी मन्न्ू नत्थानी ने तीन लोकल गुंडों को हायर किया था। इन गुंडों ने पुराना बस स्टैंड में एएसपी सिटी के पुराने ऑफिस के सामने अमित से मारपीट की थी।
घटना-3- विपुल जैन से पांच लाख स्र्पए की वसूली के लिए बुकी की तरफ से उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं। तब, लगभग पौने दो साल पहले उसके पिता विमल जैन ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
घटना-4 - जमीन कारोबारी अभय नाहर पर एमसीएक्स कारोबारी ने डेढ़ करोड़ की देनदारी निकाल दी थी। लगभग एक करोड़ उसने ज्वलेरी और अपने प्लॉट बेचकर दिए थे। 50 लाख की वसूली के लिए अभय का अपहरण कर मारपीट की गई थी।
एमसीएक्स ने कई को डुबाया
घटना-1- डॉल्फिन स्कूल के संचालक राजेश शर्मा के 120 करोड़ स्र्पए एमसीएक्स में डुबने की चर्चा है। बुकियों से धमकी मिलने के कारण ही वह पत्नी उमा और बच्ची के साथ यहां से भाग गया।
घटना-2- कुछ माह पहले एक कारोबारी ने अपनी कार को महादेव घाट के किनारे छोड़कर खास्र्न नदी में छलांग लगा दी थी। वह अब तक नहीं मिला है। चर्चा है कि एमसीएक्स में उसके सात करोड़ डूब गए थे।
घटना-3 - एमसीएक्स में डूबने के कारण सदर बाजार का सोनू उर्फ शशिकांत पवार अंडरग्राउंड हुआ तो उसके भाई दिलीप पवार पर बुकियों ने दबाव बनाया। तब दिलीप को खुदकुशी करनी पड़ी।

डिब्बा ट्रेनिंग में डूबे साढ़े तीन सौ करोड़
0 राजधानी में एमसीएक्स का पांच साल में व्यापक फैलाव हुआ
0 सोना ट्रेडिंग का 70 फीसदी कारोबार अवैध चल रहा
0 रोजाना ढाई से तीन करोड़ की होती है बुकिंग
0 16 से 50 साल की उम्र वाले फंस चुके हैं जाल में
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में सोने का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। बोलचाल में डिब्बा ट्रेडिंग कहे जाने वाले इस कारोबार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां रोजाना ढाई से तीन करोड़ के सोने की अवैध ट्रेडिंग होती है। हालत यह है कि 65 से 70 फीसदी छोटे-बड़े सराफा कारोबारी एमसीएक्स की जाल में फंस चुके हैं। इसमें 16 साल की उम्र के किशोर भी शामिल हैं। इसी कारण पिछले सात-आठ सालों में एमसीएक्स के जरिए साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक रकम यहां से बाहर जा चुकी है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज का काम करने के लिए लाइसेंस जारी होता है। बिना लाइसेंस के यह काम अवैध है। लेकिन इस अवैध कारोबार की जड़ें राजधानी में काफी फैल चुकी हैं। एमसीएक्स को बोलचाल में डिब्बा ट्रेडिंग कहा जाता है। न केवल सराफा कारोबारी, बल्कि जमीन कारोबारी, कुछ नेता, बिल्डर और अन्य लोग भी एमसीएक्स में एक झटके में करोड़ों का वारान्यारा करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं, जो इस सपने में फंसकर बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। न केवल उन्हें, बल्कि परिवार के लोगों को भी अब कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है। तगादेदार अलग घर में आकर धमकी दे रहे हैं। एमसीएक्स का रोज का कारोबार पांच साल पहले तक लाखों में होता था। लेकिन अब करोड़ों में पहुंच गया है।
पूरा कारोबार टैक्स चोरी के लिए
एमसीएक्स का अवैध कारोबार टैक्स चोरी के लिए चल रहा है। एमसीएक्स पूरा कारोबार कच्चा होता है। इसकी कोई लिखा-पढ़ी नहीं होती है। यह काम आपसी विश्वास पर होता है। ग्राहक बाजार देखकर बुकी को सोना बेचता या खरीदने के लिए लाट बुक कराता है। दाम घटने या बढ़ने पर ग्राहक का नफा-नुकसान तय होता है। बुकी तो कैसे भी अपनी रकम ग्राहक से निकाल लेते हैं, लेकिन अगर, उसे ग्राहक को देना हो तो कई बार मुकर जाते हैं। एमसीएक्स बाजा में ऐसी काफी शिकायतें हैं।
गुजरात है एमसीएक्स का हब
जानकारों के अनुसार स्टॉक मार्केट की तरह एमसीएक्स का बड़ा बाजार गुजरात है। वहीं से एमसीएक्स के भाव बुकियों तक पहुंचते हैं। एमसीएक्स के बुकियों को हर तरह से ऐश कराया जाता है। मालूम हुआ है कि कुछ समय पहले गोवा में देशभर के बुकियों की पार्टी रखी गई थी। रायपुर के भी कुछ बड़े बुकी उसमें शामिल हुए थे। इस पार्टी में बुकियों को विदेशी कॉलगर्ल उपलब्ध कराई गई थीं।
केवल सोना नहीं, और भी बहुत कुछ
एमसीएक्स में केवल सोने पर पैसा नहीं लग रहा है। अनाज, दूसरी धातु अ ौर प्रोडक्ट्स का भी एमसीएक्स होता है। इस कारोबार में पैसा लगाने वालों को डुबाने के लिए डिमांड बढ़ाकर सामान का दाम एकदम ऊंचाई पर पहुंचा दिया जाता है। फिर एक झटके से दाम तोड़ देते हैं। इससे पैसा लगाने वाले डूब जाते हैं।
पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही
वर्ष 2011 में एमसीएक्स के खिलाफ राजधानी पुलिस ने पहली कार्रवाई की थी। तत्कालीन सीएसपी कोतवाली श्वेता सिन्हा के नेतृत्व में रामसागर पारा के एक ट्रैवल्स कारोबारी के कार्यालय में छापा मारा गया था। तभी, न केवल शहर, बल्कि प्रदेश के कई बड़े शहरों में अवैध रूप से चल रहे एमसीएक्स कारोबार की भंडाफोड़ हो गया था। लेकिन, उसके बाद पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी रही। एमसीएक्स बाजार के बड़े मगरमच्छों तक पहुंचने की कोशिश ही नहीं हुई।
दो इनामी बुकी अब तक गिरफ्तार नहीं
राजधानी में मन्न्ू उर्फ अभिनंदन नत्थानी और नितिन चोपड़ा का नाम तीन-चार सालों से चर्चा में है। दोनों ही एमसीएक्स बुकी हैं। इन्होंने वसूली के लिए गुंडे हायर किए। इनके खिलाफ कई शिकायतें हैं। इस कारण पुलिस ने दोनों पर दस-दस हजार स्र्पए के इनाम की घोषणा भी की है। दोनों अंडरग्राउंड रहकर एमसीएक्स का कारोबार चला रहे हैं। मन्न्ू खुद को लाइसेंसी एमसीएक्स कारोबारी बताता था। उसके एजेंट के रूप में अनिल भंडारी, सन्न्ी नायडू, जीतू कोचर और प्रशांत कोचर काम करते थे।
गुंडागर्दी पर उतरे
एमसीएक्स के कारोबार में खुलेआम गुंडागर्दी चल रही है। पैसा वसूली के लिए गुंडे हायर किए जा रहे हैं। पहले लोकल और अब एक-डेढ़ साल से बाहर के गुंडों को भी वसूली का ठेका दिया जाने लगा है।
- अक्टूबर-नवंबर 2011 में देवेंद्रनगर के एक एमसीएक्स कारोबारी से 35-40 लाख स्र्पयों की वसूली करने के लिए एमसीएक्स बुकी नितिन चोपड़ा ने स्टेशन इलाके के गुंडे गुड्डा उर्फ रविंद्र पांडे और पिंकू उर्फ पंकज दास को हायर किया था। इन्होंने एमसीएक्स कारोबारी के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी।
- पंडरी के टाइल्स कारोबारी अमित शेरवानी ने एमसीएक्स में ढाई लाख स्र्पए वसूलने के लिए एमसीएक्स बुकी मन्न्ू नत्थानी ने तीन लोकल गुंडों को हायर किया था। इन गुंडों ने पुराना बस स्टैंड में एएसपी सिटी के पुराने ऑफिस के सामने अमित से मारपीट की थी।
- विपुल जैन से पांच लाख स्र्पए की वसूलने के लिए बुकी की तरफ से उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं। तब, लगभग पौने दो साल पहले उसके पिता विमल जैन ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
- जमीन कारोबारी अभय नाहर पर एमसीएक्स कारोबारी ने डेढ़ करोड़ की देनदारी निकाल दी थी। लगभग एक करोड़ उसने ज्वलेरी और अपने प्लॉट बेचकर दिए थे। 50 लाख की वसूली के लिए अभय का अपहरण कर मारपीट की गई थी।
एमसीएक्स ने कई को डुबाया
- डॉल्फिन स्कूल के संचालक राजेश शर्मा के 120 करोड़ स्र्पए एमसीएक्स में डुबने की चर्चा है। बुकियों से धमकी मिलने के कारण ही वह पत्नी उमा और बच्ची के साथ यहां से भाग गया।
- कुछ माह पहले एक कारोबारी ने अपनी कार को महादेव घाट के किनारे छोड़कर खास्र्न नदी में छलांग लगा दी थी। वह अब तक नहीं मिला है। चर्चा है कि एमसीएक्स में उसके सात करोड़ डूब गए थे।
- एमसीएक्स में डुबने के कारण सदर बाजार का सोनू उर्फ शशिकांत पवार अंडरग्राउंड हुआ तो उसके भाई दिलीप पवार पर बुकियों ने दबाव बनाया। तब, दिलीप को खुदकुशी करनी पड़ी।
फ्लाइट से भेजे जाते थे बॉक्स में पैसे
सराफा कारोबारियों के बीच चर्चा है कि अशोक गोलछा की एक निजी एयरलाइंस कंपनी से सांठगांठ थी। गोलछा एमसीएक्स के करोड़ों स्र्पयों को इस एयरलाइंस की फ्लाइट्स से दिल्ली भेजता था। स्र्पयों को बॉक्स में पार्सल की तरह बंद करता था। उस बॉक्स की न यहां और न ही दिल्ली के एयरपोर्ट में चेकिंग होती थी। बॉक्स सीधे स्कैनर से पार हो चुके दूसरे लगेज तक पहुंचाए जाते थे।
महाराष्ट्र से पुलिस पर दबाव
इस बात की चर्चा है कि महाराष्ट्र के कुछ बड़े राजनेताओं के कॉल यहां की पुलिस को आ रहे हैं। इनमें एक मंत्री भी शामिल है। पुलिस पर पवार परिवार के पक्ष में कार्रवाई करने का दबाव लगातार बनाया जा रहा है।

देश में पुलिस फायरिंग की सर्वाधिक घटनाएं छत्तीसगढ़ में

-2012 में मध्य प्रदेश पुलिस के खिलाफ सर्वाधिक शिकायतें, 89 फीसदी फर्जी घोषित
-देश में पुलिस के खिलाफ शिकायतों के 50 हजार से ज्यादा मामलों में 53 फीसदी फर्जी घोषित

नई दिल्ली। पिछले वर्ष देश में पुलिस फायरिंग की सर्वाधिक घटनाएं छत्तीसगढ़ में घटीं, वहीं पुलिस के खिलाफ शिकायतों के मामले में मध्य प्रदेश अव्वल रहा है। एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों से न सिर्फ देश में पुलिस के खिलाफ देश की जनता के उबाल का पता चलता है, बल्कि यह भी पता चलता है कि आतंकवाद पर माओवाद भारी पड़ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2012 में पुलिस फायरिंग की देश में सर्वाधिक 195 वारदात छत्तीसगढ़ में हुई, जबकि समूचे देश में पुलिस फायरिंग की 523 घटनाएं घटीं, जिनमें 78 आम नागरिक और 43 पुलिसकर्मी मारे गए। इस दौरान मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मियों के खिलाफ सर्वाधिक 12412 शिकायतें यानी औसतन लगभग 34 शिकायतें रोज प्राप्त हुईं। हालांकि इनमें से 11 हजार से अधिक को फर्जी घोषित कर दिया गया। इसी वर्ष पूरे देश में पुलिस के खिलाफ की गई कुल शिकायतों की संख्या 57हजार 363 रही, जिनमें से लगभग 53 फीसदी मामले फर्जी पाए गए
सर्वाधिक मौत हुई पुलिस कर्मियों की
पुलिस मुठभेड़ में मानवाधिकारों की बानगी तलाशने वालों को एनसीआरबी के ताजा आंकड़े चौंका सकते हैं। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ में हुई 195 मुठभेड़ में 3 आम नगारिकों और 29 पुलिसकर्मियों की मौत हुई, वहीं 70 लोग घायल हुए। इसी दौरान जम्मू और कश्मीर में पुलिस फायरिंग की 103 घटनाएं घटीं, तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र रहा । नक्सल प्रभावित अन्य राज्यों को देखा जाए तो आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बीस से कम मामले सामने आये।
पुलिस के खिलाफ 1918 शिकायतों में 1622 फर्जी घोषित
पुलिस के खिलाफ शिकायतों के मामले में मध्य प्रदेश और दिल्ली आसपास रहे। दिल्ली में पुलिस के खिलाफ कुल 12342 शिकायतें प्राप्त हुईं। मध्य प्रदेश में पुलिस के खिलाफ प्राप्त शिकायतों में से 794 में विभागीय जांच बैठा दी गई, दो मामलों में मजिस्ट्रीयल जांच भी हुई। पिछले वर्ष के दौरान ही छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ कुल 1918 शिकायतें आईं, जिनमें से 863 में विभागीय जांच कराई गई और 1622 को फर्जी घोषित कर दिया गया।  अगर पुलिस के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की संख्या के लिहाज से माओवाद प्रभावित अन्य राज्यों को देखा जाए तो आन्ध्र प्रदेश में 614, बिहार में 18, ओड़िशा में 35 और पश्चिम बंगाल में 48 मामले सामने आए।

इनसेट-
पुलिस के खिलाफ 262 मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई
वर्ष 2012 में पुलिस के खिलाफ छत्तीसगढ़ में 262 मामलों में और मध्य प्रदेश में 131 मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। छत्तीसगढ़ में 12 तो मध्य प्रदेश में 274 मामलों की फाइल बंद कर दी गई। छत्तीसगढ़ में 53 मामलों में बड़ी कार्रवाई और 118 मामलों में छोटी कार्रवाई हुई, जबकि मध्य प्रदेश में 84 मामलों में बड़ी और 148 मामलों में छोटी कार्रवाई हुई। आश्चर्यजनक ये है कि पिछले वर्ष समूचे देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों का कोई भी रिकार्ड एनसीआरबी के पास मौजूद नहीं है। इन आंकड़ों को शून्य दर्शाया गया है।
ललित की दो फैक्ट्रियों में पड़ा था छापा
सेल की विजलेंस टीम की शिकायत पर पुलिस ने दो अप्रैल को ललित की ग्राम गुमा रोड बोरझरा थाना उरला स्थित अलंकार एलायज प्राइवेट लिमिटेड में छापा मारा था। इसमें उरला पुलिस ने ललित और प्रदीप को आरोपी बनाया। ललित और उसके बेटे पंकज के नाम की फैक्ट्री पंकज स्टील्स गोगांव में भी है। वहां भी पुलिस ने छापा मारा था। यह मामला गुढ़ियारी थाने में दर्ज है। दोनों फैक्ट्रियों से दो करोड़ का सरिया जब्त किया गया था। साथ ही सेल के आठ नकली डाई भी मिले थे।
 

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