Saturday, April 7, 2012

जहां शुरू,वहीं खत्म

मरावी ने बिलासपुर से की थी नौकरी की शुरूआत
आईजी बीएस मरावी ने अपनी नौकरी शुरूआत बिलासपुर से बतौर डीएसपी से की थी। विधि का विधान भी ऐसा रहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी अंतिम सांसें बिलासपुर में ली। 36 साल की नौकरी में श्री मरावी की चार बार बिलासपुर में पोस्टिंग रही। मूलत: बालाघाट जिले के ग्राम सहगांव में जन्में 1979 बैंच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी श्री मरावी की पहली पोस्टिंग अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने में 1981-82 में बिलासपुर और शहडोल में ट्रेनिंग अफसर के रूप में हुई। इसके बाद दूसरी पोस्ंिटग डीएसपी मंडला में हुई । वे डिप्टी कमाडेंट दुर्ग व शहडोल भी रहे। 1989 में उन्हें एडिशनल एसपी बनाकर दंतेवाड़ा भेजा गया। यहीं रहते हुए उन्हें
मात्र दस सालों में 1990 में आईपीएस आवार्ड हो गया। इसके बाद उन्हें पदोन्नाति देकर दंतेवाड़ा में ही एसपी के पद पर पदस्थ किया गया। इसके बाद वे राजनांदगांव एसपी बने। उन्होंने झाबुआ, सागर, जशपुर,भोपाल और सरगुजा में अपनी सेवाएं दी। एआईजी पुलिस मुख्यालय, एसपी व एसएसपी बिलासपुर, एसएसपी रायपुर, डीआईजी पुलिस मुख्यालय में पदस्थापना के बाद आईजी सरगुजा बनाकर भेजा गया। यहीं एक मुठभेड़
में उन्हें नक्सलियों की गोली लगी थी। बताया जाता है कि एक छर्रा श्री मरावी के शरीर में फंसा ही है। घटना के बाद उन्हें आईजी होम गार्ड बनाया गया । करीब दो साल तक अतिरिक्त परिवहन आयुक्त रहने के बाद पखवाड़ेभर पहले उन्हें बिलासपुर आईजी बनाकर भेजा गया था। जहां हृदयगति रूकने की वजह से मंगलवार को उनकी मौत हो गई।
जांबाज आईजी मरावी नहीं रहे
दिल का दौरा पड़ने के बाद अपोलो अस्पताल, बिलासपुर के आईसीयू मंे भर्ती आईजी बीएस मरावी का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। उनके निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई। दोपहर उनकी पार्थिव देह को पुलिस लाइन लाया गया और गार्ड ऑफ ऑनर देकर उन्हें अंतिम विदाई दी गई। श्री मरावी की अंत्येष्टि बुधवार को बालाघाट के बेहर के पास सहगांॅव में की जाएगी।अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने मंगलवार की सुबह करीब 11.15 उनकी मौत की अधिकारिक घोषणा की। उनके निधन की खबर सुनते ही जिले के आला अधिकारियों के साथ ही करीबी व नगर के प्रबुद्धजनों की भीड़ अपोलो अस्पताल पहुंॅच गई। पुलिस लाइन में एसपी रतनलाल डांॅगी, कलेक्टर ठाकुर राम सिंह, मुंगेली एसपी एमएल कोटवानी, एडिशनल एसपी सिटी वेदव्रत सिरमौर सहित पुलिस अधिकारियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर
देकर अंतिम सलामी दी। पुलिस लाइन से उनकी पार्थिव देह को रायपुर ले जाया गया। यहांॅ उनके देवेंद्रनगर आफिसर कॉलोनी स्थित सरकारी आवास में उन्हें राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत मंत्री व पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी । शाम साढ़े छह बजे उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से बालाघाट के बेहर के पास स्थित गृहग्राम सहगांॅव के लिए रवाना किया
गया।
सदमे से सास ने तोड़ा दम
आईजी श्री मरावी की मौत के सदमे में उनकी सास श्रीमती ननकुसिया बाई आर्मो ने दम तोड़ दिया।
सहगांॅव निवास 70 वर्षीया श्रीमती आर्मो को दामाद श्री मरावी की मौत की खबर जैसे ही मिली, वे बेहोश कर घर में ही गिर पड़ीं। दोनों का अंतिम संस्कार चार अप्रैल को सहगांॅव में किया जाएगा। बताया जाता है कि उनकी पत्नी देवकी मरावी भी सदमे से उबर नहीं पाई हैं। उनके एक मात्र पुत्र शिखर मरावी हैं।
मरावी ने जी जिंदादिली से जिंदगी
श्रद्धांजलि देने उमड़ी भीड़
आईजी बीएस मरावी ने अपनी जिंदगी जिंदादिली से जी। जिंदगी की जंग में कभी हार नहीं मानने वाले जांॅबाज अफसर की बहादुरी हमेशा स्मरणीय रहेगी। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कही। देवेंद्र नगर स्थित श्री मरावी के निवास पर राज्यपाल शेखर दत्त और मंत्रियों समेत पुलिस विभाग के आला-अधिकारियों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
श्री मरावी के निधन की खबर जैसे ही राजधानी में फैली, पूरा शहर गमगीन हो गया। दोपहर से शाम तक उनके निवास में शुभचिंतकों का तांॅता लगा रहा। शाम को जैसे ही उनके पार्थिव शरीर को राजधानी लाने की खबर मिली,लोगों का हुजूम उनके निवास में उमड़ पड़ा। राज्यपाल श्री दत्त और मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने उनके निवास पर उनकी पत्नी श्रीमती देविका मरावी, पुत्र शिखर और परिजनों से मुलाकात कर अपनी
संवेदना प्रकट की। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि श्री मरावी बेदाग छवि के बहादुर अफसर थे। 2009 में जब वे सरगुजा आईजी थे,तब नक्सली मुठभेड़ में उन्हें गोली लगी थी। स्वस्थ होने के बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। दोबारा उन्हें बिलासपुर आईजी पदस्थ किया था।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, गृह एवं जेल मंत्री ननकीराम कंॅवर, जल संसाधन एवं उच्च शिक्षा मंत्री रामविचार नेताम, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री राजेश मूणत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अमर अग्रवाल, वन मंत्री विक्रम उसेंडी, स्कूल शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चन्देल, विधायक कुलदीप जुनेजा तथा रायपुर विकास
प्राधिकरण के अध्यक्ष सुनील सोनी सहित विभिन्ना संस्थाओं के अनेक पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भी इस अवसर पर स्वर्गीय श्री मरावी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव सुनिल कुमार और पुलिस महानिदेशक अनिल एम. नवानी सहित बड़ी संख्या में शासन-प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे।
पूरे परिवार को झटका
श्री मरावी की मौत से उनके पूरे परिवार को झटका लगा है। सास ने जहांॅ सदमे में दम तोड़ दिया, वहीं ससुर अस्पताल में भर्ती हैं। पत्नी श्रीमती देविका की स्थित भी सामान्य नहीं है। श्री मरावी के जाने के गम में उनका रो-रोकर बुरा हाल है। श्री मरावी के करीबी लोगों के मुताबिक श्रीमती मरावी गृहिणी हैं। अकेला पुत्र शिखर बीकाम प्रथम वर्ष का छात्र है। घटना के समय पत्नी और पुत्र दोनों श्री मरावी की देखरेख में बिलासपुर अपोलो अस्पताल में थे। उनके परिजनों को मंगलवार को गृहग्राम बालाघाट के सहगांव रवाना किया गया। उनके साथ आधा -दर्जन अधिकारी भी रवाना हुए हैं।

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