रायपुर। कथित डॉन गु्रप की गिरफ्तारी को लेकर राजधानी पुलिस की कार्रवाई संदेह के दायरे में आ गई है। पकड़े गए युवकों के परिजनों का आरोप है कि मारपीट कर उनके बच्चों को पुलिस फंसा रही है। वहीं पुलिस ने दावा किया है कि किसी तरह की सख्ती नहीं की गई है। इधर कोर्ट में पेश किए गए आरोपियों ने चोट के निशान दिखाते हुए मेडिकल कराए जाने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट सोमवार को पेश करने का आदेश दिया है। सालभर पहले बूढ़ा तालाब के किनारे सीमेंट की कुर्सी के नीचे सुतली बम फोड़ने की घटना के बाद एकात्म परिसर के सामने खड़ी एक बस में दूसरी दफे बम विस्फोट कर शहर में सनसनी फैलाने वाले डॉन गु्रप को पकड़ने हवा में हाथ पैर मार रही राजधानी पुलिस ने आखिरकार पिछले दिनों समता कालोनी व प्रेस काम्प्लेक्स के पास खड़ी वाहनों में हुए सुतली बम विस्फोट मामले को भी डॉन गु्रप से जोड़कर जिन चार युवकों को पकड़ा था, उसे लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। अर्जुननगर, समता कालोनी के चार युवकों को डॉन गु्रप का सदस्य बताकर पुलिस ने जिस अंदाज में गिरफ्तारी की कार्रवाई की है वह वाकई चौंकाने वाला है। हाल के विस्फोट की घटना के दौरान पुलिस की उदासीनता को लेकर बिफरे डीजीपी को खुश करने लिए चार युवकों को डॉन बताते हुए अफसरों ने केवल अपनी पीठ थपथपाने का ही काम किया है। गिरफ्तार युवकों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे को बुरी तरह पीटकर फंसाया है। शनिवार को कोर्ट में आरोपी बनाए गए युवकों के वकील ने उनके शरीर में आए चोट के निशान दिखाते हुए अदालत से मेडिकल कराने की मांग की थी जिस पर अदालत ने सोमवार को मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। फिलहाल चारों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जानकारी नहीं: एसपी : इस संबंध में एसपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपियों के परिजनों ने पुलिस पर फंसाए जाने के आरोप लगाया है, इसकी जांच कराई जाएगी। कोर्ट से मेडिकल कराने जैसे आदेश के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
कई सवाल सुलगे
बूढ़ा तालाब और एकात्म परिसर के सामने दिनदहाड़े किए गए बम विस्फोट की घटना की जिम्मेदारी डॉन गु्रप ने लेते हुए हस्त लिखित पत्र छोड़ा था, जिसे पुलिस ने बरामद किया था। लेकिन पिछले दिनों रात के समय विस्फोट हुआ था, यहां से डॉन गु्रप का लिखा कोई पत्र नहीं मिला था। पुलिस का यह दावा कि डॉन गु्रप ने चारों विस्फोट छोटी घटनाओं का बदला लेने की नियत से किया था, यह सवालों के घेरे में है। यही नहीं, आरोपी बनाए गए सृजन बाघ का नाम डॉन के पत्र में लिखे होने पर अचानक पुलिस की नजर कैसे टिक गई।
बम कांड के आरोपी गए जेल
पुलिस ने शनिवार को डॉन गु्रप के सभी सदस्यों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें एक अप्रैल तक न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया। पुलिस ने मौदहापारा और समता कॉलोनी समेत पिछले साल डॉन गु्रप के नाम से हुए दो बम विस्फोट के आरोपियों सोनू (19) पिता भारचंद देशमुख, भीम उर्फ भुवनेश्वर (24) पिता केदार बाघ, सृजन (18) उर्फ सोना बाघ पिता रामलाल और किशन जगत (17) को जेएमएफसी मधु तिवारी की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 1 अप्रैल तक न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया।
बेवजह फंसा रही है पुलिस
परिजनों को आरोप है कि पुलिस बीते बुधवार की सुबह कारों में हुए बम विस्फोट की किरकिरी से बचने और इस मुद्दे के विधानसभा में उठने के कारण खानापूर्ति करने में जुट गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस एक साल से डॉन गु्रप तक पहुंचने में नाकाम रही है, इसलिए वह अपना बचाव करने के लिए बेकसूरों को फंसाने में तूल गई है। पुलिस महज इस आधार पर उन्हें डॉन गु्रप से जुड़ा बता रही है कि वे अपने दोस्तों के नाम के साथ डॉन लिखा करते थे। परिजनों से बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत राज्य मानव अधिकार आयोग से की है। हीनों से जांच पड़ताल में यह बात सामने नहीं आ पाई थी।
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