Saturday, March 6, 2010

गुरुकुल आश्रम संचालक नारायण राव जेल दाखिल




रायपुर। गुरुकुल बाल आश्रम से बच्ची बेचने के मामले में गिरफ्तार आश्रम संचालक नारायण राव को 14 दिन के न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को उसे अदालत में पेश किया था, जहां राव की ओर से स्वयं के जमानत और आश्रम के बच्चों की सुपुर्दगी के लिए अलग-अलग आवेदन लगाए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने दोनों आवेदनों को खारिज कर न्यायायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। इधर गुरुवार की रात में आश्रम में पहुंचे पुलिस और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने जांच के दौरान दो अन्य बच्चों को गायब पाया था। नारायण की पत्नी ने अधिकारियों को आश्रम में कुल 52 बच्चों के होने की जानकारी दी थी जबकि नारायण ने 51 बच्चे होने की बात कही थी। दोनों के बयान विरोधाभाषी होने पर दस्तावेजों की जांच में 49 बच्चे दर्ज पाए गए। इससे अधिकारियों ने दो अनाथों के गायब होने की जानकारी देकर मामले में नया मोड़ ला दिया था। लेकिन इसी बीच पता चला कि एक बालिग हो चुकी बच्ची की शादी हो चुकी है जबकि दूसरी बच्ची नीलम(18) को समिति का सदस्य बनाया गया है। इस तरह आश्रम के रिकार्ड अपडेट पाये जाने की पुष्टि अफसरों ने की है। बहरहाल पूरे मामले को पुलिस ने समाज कल्याण विभाग को सौंप दिया है। इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के सचिव एमपी बेहार का कहना है आश्रम के बच्ची को बेचने का मामला संगीन अपराध है। इसकी जांच चल रही है। आश्रम के रिकार्ड खंगाले जा रहे है। पुष्टि होने पर संस्था का लायसेंस निरस्त कर मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि बाल आश्रम के संचालन और बच्चों को रखने का लायसेंस दत्तक अभिकरण प्रमाणन द्वारा दिया जाता है। इससे किसी बच्चे को गोद देने की पात्रता होती है। आश्रम में रहने वाले अनाथ बच्चों के परवरिश,शिक्षा और बालिग होने पर शादी का खर्च शासन उठाता है। उन्होंने बताया कि केन्द्र और राज्य शासन द्वारा हरेक बाल आश्रमों को पर्याप्त मात्रा में अनुदान की राशि दी जाती है। संस्था के स्टीमेट के आधार यह राशि उपलब्ध कराया जाता है। बावजूद बाहरी लोगों से चंदे के रुप में राशि लेना उचित नही है।

No comments:

Post a Comment