चैन स्नेचिंग की वारदात में भी थे शामिल
रायपुर। पखवाड़े भर पूर्व रायपुर से लक्जरी वाहन चुराने के मामले में भिलाई क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े चार आरोपियों से राजधानी पुलिस ने पूछताछ और निशानदेही के आधार पर पचास लाख के सात लक्जरी वाहन टाटा विस्टा, इंडिका कार, दो इंडिगो, दो बोलेरो, एक एसेंट कार और तीन सोने की चैन समेत चोरी की दो पल्सर बाइक, एक टीवीएस अपाचे बरामद किया है। आरोपियों ने वाहन चुराने के साथ डीडीनगर क्षेत्र में चैन स्नेचिंग की तीन वारदातों को भी अंजाम दिया था। संपन्न परिवार से तालुकात रखने वाले चारों आरोपियों ने स्वीकारा कि ये सब धंधे पैसे बनाने की धुन और मौजमस्ती की जरूरत को पूरा करने के लिए किया करते थे। एएसपी सिटी रजनेश सिंह ने बताया कि खुशी एनक्लेव अमलीडीह निवासी मनोज अग्रवाल वल्द अशोक अग्रवाल(24), संतोष भगत वल्द देवसाय(34), डीडीनगर सेक्टर वन निवासी मुख्तार अहमद उर्फ बाबू वल्द रसीद(28) तथा कोटा कालोनी के पीछे तालाबपार निवासी राजेश धीवर उर्फ बंटी वल्द महरा धीवर(28) ने मिलकर राजधानी के विभिन्न थाना क्षेत्र से पिछले साल 19 लक्जरी वाहन चुराकर उड़ीसा, यूपी, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र के अलावा नेपाल में भी खपाए हैं। अवंती विहार कालोनी से 21 जनवरी को डॉ।अशोक दुबे की पत्नी परमजीत दुबे की इंडिगो कार क्रमांक सीजी 04 एचबी 3754 को चोरी कर भिलाई में खपाने की तैयारी कर रहे मनोज अग्रवाल, संतोष भगत, राजेश धीवर को सुपेला पुलिस ने पखवाड़ेभर पहले होटल ग्रांड ढिल्लन के पास पकड़ा था। बाद में गिरोह के सरगना मुख्तार अहमद की गिरफ्तारी हुई। दुर्ग जेल में बंद चारों आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट के आधार पर डीडीनगर पुलिस शनिवार को राजधानी लेकर पहुंची। न्यायाधीश पंकज आलोक तिर्की की अदालत में पेश कर चारों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। पूछताछ में अतंर्राज्जयीय वाहन चोर गिरोह के चारों सदस्यों ने दुर्ग से 8 और राजधानी से 19 वाहन चुराकर छत्तीसगढ़ समेत दीगर प्रांतों में खपाए जाने की जानकारी दी।
एमटेक है संतोष
मूलत: मनेन्द्रगढ़(कोरिया) निवासी संतोष भगत कृषि विवि में एमटेक कर चुका है। उसके पिता देवसाय भगत डिप्टी रेंजर है। शादीशुदा संतोष की पत्नी डा।सुलेखा बीएमएचएस चिकित्सक है। फिलहाल दोनों के बीच तलाक हो चुका है। टाटीबंद स्थित हुंडई शोरूम के वर्कशॉप में कार्यरत मैकेनिक राजेश धीवर उर्फ बंटी के पास अक्सर अपनी गाड़ी बनवाने संतोष आता था। इसी दौरान दोनों में परिचय हुआ। राजेश ने बताया कि शोरूम में चार माह का पगार न मिलने से उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी। पैसे बनाने के लालच में आकर उसने चार पहिया वाहनों का लॉक खोलने का काम शुरू किया। बंटी ने किसी भी लक्जरी वाहन का लॉक खोल देने की जानकारी संतोष को दी थी। इसके एवज में उसने 20-25 हजार रूपए लेने की बात कही थी। संतोष का पूर्व से वाहन का व्यवसाय कर रहे गिरोह के सरगना मुख्तार अहमद से गाड़ी चुराकर बेचने के संबंध में बात हो चुकी थी। इस काम में मुख्तार का भाई मुस्ताक भी शामिल था जो फिलहाल फरार है। मुख्तार की मौदहापारा में डेली नीड्स की एक बड़ी दुकान भी है। जहां से वह गाड़ी चुराने का प्लान तैयार करता था। मुख्तार के पास कई लक्जरी वाहन हैं जो विभिन्न सरकारी कार्यालयों में किराये पर अटैच है। सात अप्रैल को उसकी शादी एक प्रतिष्ठित परिवार की लड़की से होने वाली थी, जो अब टूट चुकी है। मूलत: महासंमुद निवासी मनोज अग्रवाल ने जोरा में अपनी बुआ के पास रहकर 12 वीं तक की पढ़ाई की है। कृषि विवि के सामने वह बुआ की कैंटीन चलाता है। प्रतीक, समीर, आदर्श शर्मा, चोपू, शाहिद के अलग-अलग नामों से परिचित मनोज ने वाहन चोरी करने के साथ चैन स्नेचिंग की वारदात को भी अंजाम दिया है। डीडीनगर क्षेत्र से इस गिरोह ने एक एसेंट कार उड़ाया था, जो पसंद न आने पर बाद में लावारिश हालत में छोड़ दिया था। एएसपी ने बताया कि अवंति विहार से चोरी गई राइट्स इंजीनियर की गाड़ी प्रतापगढ़ यूपी में बरामद हुई है। जबकि मनोज द्वारा अंबिकापुर क्षेत्र के लखनपुर में बेचे गए एक वाहन को बरामद कर लिया गया है। मुख्तार के सभी वाहनों की जांच पड़ताल करने के साथ ही चोरी का वाहन खरीदने वालों की गिरफ्तारी भी की जाएगी। आरोपियों ने सुंदरनगर में दो महिलाओं और रोहणीपुरम में एक महिला के गले से सोने का चैन लूटना बताया है। इनके पास से पांच तोला वजनी सोने के तीन चैन पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। राजधानी से चोरी गए अन्य वाहनों के बारे में आरोपियों से जानकारी ली जा रही है। परिवहन विभाग से पता लगाया जा रहा है कि चोरी की वाहनों का नया रजिस्टेÑशन कराने एनओसी मांगी गई है या नहीं।
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