बिहार, यूपी से लाकर खपाया जा रहा पिस्टल, कट्टा और कारतूस
रायपुर। राजधानी में अवैध हथियार बेचने का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। पड़ोसी राज्यों से यहां बड़े पैमाने पर पिस्टल, कट्टा और कारतूस की चोरी-चुपके सप्लाई जारी है। इस मामले में पुलिस अब तक छोटी मछलियों को ही पकड़ पाई है।अवैध हथियारों की सप्लाई राजधानी तक पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश, झारखंड, बिहार से हो रही है। खरीद व बिक्री के कारोबार में शामिल लोग ज्यादातर बेरोजगार हैं। वहीं कुछ बदमाश किस्म के लोग भी सक्रिय होकर मोटी कमाई के चक्कर में हथियार लाकर यहां खपा रहे हैं। पिछले साल हथियारों की सौदागरी के कई मामले क्राइम ब्रांच की टीम ने पकड़े थे। जब्त किए गए हथियारों में अच्छी गुणवत्ता के पिस्टल, रिवाल्वर को जब्त करने में पुलिस को सफलता मिली थी। इन हथियारों को बीस से पचास हजार रुपए तक बेचा जा रहा था। अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले सौदागर ज्यादातर यात्री बसों का उपयोग करते हैं क्योंकि यह सबसे महफूज साधन होता है। हलांकि ट्रेन रूट से भी हथियारों को लाए जाने की जानकारी क्राइम ब्रांच को है, लेकिन अभी तक सौदागर पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं। बिहार व उत्तरप्रदेश से सीधे कई एक्सप्रेस ट्रेनें राजधानी से होकर गुजरती हैं, इसका फायदा सौदागर उठाते हैं। वहीं आधा दर्जन से अधिक यात्री बसें राज्य के सीमावर्ती जिले सरगुजा के रामानुजगंज, वाड्रफनगर, बसंतपुर की ओर से अंबिकापुर होते हुए पहुंचती हैं। यह इलाका पड़ोसी राज्य झारखंड, यूपी और बिहार से लगे होने के कारण अतिसंवेदनशील हैं। इसी मार्ग से हथियारों को बस से आसानी से बिलासपुर से होते हुए रायपुर पहुंचाया जाता है। अवैध हथियारों को राजधानी तक पहुंचाने में बस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध बताई जाती है। बिलासपुर व रायपुर की ओर आने वाली बसों में अधिकतर चालक व परिचालक बिहार, झारखण्ड व यूपी के होते हैं। सूत्र बताते हंै कि सौदागरों के साथ बस कर्मियों के बगैर मिलीभगत से हथियारों की आपूर्ति हो ही नहीं सकती। इसके एवज में उन्हें मोटी रकम मिलती है। यही वजह है कि यात्री बस में काम करने की आड़ में वे हथियार का कारोबार आसानी से कर लेते हैं। पुलिस व लोगों की नजरों से बचने के लिए हथियारों से भरे बैग को बस के केबिन, बर्थ या सीट के नीचे लावारिस छोड़ दिया जाता है ताकि कहीं कोई गड़बड़ी होने पर सौदागर चुपचाप बच निकले। इसमें बस कर्मचारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बन जाते हैं। ऐसे कई मामले पहले सामने आ चुके हैं। क्राइम ब्रांच व पुलिस ने संयुक्त रुप से पिछले साल अवैध हथियारों के दर्जन भर से अधिक मामले पकड़े थे। इस कारोबार में शामिल एक कांग्रेस नेता को भी पकड़ा गया था। क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार आर्म्स एक्ट के 25 मामलों में 25 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर 15 पिस्टल, 252 कारतूस जब्त किया गया। पकड़े गए आरोपियों में रावांभाठा निवासी राजा उर्फ बेअन्त सिंह गिल से एक देशी कट्टा 315 बोर व एक जिंदा कारतूस, चांदनी चौक, नेहरू नगर के नसीम खान से 32 बोर का एक देशी कट्टा, एक कारतूस खोखा,गभरापारा, टिकरापारा के प्रमय तिवारी से एक रिवाल्वर, 6 कारतूस, एक खाली खोखा, पचपेड़ी नाका के कृष्णकांत उर्फ श्रीकांत उर्फ राजा वर्मा से एक देशी पिस्टल, एक खाली खोखा सहित ब्राम्हणपारा के दीपक पांढकर, कुशालपुर पुरानी बस्ती के नीरज उर्फ जग्गु ठाकुर, सुभाष नगर, कुकरीपारा के संदीप धुर्वे, सौरभ मिश्रा, इम्तियाज खान इंदिरानगर, राजनांदगांव के कब्जे से संयुक्त रूप से एक सूटकेस में रखा तीन रिवाल्वर, करीब दस पिस्टल, तीन खाली मैग्जीन तथा 239 कारतूस, चाकू, आल्टो कार बरामद किया गया था। इसके अलावा यासीन अली इरानी डेरा व अन्य से एक देशी पिस्टल, पांच जिंदा कारतूस तथा कृष्णा उर्फ कृष्णानंद त्रिवेदी निवासी कृष्णानगर के पास से एक पिस्टल, एक देशी कट्टा, पांच जिंदा कारतूस शामिल है। इनमें अधिकतर आरोपी अवैध हथियारों की खरीद-बिक्री में लिप्त हैं। दो साल पहले शहरी नक्सली नेटवर्क का भंडाफोड़ कर पुलिस ने हथियारों का जखीरा पकड़ा था। मामले में नक्सली समर्थक प्रफुल्ल झा, असित सेन, सिद्धार्थ शर्मा, मीना, मालती सहित दर्जनों लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इसी तरह लाल गंगा काम्प्लेक्स,एमजी रोड में नीरज ठाकुर उर्फ जग्गु कुशालपुर ब्राम्हणपारा, संदीप धुर्वे कुकरीपारा तथा जिला सहकारी बैंक में निम्न श्रेणी कर्मचारी दीपक पाडुंलकर के कब्जे से पांच नाइन एमएम का पिस्टल, प्वाइंट थ्री एमएम के तीन कट्टा तथा 239 नग जिंदा कारतूस पकड़े गए थे। ये हथियार शिव पटेल व लाल प्यारे ने मिलकर सप्लाई किए थे। सभी जब्त हथियार अच्छी गुणवत्ता के थे।
अनेक सौदागर सक्रिय
पिछले साल दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस ट्रेन हथियार की सप्लाई करने के लिए राजधानी पहुंचे सरगुजा जिले के बतौली थाना अतंर्गत ग्राम पार्वतीपुर निवासी प्यारेलाल बरगाह (24) को पुलिस ने पकड़ा था। उसके पास से सेवन प्वाइंट सिक्स एमएम का पिस्टल तथा उसमें लोड कारतूस जब्त किए गए थे। पूछताछ में आरोपी ने जानकारी दी थी कि यह हथियार बतौली क्षेत्र के बरगीडीह निवासी शिव पटेल ने उसे बेचने के लिए दिए थे। पहले भी वह दो बार यहां आकर ऐसे हथियार खपा चुका है। राजधानी सहित अन्य शहरों के अलावा मप्र में शिव पटेल ही हथियारों की सप्लाई करता है। खबर है कि लंबे समय से पड़ोसी राज्य झारखंड के गढ़वा, पलामू से हथियार लाकर शिव पटेल ही छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में बेरोजोगार युवकों के माध्यम से हथियारों की सप्लाई करता रहा है। क्राइम ब्रांच को इसकी जानकारी है परंतु काफी प्रयासों के बाद भी वह अब तक पकड़ में नहीं आ सका है।
Saturday, March 20, 2010
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