कोतवाली सीएसपी को मिला गुमनाम पत्र,मामले की जांच शुरू
रायपुर। पांच साल पूर्व अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के माध्यम से ट्रैक्टर ट्राली की खरीदी में कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर एजेंसी को 24 लाख रुपए का भुगतान करने का एक मामला सामने आया है। कोतवाली सीएसपी को एक गुमनाम पत्र में यह शिकायत मिली है। जिस पर पुलिस जांच कर रही है। कोतवाली सीएसपी मनीषा ठाकुर ने बताया कि उन्हें एक गुमनाम पत्र मिला है। इस पत्र में शिकायतकर्ता ने कलेक्टोरेट स्थित अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के माध्यम से ट्रैक्ट्रर ट्राली की वर्ष 2004-05 में खरीदी में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया है कि समिति के माध्यम से तत्कालीन तत्कालीन कलेक्टर सीके खेतान के अनुमोदन पश्चात 17 ट्रैक्टर ट्राली की खरीदी की गई थी। चयनित किए गए हितग्राहियों को यह ट्राली देना था। उस समय कलेक्टर श्री खेतान ने हितग्राहियों को ट्राली का वितरण करने के बाद ही संबंधित ट्राली एजेंसी को राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भुगतान करने से पहले इस संबंध में उनसे चर्चा अवश्य कर ली जाए। लेकिन कलेक्टर के इस निर्देश की अवहेलना कर उनके अनुमति के बगैर फर्जी हस्ताक्षर के जरिए नोटशीट चलाया गया। बाद में संबंधित एजेंसी को 23 लाख 90 हजार रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पिछले दिनों किसी ने अंत्यावसायी के सीईओ पीके शर्मा को एक गुमनाम पत्र भेजकर ट्रैक्टर ट्राली खरीदी में लाखों की हेराफेरी की शिकायत की। श्री शर्मा ने इस शिकायत पत्र को पुलिस के हवाले कर दिया है। बताया गया कि कलेक्टर का फर्जी हस्ताक्षर समिति के तत्कालीन सीईओ ने करते हुए लाखों रुपए निकाल लिए थे। बहरहाल जांच उपरांत प्रमाण मिलने पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया जाएगा।
Sunday, March 7, 2010
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