ये कैसी पुलिसिया न्याय व्यवस्था
रायपुर। होली के दौरान ड्यूटी से कुछ घंटों के लिए नदारत रहने वाली टीआई को अफसरों ने तत्काल निलंबित कर दिया लेकिन कप्तान कार्यालय में पदस्थ एक बाबू को पूरे 24 घंटे ड्यूटी से गायब रहने के बावजूद न तो निलंबित किया गया और न ही उसे किसी तरह की सजा दी गई। दोहरेपन की इस कार्रवाई की पुलिस महकमे में इन दिनों जमकर चर्चा है। होली के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में पुलिस कर्मियों की विभिन्न थाना क्षेत्रों में ड्यूटी लगाई गई थी। एसपी कार्यालय में पदस्थ 30 बाबुओं में पांच बाबुओं को भी ड्यूटी में तैनात किया गया था। इनमें से एक एएसआई(एम) पवन बांधे की ड्यूटी होली के एक दिन पहले निर्धारित की गई थी, लेकिन श्री बांधे को होली के दिन तक यह पता नहीं था कि उनकी ड्यूटी लगाई गई है। इससे बेफ्रिक श्री बांधे माना स्थित अपने आवास में दिनभर आराम फरमाते रहे। आश्चर्य की बात तो यह है कि आला अफसरों के औचक निरीक्षण के बावजूद बांधे ड्यूटी पर हैं या नहीं, इसकी भनक किसी को नहीं लगी और न ही संबंधित थाने में उनकी आमद और रवानगी के संबंध में अफसरों ने पता करना मुनासिब समझा। होली पर ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मचारियों पर नजर रखने आईजी और एसपी भ्रमण करते हुए पुरानी बस्ती थाना पहुंचे थे। थाना प्रभारी लता चौरे को ड्यूटी से नदारद देख अफसरों ने जानकारी ली। पता चला कि वे घर पर हैं। बस फिर क्या था, तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया। बताया गया है कि ड्यूटी के दौरान लता चौरे आधे घंटे के लिए खाना खाने घर गई हुई थीं, लेकिन नाखुश मातहत कर्मचारियों ने अफसरों के कान में यह फूंक दिया था कि मैडम के साथ कई अन्य कर्मचारियों का घंटों से कोई अता-पता नहीं है। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी चौरे समेत अन्य छोटे कर्मचारियों पर निलंबन की गाज गिराकर अफसरों ने यह संदेश देने का प्रयास किया था कि ड्यूटी में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई अपनी जगह पर सही है लेकिन जब कुछ घंटे गायब रहने पर थानेदार को निलंबित करने में अफसरों ने जरा भी देर नहीं की, तो पूरे 24 घंटे तक ड्यूटी से नदारद रहने वाले एएसआई को आखिर क्यों बख्श दिया गया? यह सवाल पुलिस महकमे में उठने लगा है। सूत्रों ने बताया कि एसपी कार्यालय का बाबू होने के कारण पवन बांधे को सजा देने में अफसर असहाय हो गए। दोहरेपन की इस कार्रवाई को लेकर अनुशासन में बंधे छोटे पुलिसकर्मियों ने चुप्पी तो साध ली है लेकिन खुसुर-फुसुर तो चल ही रहा है।
No comments:
Post a Comment