अलग एजेंसी बनाने की कवायद
नक्सल प्रभावित इलाकों में बारूदी सुरंगों से होने वाली मौत के आंकड़ों को देखते हुए इन्हें हटाने के लिए गृह मंत्रालय ने एक विशेष एजेंसी बनाने पर विचार कर रहा है.जिसमें इजराइल की कंपनी की मदद ली जा सकती है राजधानी रायपुर में इजराइल की कंपनी के साथ गृहमंत्री ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.जिसमें नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंग को हटाने संबंधी बातों पर चर्चा की गई. इस बैठक में नक्सल आपरेशन एडीजी रामनिवास सहित सीआरपीएफ और पुलिस विभाग के आला अधिकारी शामिल थे.बैठक में मुख्य रूप से नक्सली रणनीति पर ही चर्चा हुई.इसके अलावा दो जून से होने वाले अखिल भारतीय पुलिस कांग्रेस सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा हुई.इस सम्मेलन में केन्द्रीय गृहमंत्री सहित देश के 300 पुलिस और अर्धसैनिक बल के अधिकारी शामिल होंगे.नक्सल प्रभावित इलाकों में बारूदी सुरंगों से होने वाली मौत के आंकड़ों को देखते हुए इन्हें हटाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक विशेष एजेंसी बनाने पर विचार कर रहा है हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि इसमें सिर्फ अर्धसैनिक बल शामिल होंगे या सेना की भी मदद ली जाएगी. इस एजेंसी की जरूरत इसलिए समझी जा रही है, क्योंकि बारूदी सुरंगों की वजह से अर्धसैनिक बल के काफी जवानों की मौत हो रही है.बस्तर के साथ ही उड़ीसा के मलकानगिरी एव अन्य इलाकों में कई जगह 60 प्रतिशत से अधिक जंगल मार्ग पर बारूदी सुरंग बिछी हुई है.ऑपरेशन या फिर नियमित जांच के लिए निकलने वाली अर्धसैनिक बल की टुकड़ियां उसका शिकार हो जाती हैं.गृह मंत्रालय इस तरह की विशेष एजेंसी में विदेशी विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाने की योजना बनी है.राजधानी रायपुर में इजराइल की कंपनी के साथ गृहमंत्री ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.जिसमें नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंग को हटाने संबंधी बातों पर चर्चा की गई.गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने भी माना कि बस्तर से बारूदी सुरंग को हटाना सरकार की पहली प्राथमिकता है.बहरहाल नक्सलियों पर नकेल लगाने की तमाम कवायद जारी है.ऐसे में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंग को विदेश मदद से सरकार इसे हटा पाने में सफल हो पाएगी.ये गौर करने वाली बात होगी.
Tuesday, May 25, 2010
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