Tuesday, May 18, 2010

सामूहिक सहयोग से नक्सलियों का मुकाबला


सतीश पांडेय
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा का कहना है कि नक्सलियों के आंतक, दहशतगर्दी का मुकाबला अकेले संभव नहीं है। फोर्स, जनता, मीडिया और देश की सुरक्षा की चिंता करने वाले हर शख्स को एक दूसरे का सहयोग करना होगा। सभी का मनोबल ऊंचा कर उनके खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी, तभी हमारी जीत संभव है।
नक्सली अब तक पुलिस पर हमला करते रहे, लेकिन हाल ही में सामान्य लोगों पर इनका कहर देखते हुए हरिभूमि ने बस्तर टाइगर और नक्सलियों के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष से चर्चा की, जिसका जवाब उन्होंने बड़ी संजीदगी के साथ दिया।

..आम नागरिकों पर लंबे समय बाद नक्सलियों ने हमला किया है, इसे नक्सलियों की किस रणनीति से देखते हैं।
.लंबे समय से नहीं, नक्सली रोज निर्दोषों को मार रहे हैं। हमें नक्सली नजरिए से नहीं, बल्कि स्वयं के नजरिए से आतंक और दहशत की इस पराकाष्ठा का विरोध करना चाहिए।
..इस हमले के बाद सरकार को रणनीति बदलनी चाहिए?
.यह ज्वाइंट फोर्स की लड़ाई है, सरकार अकेले नहीं लड़ सकती। केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर आज के हालात की समीक्षा कर रणनीति तय करने की आवश्यकता है।
..राज्य के गृहमंत्री ने सेना को बुलाने की जरूरत बताई है, इससे आप कितना सहमत है?
.हंसते हुए- यह सवाल हास्यास्पद है।
..केंद्रीय गृहमंत्री मानते हैं कि बस्तर में वायुसेना का उपयोग होना चाहिए, उनकी इस बात से कितने सहमत हैं।
.देश के कई राज्यों में नक्सलियों का आतंक बढ़ रहा है। आतंक और दहशत के बल पर नक्सली समानातंर सरकार चलाना चाहते हैं। नक्सली समस्या को इस देश की आतंरिक समस्या के रूप में केंद्र सरकार किस हद तक मानती है। वायुसेना या मिलिट्री मामलों में तो केंद्र सरकार को ही सारा कुछ तय करना है।
..आपके नेतृत्व में सलवा जुडूम चला था, वह कितना प्रभावशाली रहा।
.नक्सली शुरू से ही दो फ्रंट से लड़ाई लड़ रहे हैं। जनता फ्रंट को कमजोर करने का प्रयास उन्होंने किया, किंतु सफल नहीं हो पाए। जनता के साथ हमने आगे आकर नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोला। इसमें हम कितना सफल हुए, यह उनके द्वारा बौखलाहट में की जा रही वारदातों को देखकर समझा जा सकता है।
..सलवा जुडूम अभियान को क्या अभी भी बढ़ाने की आवश्यकता है?
.जब तक जनता के साथ मिलकर लड़ाई नहीं लड़ेंगे, जीत नहीं सकते। 50 सालों से फोर्स बंदूक का जवाब बंदूक से दे रही है, लेकिन परिणाम नहीं निकला।
..क्या सलवा जुडूम बंद हो गया है या फिर चालू है, तो इसका वर्तमान में क्या स्वरूप है।
.जनता का स्वस्फूर्त आंदोलन हर हाल में जारी रखना होगा। इसके सकरात्मक परिणाम देर सबेर जरूर सामने आएंगे। फोर्स की मदद से यह अभियान चल रहा है।
..अजीत जोगी ने सरकार को भंगकर राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है, इस मांग से कितना सहमत हैं।
.मैं दूसरों के दृष्टिकोण पर नहीं जाता। नक्सली समस्या को अपने नजरिए से देखकर बोलता हूं।
..आपरेशन ग्रीनहंट की वर्तमान मुहिम कितनी कारगर है।
.फोर्स एक्शन में है। हम रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं।
..ग्रीनहंट का स्वरूप क्या होना चाहिए?
.इस मुहिम को और ज्यादा बढ़ाते हुए रणनीति के तहत लड़ाई लड़ने की है। फोर्स के फं्रट में बड़े अफसर रहें, तभी छोटे कर्मचारियों का मनोबल ऊंचा रहेगा और वे दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे पाएंगे।

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