रायपुर। संदेहास्पद परिस्थितियों में विवाहिता श्वेता हबलानी की छत से गिरने से हुई मौत के मामले में उसके पिता और भाई ने सोमवार को पुलिस अधिकारियों से भेंटकर इससे साफ इंकार किया है कि श्वेता खुदकुशी कर सकती है। उन्होंने कहा कि डिलीवरी के बाद श्वेता इतनी कमजोर हो चुकी थी कि छठवें माले तक जा ही नहीं सकती। ऐसे में छत से कूदकर खुदकुशी करने जैसी बात किसी के गले नहीं उतर रही है। परिजनों ने पूरे प्रकरण की सुक्ष्म जांच की मांग की है। ज्ञात हो कि राजेन्द्रनगर थाना क्षेत्र के अमलीडीह स्थित वृदांवन आवासीय परिसर में 1 अपै्रल की रात छह मंजिला इमारत से कथित रूप से गिरकर श्वेता हबलानी की मौत हो गई थी। अब तक पीएम रिपोर्ट न आने से पुलिस की उलझन बढ़ गई है। अमलीडीह स्थित वृंदावन आवासीय परिसर में ग्राउंड फ्लोर में रहने वाली महिला श्वेता हबलानी पति नीरज हबलानी (25) को दो अप्रैल की सुबह अचेत अवस्था खून से लथपथ अपार्टमेंट परिसर में पड़े हुए देखा गया था। उसके सिर के पीछे व सामने तरफ गंभीर चोट के निशान पाए गए थे। घायल अवस्था में श्वेता को एक निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस घटना की जानकारी श्वेता के ममेरे भाई नलघर चौक निवासी सतीश कुमार जादवानी को हुई, तब उसने राजेन्द्रनगर थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। सोमवार को एएसपी सिटी रजनेश सिंह से श्वेता के पिता रमेश चंद ज्ञानचंदानी,ममेरे भाई सतीश और संदीप जदवानी ने भेंटकर बताया कि श्वेता का विवाह वर्ष 2007 में नीरज पिता रामचंद्र हबलानी से हुई थी। शादी के बाद से श्वेता तीन बार मायके दमोह जा चुकी थी। उसने कभी भी परिजनों से ऐसी कोई शिकायत नहीं की है जिससे प्रताड़ना की शंका हो, लेकिन जब भी वह फोन पर अपनी मां और बहन से बात करती थी, ऐसा महसूस होता था कि वह सहमी सी है और साथ में ससुराल पक्ष के किसी सदस्य के खड़े होने के कारण वह स्पष्ट बात करने से हिचकिचा रही है। पिता ने बताया कि एक माह पूर्व डिलीवरी होने के बाद से श्वेता इतनी कमजोर हो गई थी कि बिस्तर में ही पड़ी रहती थी। ऐसे हालात में छठवीं मंजिल तक वह भला कैसे जा सकती है। उन्होंने बताया कि श्वेता का दो बार गर्भपात हुआ था तब से वह डिप्रेशन के दौर से जरूर गुजर रही थी। चिड़चिड़ापन के बावजूद वह आत्मघाती कदम कतई नहीं उठा सकती। घटना के एक दिन पहले श्वेता से मिलने घर पर उसकी बहन गई थी। उस समय श्वेता के नजदीक बैठने और खुलकर बात करने से ननद ने रोका था। पूरे मामले पर संदेह जताते हुए परिजनों ने घटना स्थल पर मौजूद लोगों और चौकीदार का बयान दर्ज कर असलियत उजागर करने की मांग की है।
Monday, April 5, 2010
खुदकुशी नहीं कर सकती श्वेता
पिता और भाई ने एएसपी से लगाई गुहार
रायपुर। संदेहास्पद परिस्थितियों में विवाहिता श्वेता हबलानी की छत से गिरने से हुई मौत के मामले में उसके पिता और भाई ने सोमवार को पुलिस अधिकारियों से भेंटकर इससे साफ इंकार किया है कि श्वेता खुदकुशी कर सकती है। उन्होंने कहा कि डिलीवरी के बाद श्वेता इतनी कमजोर हो चुकी थी कि छठवें माले तक जा ही नहीं सकती। ऐसे में छत से कूदकर खुदकुशी करने जैसी बात किसी के गले नहीं उतर रही है। परिजनों ने पूरे प्रकरण की सुक्ष्म जांच की मांग की है। ज्ञात हो कि राजेन्द्रनगर थाना क्षेत्र के अमलीडीह स्थित वृदांवन आवासीय परिसर में 1 अपै्रल की रात छह मंजिला इमारत से कथित रूप से गिरकर श्वेता हबलानी की मौत हो गई थी। अब तक पीएम रिपोर्ट न आने से पुलिस की उलझन बढ़ गई है। अमलीडीह स्थित वृंदावन आवासीय परिसर में ग्राउंड फ्लोर में रहने वाली महिला श्वेता हबलानी पति नीरज हबलानी (25) को दो अप्रैल की सुबह अचेत अवस्था खून से लथपथ अपार्टमेंट परिसर में पड़े हुए देखा गया था। उसके सिर के पीछे व सामने तरफ गंभीर चोट के निशान पाए गए थे। घायल अवस्था में श्वेता को एक निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस घटना की जानकारी श्वेता के ममेरे भाई नलघर चौक निवासी सतीश कुमार जादवानी को हुई, तब उसने राजेन्द्रनगर थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। सोमवार को एएसपी सिटी रजनेश सिंह से श्वेता के पिता रमेश चंद ज्ञानचंदानी,ममेरे भाई सतीश और संदीप जदवानी ने भेंटकर बताया कि श्वेता का विवाह वर्ष 2007 में नीरज पिता रामचंद्र हबलानी से हुई थी। शादी के बाद से श्वेता तीन बार मायके दमोह जा चुकी थी। उसने कभी भी परिजनों से ऐसी कोई शिकायत नहीं की है जिससे प्रताड़ना की शंका हो, लेकिन जब भी वह फोन पर अपनी मां और बहन से बात करती थी, ऐसा महसूस होता था कि वह सहमी सी है और साथ में ससुराल पक्ष के किसी सदस्य के खड़े होने के कारण वह स्पष्ट बात करने से हिचकिचा रही है। पिता ने बताया कि एक माह पूर्व डिलीवरी होने के बाद से श्वेता इतनी कमजोर हो गई थी कि बिस्तर में ही पड़ी रहती थी। ऐसे हालात में छठवीं मंजिल तक वह भला कैसे जा सकती है। उन्होंने बताया कि श्वेता का दो बार गर्भपात हुआ था तब से वह डिप्रेशन के दौर से जरूर गुजर रही थी। चिड़चिड़ापन के बावजूद वह आत्मघाती कदम कतई नहीं उठा सकती। घटना के एक दिन पहले श्वेता से मिलने घर पर उसकी बहन गई थी। उस समय श्वेता के नजदीक बैठने और खुलकर बात करने से ननद ने रोका था। पूरे मामले पर संदेह जताते हुए परिजनों ने घटना स्थल पर मौजूद लोगों और चौकीदार का बयान दर्ज कर असलियत उजागर करने की मांग की है।
रायपुर। संदेहास्पद परिस्थितियों में विवाहिता श्वेता हबलानी की छत से गिरने से हुई मौत के मामले में उसके पिता और भाई ने सोमवार को पुलिस अधिकारियों से भेंटकर इससे साफ इंकार किया है कि श्वेता खुदकुशी कर सकती है। उन्होंने कहा कि डिलीवरी के बाद श्वेता इतनी कमजोर हो चुकी थी कि छठवें माले तक जा ही नहीं सकती। ऐसे में छत से कूदकर खुदकुशी करने जैसी बात किसी के गले नहीं उतर रही है। परिजनों ने पूरे प्रकरण की सुक्ष्म जांच की मांग की है। ज्ञात हो कि राजेन्द्रनगर थाना क्षेत्र के अमलीडीह स्थित वृदांवन आवासीय परिसर में 1 अपै्रल की रात छह मंजिला इमारत से कथित रूप से गिरकर श्वेता हबलानी की मौत हो गई थी। अब तक पीएम रिपोर्ट न आने से पुलिस की उलझन बढ़ गई है। अमलीडीह स्थित वृंदावन आवासीय परिसर में ग्राउंड फ्लोर में रहने वाली महिला श्वेता हबलानी पति नीरज हबलानी (25) को दो अप्रैल की सुबह अचेत अवस्था खून से लथपथ अपार्टमेंट परिसर में पड़े हुए देखा गया था। उसके सिर के पीछे व सामने तरफ गंभीर चोट के निशान पाए गए थे। घायल अवस्था में श्वेता को एक निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस घटना की जानकारी श्वेता के ममेरे भाई नलघर चौक निवासी सतीश कुमार जादवानी को हुई, तब उसने राजेन्द्रनगर थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। सोमवार को एएसपी सिटी रजनेश सिंह से श्वेता के पिता रमेश चंद ज्ञानचंदानी,ममेरे भाई सतीश और संदीप जदवानी ने भेंटकर बताया कि श्वेता का विवाह वर्ष 2007 में नीरज पिता रामचंद्र हबलानी से हुई थी। शादी के बाद से श्वेता तीन बार मायके दमोह जा चुकी थी। उसने कभी भी परिजनों से ऐसी कोई शिकायत नहीं की है जिससे प्रताड़ना की शंका हो, लेकिन जब भी वह फोन पर अपनी मां और बहन से बात करती थी, ऐसा महसूस होता था कि वह सहमी सी है और साथ में ससुराल पक्ष के किसी सदस्य के खड़े होने के कारण वह स्पष्ट बात करने से हिचकिचा रही है। पिता ने बताया कि एक माह पूर्व डिलीवरी होने के बाद से श्वेता इतनी कमजोर हो गई थी कि बिस्तर में ही पड़ी रहती थी। ऐसे हालात में छठवीं मंजिल तक वह भला कैसे जा सकती है। उन्होंने बताया कि श्वेता का दो बार गर्भपात हुआ था तब से वह डिप्रेशन के दौर से जरूर गुजर रही थी। चिड़चिड़ापन के बावजूद वह आत्मघाती कदम कतई नहीं उठा सकती। घटना के एक दिन पहले श्वेता से मिलने घर पर उसकी बहन गई थी। उस समय श्वेता के नजदीक बैठने और खुलकर बात करने से ननद ने रोका था। पूरे मामले पर संदेह जताते हुए परिजनों ने घटना स्थल पर मौजूद लोगों और चौकीदार का बयान दर्ज कर असलियत उजागर करने की मांग की है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment