दस-दस साल की कैद, प्रतीक व सिद्वार्थ दोषमुक्त
रायपुर। चार साल पहले एमएलए रेस्ट हाउस ‘संगवारी’ में नक्सली सीडी व साहित्य बांटने के मामले में आरोपी बनाए गए मालती उर्फ केएस प्रिया उर्फ शांति रेड्डी व सुरेंद्र कोसरिया को अदालत ने राष्ट्रदोही घोषित कर दिया है। गुरुवार को सुनाए गए फैसले में चतुर्थदश अपर सत्र न्यायाधीश(फास्ट ट्रेक कोर्ट) श्री बीपी पाण्डेय ने दोनों को दस-दस साल कैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया है जबकि मामले के दो अन्य आरोपी प्रतीक झा और सिद्वार्थ उर्फ मोटू शर्मा को दोषमुक्त करार दिया है। ज्ञात हो कि सुरेंद्र को छोड़कर तीनों आरोपी शहरी नक्सली नेटवर्क के खुलासे के दौरान हथियारों के जखीरा मिलने के मामले में •ाी आरोपी बनाए गए है।
जानकारी के मुताबिक 20 फरवरी 2006 को प्रात: 10 बजे से 5 बजे के बीच एमएलए रेस्ट हाउस टैगौरनगर (संगवारी) में 32 लिफाफों में बंद नक्सली साहित्य व दंडकारण स्पेशल जोन कमेटी प्रवक्ता गुडसा उसेंडी के नाम पर एक-एक सीडी कोरियर के माध्यम से विधायकों को मिले थे। सीडी में गुडसा ने सरकार, पुलिस व पूंजिपतियों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह से संबधित बातें कही थी। दो दिन बाद यह मामला विधानस•ाा में प्रतिपक्ष के नेता •ाूपेश बघेल ने जोरशोर से उठाकर विधायक आवास गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। इसके तुरंत बाद टिकरापारा थाने में विधायक आवास गृह चौकी प्र•ाारी विश्वास चंद्राकर की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ वि•िान्न धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया गया था। लेकिन जांच-पड़ताल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। दो साल पहले शहरी नक्सली नेटवर्क के खुलासे और हथियारों का जखीरा मिलने के बाद पुलिस ने 3 फरवरी 2008 को सीडी वितरण के मामले में मुख्य आरोपी गुडसा उसेंडी की पत्नी मालती उर्फ केएस प्रिया के मेमोरेंडम के आधार पर सुरेंद्र कोसरिया, प्रतीक झा, सिद्वार्थ शर्मा समेत 60 लोगों को नामजद आरोपी बनाया था। 4 फरवरी 08 को मालती व सुरेंद्र व 26 अप्रैल 08 को प्रतीक व सिद्वार्थ की गिरफ्तारी की गई । 30 अप्रैल 08 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। मामले में 23 गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज किए गए। गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए चतुर्थदश अपर सत्र न्यायाधीश(फास्ट ट्रेक कोर्ट) श्री बीपी पाण्डेय ने मालती उर्फ केएस प्रिया उर्फ शांति उर्फ प्रेमकुमारी पत्नि के. रामचंद्र रेड्डी उर्फ विजय उर्फ गुडसा उसेडी(प्रवक्ता प्रचार कमेटी दंडकारण्य माकपा( माओवादी) (40) निवासी बदरुद्दीन का मकान फरीदनगर, सुपेला(•िालाई) व सुरेंद्र कुमार वल्द धरमदास कोसरिया (40) निवासी संजयनगर , कुम्हारी(दुर्ग) को दोषसिद्व करार दिया। दोनों को आईपीसी की धारा 121 क, 34 में दस साल व पांच सौ रुपए जुर्माना, धारा 117 ,34 में तीन साल व पांच सौ रुपए जुर्माना, धारा 124 क, 34 में तीन साल व पांच सौ रुपए का जुर्माना, धारा 153 (क), 34 में तीन साल व पांच सौ रुपए जुर्माना, धारा 505 , 34 में तीन साल की कैद व पांच सौ रुपए जुर्माना, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की धारा 10 (क) (1, 3, 4) में दो साल व पांच सौ जुर्माना, धारा 80 में दो साल, धारा 20 में दस साल तथा धारा 21 में एक साल कैद की सजा से दंडित किया गया। जबकि प्रतीक झा उर्फ बाबा वल्द प्रफुल्ल झा (25) निवासी क्वार्टर नंबर डी- 47 रोहणीपुरम थाना डीडीनगर तथा सिद्वार्थ शर्मा उर्फ मोटू उर्फ राजाराम वल्द नरसिंह शर्मा(24) निवासी क्वार्टर नंबर 148 सेक्टर 3 डीडीनगर को मामले से दोषमुक्त कर दिया गया। मामले में प्रतीक झा की ओर से अधिवक्ता अमीन खान, सिद्वार्थ शर्मा की ओर से अधिवक्ता बीपी शर्मा तथा मालती व सुरेंद्र की पैरवी अधिवक्ता सादिक अली ने की। विशेष लोक अ•िायोजक शशिकांत शर्मा थे।
क्या हुआ? पूछती रही मालती
अदालत परिसर में दोपहर दो बजे जब चारों आरोपियों को लाया गया तब स•ाी के चेहरे पर चिंता के •ााव स्पष्ट रुप से झलक रहे थे। देर शाम को कोर्ट में पेश होने पर फैसले की घड़ी आई तब आरोपी कटघरे में चुप से खड़े थे। फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद मालती ने अधिवक्ताओं से किस धारा में कितना सजा दी गई है,के बारे में बार पूछा। मालती ने सजा सुनकर कहा,बस इतने साल की ही सजा मिली।
सुरक्षा बल अलर्ट रहा
चारों आरोपियों को अदालत परिसर में •ाारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखा गया था। मेटाडोर में बैठे आरोपियों के चारों तरफ हथियारबंद जवान खड़े थे। मालती को महिला पुलिस कर्मी साथ लेकर चल रही थी। टीआई सिविल लाइंस राजीव शर्मा, टीआई राजेंद्रनगर अशफाक अहमद अंसारी तथा क्राइम ब्रांच के कर्मचारी सादे कपड़े में तैनात होकर नजर रखे हुए थे।
कब क्या हुआ
20 फरवरी 06- एमएल रेस्ट हाउस में 32 लिफाफों में बंद नक्सली साहित्य व सीडी ब्लेज फ्लेश व फ्लाईकिंग कोरियर रामसागरपारा के माध्यम से स•ाी विधायकों को मिले।
22 फरवरी 06 - कांग्रेस नेता •ाूपेश बघेल ने विधानस•ाा में मामला उठाया। उसी दिन टिकरापारा थाने में एफआईआर दर्ज।
28 दिसम्बर 2006- पुलिस ने मामले का खात्मा क्रमांक 101/ 06 पेश किया।
3 फरवरी 08-मालती उसेंडी के मेमोरेंडम के आधार पर 60 आरोपियों के नाम आए। उसी दिन तात्कालीन एसपी के आदेश पर प्रकरण को री ओपन किया गया। सीएसपी केबी खत्री के विवेचना के बाद तात्कालीन एएसपी ग्रामीण आईएच खान के नेतृत्व में डीएसपी मुक्ति तिर्की, एसआई अशफाक अहमद अंसारी, लल्ला सिंह राजपूत समेत अन्य की जांच टीम गठित
4 फरवरी 08- मालती व सुरेंद्र की गिरफ्तारी हुई।
26 अप्रैल08- प्रतीक व सिद्वार्थ की गिरफ्तारी।
30 अप्रैल 08- अदालत में चालान पेश।
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